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थैलेसीमिया से पीड़ित महिला प्रेगनेंसी प्‍लान करते हुए रखें इन बातों का ध्‍यान

Neha Dani
11 July 2022 7:22 AM GMT
थैलेसीमिया से पीड़ित महिला प्रेगनेंसी प्‍लान करते हुए रखें इन बातों का ध्‍यान
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अनियमित पीरियड्स के बारे में जानकर अपनी गर्भावस्था को लेकर चिंतित रहते हैं।

हर साल 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है। यह दिन आम जनता के बीच थैलेसीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक थैलेसीमिया समुदाय को जोड़ने और रोगियों के जीवन और कल्याण में सुधार के लिए बदलाव की वकालत करने में सहायता करने के लिए समर्पित है।

थैलेसीमिया एक ऑटोसोमल रिसेसिव ब्‍लड डिसऑर्डर है, एक प्रकार का जेनेटिक डिसऑर्डर जिसमें शरीर का हीमोग्लोबिन संश्लेषण कम या दबा हुआ होता है। जिस वजह से इस स्थिति में लाल रक्त कोशिकाओं को कमजोर और नष्ट करने के लिए जानी जाती है, जो शरीर के हीमोग्लोबिन के उत्पादन में हस्तक्षेप करती है, और इसके परिणामस्वरूप हल्का या गंभीर एनीमिया यानी रक्‍त की कमी होती है।
थैलेसीमिया से पीड़ित महिलाएं जब प्रेगनेंसी प्‍लान करती है तो उनमें गर्भावस्था को लेकर कुछ समस्‍याएं देखने को मिल सकती है, इसल‍िए इस स्थित‍ि का निदान समय पर होना जरुरी है। आज हम यहां, थैलेसीमिया से पीड़ित महिलाओं में गर्भावस्था की प्‍लान‍िंग से लेकर इससे जुड़ी गंभीरता पर चर्चा करेंगे।

थैलेसीमिया है क्या?
थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रोग है, जो मनुष्य के रक्त को प्रभावित करता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रोग परिवार में एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी तक जा सकता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में उसके बॉडी वेट का सात प्रतिशत खून होता है। यह करीब 4.7 से 5.5 लीटर होता है। यह खून बोन मैरो में बनता है। बोन मैरो इंसान की प्रमुख हड्डियों के बीच पाया जाने वाला मुलायम ऊतक है। जिसे अस्थि मज्जा भी कहते हैं। जिस रोगी को थैलेसीमिया हो जाता है, उसके शरीर में हीमोग्लोबीन में गड़बड़ी आ जाती है। इससे लाल रक्त कण (RBC) नहीं बन पाते हैं और शरीर में खून की कमी होने लगती है और यदि मरीज को थैलेसीमिया मेजर हो, तो 25-30 साल में उसके शरीर में इतनी समस्याएं आने लगती हैं कि अंतत: उसकी मृत्यु हो जाती है।

थैलेसीमिया और गर्भावस्था
थैलेसीमिया और गर्भावस्था गर्भावस्था के दौरान थैलेसीमिया मां और भ्रूण दोनों के लिए कई जटिलताओं से जुड़ा हुआ है। चूंकि थैलेसीमिया का अक्सर जीवन के पहले दो वर्षों के भीतर निदान किया जाता है, इस स्थिति वाले लोग को अपनी बढ़ती उम्र के साथ इस स्थिति के बारे में पता होता है।

यही कारण है कि थैलेसीमिया से पीड़ित कई महिलाएं अक्सर अपनी स्थिति और इससे संबंधित लक्षणों और जटिलताओं जैसे बढ़े हुए प्लीहा और अनियमित पीरियड्स के बारे में जानकर अपनी गर्भावस्था को लेकर चिंतित रहते हैं।


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