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स्वास्थ्य और त्वचा के लिए फायदेमंद है योग

Ritisha Jaiswal
15 Jun 2022 11:01 AM GMT
स्वास्थ्य और त्वचा के लिए फायदेमंद है योग
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यदि आप अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करना चाहते हैं , अपनी माँस पेशियों को मजबूत बनाना चाहते हैं

यदि आप अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करना चाहते हैं , अपनी माँस पेशियों को मजबूत बनाना चाहते हैंतथा जिन्दगी के रोजमर्रा के तनाव से मुक्ति चाहते है तो आप केवल योग और प्राणायाम कीजिये। योग से चेहरे पर असली आभा का निखार आता है और आपकी रंगत भी निखार आती है तथा आपका चेहरा के कारण आपका व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक और मनमोहक दिखता हैं।

रोज सुबह प्राणायाम , अनुलोम विलोम ,शीर्षाशन ,मत्स्य आसान से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे शरीर की पाचन प्रणाली सामान्य हो जाती है और रक्त का बहाव सही हो जाता है जिसके परिणाम स्वरुप त्वचा में खिंचाव आता है और झुर्रियां हट जाती हैं। आप सुन्दर और स्वस्थ दिखने लगते हैं ।
योग आसनों से आप गहरी नींद पा सकते हैं, कोर्टिसोल स्तर कम हो जाता है, कोलेजन में वृद्धि होती है जिससे आपकी स्वास प्रणाली मजबूत होती है, आपके जोड़ों को चिकनाहट मिलती है, आपकी मांस पेशियाँ मजबूत होती हैं। योग में सांस लेने बाली क्रियायों तथा शरीर के विभिन्न आसनों से हार्मोन्स सन्तुलित होते हैं तथा आंतड़ियों में जमा गन्दगी बाहर आ जाती है। जिससे आप हल्का और स्वस्थ महसूस करते हैं। इसे आंतरिक सौन्दर्य का नाम दिया जाता है।
शायद आप यह जानकर भी हैरान होंगे की कोरोना से लड़ाई जीतने में योग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है की अगर आप लगातार योग करते हैं तो आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो कि कोरोना से जंग में अहम भूमिका अदा कर सकती है तथा आपके स्वास्थ्य ,सेहत और तंदरुस्ती को बढ़ाता है। योग से प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ावा निश्चित माना जाता है। इसके लगातार अभ्यास से सेहत , सौन्दर्य और प्रतिरोधक क्षमता को बल मिलता है।
अगर आप शारीरिक रूप से सुन्दर हैं तो आपका सौन्दर्य चेहरे पर स्वभाविक रूप से झलकेगा। कुछ योग आसनों के नियमित अभ्यास से आप प्राकृतिक सुन्दरता , दमकती त्वचा तथा शारीरिक आकर्षण ग्रहण कर सकते है। वास्तव में अगर आप योग साधना को अपने जीवन से जोड़ लें तो शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही प्राकृतिक तौर पर स्थाई रूप से सुन्दर तथा प्रभावशाली भी बनाया जा सकता है तथा महंगे सौन्दर्य प्रसाधनों ,ब्यूटी सैलूनों के महंगे उपचार तथा समय को बचाया जा सकता है।
भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति योग के साधारण आसनों के जरिए आप स्थाई आन्तरिक तथा बाहरी सौन्दर्य से मुफ्त में हीआसानी से पा सकते है। प्रतिदिन महज आध घण्टा सुबह तथा शाम सूर्या नमस्कार, प्राणायाम, उत्थानआसन, कपालभाती, धनुरासन तथा सांसो की क्रिया के माध्यम से आप अपने यौवन, सौन्दर्य तथा प्राकृतिक आकर्षण को जीवनभर बनाऐ रख सकते है।
बालों तथा त्वचा के लिए फायदेमंद प्राणायाम
प्राणायाम से जहां तनाव कम होता है वहीं दूसरी ओर शरीर में प्राण वायू का प्रभावी संचार होता है तथा रक्त का प्रभाव बढ़ता है। प्राणायाम सही तरीके से सांस लेने की बेहतरीन अदा है। प्रतिदिन 10 मिनट तक प्राणायाम से मानव शरीर की प्राकृतिक क्लीजिंग हो जाती है।
प्राणायम के फायदे
