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World TB Day 2023 : क्यों मनाया जाता है विश्व टीबी दिवस

Apurva Srivastav
23 March 2023 5:51 PM GMT
World TB Day 2023 : क्यों मनाया जाता है विश्व टीबी दिवस
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विश्व टीबी या तपेदिक दिवस (World TB Day) प्रत्येक साल 24 मार्च को मनाया जाता है.
विश्व टीबी या तपेदिक दिवस (World TB Day) प्रत्येक साल 24 मार्च को मनाया जाता है. विश्व टीबी दिवस का उद्देश्य टीबी को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसकी रोकथाम करने से है. विश्व टीबी दिवस फेफड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले गंभीर जीवाणु रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु मनाया जाता है.
यह दिवस विश्व स्तर पर इसके स्वास्थ्य प्रभावों के साथ-साथ तपेदिक के सामाजिक एवं आर्थिक परिणामों पर भी प्रकाश डालता है. विश्व टीबी दिवस के मौके पर जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
विश्व टीबी दिवस का इतिहास
जर्मन फिजिशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कॉच ने 24 मार्च 1882 को टीबी के बैक्टीरियम यानी जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्युबरक्लोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) की खोज की थी. बता दें कि उनकी यह खोज आगे चलकर टीबी के निदान एवं इलाज में बहुत मददगार साबित हुई.
इस योगदान हेतु इस जर्मन माइक्रोबायोलॉजिस्ट को साल 1905 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया. यही कारण है कि प्रत्येक साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) टीबी के सामाजिक, आर्थिक और सेहत हेतु हानिकारक नतीजों पर दुनिया में पब्लिक जागरूकता फैलाने और दुनिया से टीबी के खात्मे की कोशिशों में तेजी लाने के लिए ये दिन मनाता आ रहा है.
कैसे मनाया जाता विश्व टीबी दिवस हैं?
इस दिन, विश्वभर के विभिन्न संगठन तपेदिक से संबंधित कार्यक्रम एवं गतिविधियों का आयोजन करते हैं. स्टॉप टीबी पार्टनरशिप में शामिल संगठन हर साल इस दिन को बढ़ावा देने हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ काम करते हैं.
टीबी पूरी दुनिया में मौजूद
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार टीबी से बीमार होने वाले ज्यादातर लोग निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं, लेकिन टीबी पूरी दुनिया में मौजूद है.
टीबी के लक्षण
टीबी के लक्षण में तीन सप्ताह या इससे अधिक समय तक खांसी रहना, सीने में दर्द महसूस होना, खांसने पर या खांसने के बाद बलगम में खून आना, बहुत अधिक थकान और कमजोरी महसूस होना, अचानक से वजन बहुत अधिक कम हो जाना, भूख न लगना, कंपकंपी महसूस होना और बुखार आना, रात में बहुत अधिक पसीना आना इत्यादि है.
टीबी का इलाज
बता दें कि टीबी का इलाज आमतौर पर 3 महीने से लेकर 9 महीने तक चलता है. लक्षण चले जाने के बाद भी बेहद जरूरी है कि आप दवा का कोर्स पूरा करें वरना बीमारी के दोबारा उभरने की ज्यादा आशंका रहती है.
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