प्राणायाम का आज पूरे विश्व में अनुसरण किया जाता है। प्राणायाम से मानव खोपड़ी में व्यापक आक्सीजन तथा रक्त संचार होता है। जिससे बालों की प्राकृतिक रूप से वृद्वि होती है तथा बालों का सफेद होना तथा झड़ने जैसी समस्या को रोकने में भी मदद मिलती है। योगा का मानसिक शारीरिक, भावनात्मक तथा मनोभाव पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है। योगा से आप आत्मिक तौर पर शान्त महसूस करते हैं। जिससे आपके बाहरी सौन्दर्य में भी निखार आता है।
आमतौर पर अनिद्रा, तनाव आदि में पैदा होने वाली कील, मुहांसे, काले धब्बों आदि की समस्याओं के स्थाई उपचार में योग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उत्थान आसन के लगातार उपयोग से आप कील, मुंहासे, काले धब्बों आदि की समस्याओं का स्थाई उपचार पा सकते है। कपालभाती शासीर में कार्बन डाईक्साईड को हटाकर खून को साफ करने में मदद मिलती है। उससे शरीर में हल्कापन महसूस होता है।
धनुरासन करने के फायदे
धनुरासन से शरीर में रक्त का प्रभाव बढ़ता है तथा शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में मदद मिलती है इससे शरीर की त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है तथा त्वचा की रंगत में निखार भी आता है।योग के लगातार अभ्यास से त्वचा तथा शरीर में यौवन को दीर्घ कालीन तौर पर बनाए रखने में मदद मिलती है। योगासन से रीढ़ की हड्डी तथा जोड़ों को लचकदार बनाकर रखा जा सकता है। जिससे शरीर लम्बे समय तक लचीला तथा आकर्षक बनता है, योग से शरीर के भार को कम करने में भी मदद मिलती है तथा इससे मांसपेशियां नरम तथा मुलायम हो जाती है। योगा से थकान में भी मुक्ति मिलती है तथा शरीर में ऊर्जा का प्रभावी संचार होता है।
सूर्यानमस्कार आसन के फायदे
सूर्यानमस्कार आसन से पूरे शरीर में नवयौवन का संचार होता है। सूर्यानमस्कार से शरीर पर बढ़ती आयु के प्रभाव को रोका जा सकता है तथा यह चेहरे तथा शरीर पर बुढ़ापे की भाव मुद्राओं के प्रभाव को रोकने में मददगार साबित होता है।
इससे नाड़ी तंत्र को स्थिर रखने में मदद मिलती है। इससे तनाव को कम करने तथा मानसिक संतुलन में भी लाभ मिलता है। योग प्राचीन भारतीय विद्या है तथा इसके निरन्तर अभ्यास से संयमित व्यक्तित्व तथा वृद्वावस्था की भाव मुद्राओं को रोकने में मदद मिलती है। योग का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे सांसों पर नियन्त्रण रहता है तथा योगाभ्यास के दौरान सांस खींचने तथा सांस बाहर निकलाने की उचित विधि से शवास को संयमित करने में मदद मिलती है जिससे शरीर में आक्सीजन को नियन्त्रित करने में सहायक सिद्ध होती है। योग से शारीरिक तथा मानसिक उल्लास की असीम अनुभूति प्राप्त होती है।
जीवन की भाग-दौड़ वाली जिंदगी से परेशान होकर हर कोई जिंदगी को आसान बनाना चाहता है। ऐसी स्थिति में क्या आप अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए थोड़ा समय योग को नहीं दे सकते? योग एक ऐसी विधा है जिससे अपने मन को स्थिर कर सकते हैं। जब तक मन शुद्ध या स्थिर नहीं होता, तन भी अशुद्ध रहता है। योगाभ्यास द्वारा ही तन व मन की शुद्धि होती है और तन-मन निरोगी हो जाता है। योगाभ्यास से मन को स्वस्थ्य और शांत बनाया जा सकता है।
शरीर को स्वस्थ्थ बनाने में तन और मन का बेहतर योगदान होता है। आमतौर पर देखा गया है कि शारीरिक बीमारियों के मानसिक आधार होते हैं। क्रोध आपके मन को विकृत करता है जिससे आप विभिन्न प्रकार की बीमारियों से घिर जाते हैं फिर भी क्रोध से बिल्कुल अनभिज्ञ रहते हैं। योगाभ्यास क्रोध पर नियंत्रण रखने में अहं भूमिका निभाता है।
सौंदर्य को बढ़ाता है योग
जब सौंदर्य की बात करते है तो केवल बाहरी चेहरे की सौंदर्य की ही बात नहीं करते बल्कि इसमें आकृति सूरत भी शामिल होती है जिसमें लचकपन हावण्भाव तथा शारीरिक आर्कषण होना बहुत ही आवश्यक होता है।




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