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World Schizophrenia Day 2021: सिज़ोफ्रेनिया की बीमारी, क्या ये भी है कोरोना के कारण? जानिए लक्षण

Nilmani Pal
24 May 2021 5:05 PM GMT
World Schizophrenia Day 2021: सिज़ोफ्रेनिया की बीमारी, क्या ये भी है कोरोना के कारण? जानिए लक्षण
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सिज़ोफ्रेनिया एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसके चलते लोगों का सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सिज़ोफ्रेनिया एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसके चलते लोगों का सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है। इस गंभीर मानसिक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 24 मई को 'वर्ल्ड सिजोफ्रेनिया डे' मनाया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सिज़ोफ्रेनिया के शिकार व्यक्ति को हमेशा भ्रम की स्थिति रहती है। मस्तिष्क में रसायनिक असंतुलन के कारण किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में सिजोफ्रेनिया की समस्या हो सकती है।

देश में कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच कई लोगों के मन में सवाल आ रहे हैं कि क्या यह भी सिज़ोफ्रेनिया के कारक हो सकते हैं? आइए इस मानसिक समस्या के बारे में विशेषज्ञ से जानते हैं।
क्या कोरोना या ब्लैक फंगस बन सकता है कारण

अमर उजाला से बातचीत के दौरान मनोरोग विशेषज्ञ डॉ आशीष मित्तल बताते हैं कि कोरोना या ब्लैक फंगस प्रत्यक्ष रूप से सिज़ोफ्रेनिया का कारण नहीं हो सकता है। हालांकि कोरोना के समय में बढ़े तनाव के कारण लोगों में सिजोफ्रेनिया की समस्या बढ़ सकती है। यानी कि जिन लोगों के परिवार में किसी को इस तरह की दिक्कतें रह चुकी हों, उन लोगों में सिजोफ्रेनिया होने का डर रहता है। कोरोना या ब्लैक फंगस को प्रत्यक्ष रूप से इसका कारक नहीं माना जा सकता है।

अवसाद, चिंता और सिजोफ्रेनिया में अंतर को कैसे पहचानें?

डॉ आशीष कहते हैं कि लोगों के लिए इसमें अंतर कर पाना कठिन हो सकता है। अवसाद, चिंता में मरीज को पता होता है कि वह बीमार है लेकिन सिजोफ्रेनिया में रोगी को इस समस्या के बारे में पता ही नहीं होता है। रोगियों को लगता है कि सारी चीजें उनके साथ असामान्य रूप से घटित हो रही हैं। आसपास के लोग ही किसी व्यक्ति के लक्षणों को देखते हुए सिजोफ्रेनिया की पहचान कर सकते हैं।

सामान्य लक्षण क्या होते हैं?

डॉ आशीष बताते हैं कि सिजोफ्रेनिया में लोगों को हमेशा भ्रम की स्थिती बनी रहती है। उन्हें आसपास से आवाजें आने का अनुभव होता है पर उन्हें नहीं पता होता कि यह दिक्कत बीमारी के कारण हो रही है। रोगी को शक होता है कि दूसरे लोग उनके बारे में बातें कर रहे हैं, लोग उसकी बारे में बुराई कर रहे हैं। इस स्थिति को 'इनसाइड अब्सेंट' के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा कुछ रोगियों में यह समस्याएं भी हो सकती हैं।

चेहरे की अभिव्यक्ति की कमी

भावनात्मक अभिव्यक्ति की कमी

किसी चीज पर ध्यान देने में कठिनाई।

मनोविकृति जैसे भ्रम और मतिभ्रम की स्थिति।

व्यक्ति उन चीजों को देख, महसूस या सूंघने का अनुभव कर सकता है जो वास्तव में वहां होती ही नहीं हैं।

सिजोफ्रेनिया किन कारणों से हो सकता है?

मनोरोग विशेषज्ञ डॉ आशीष के मुताबिक इसके कई कारक हो सकते हैं।

आनुवंशिक: यदि परिवार किसी को सिज़ोफ्रेनिया की दिक्कत रही हो तो अन्य लोगों को हो सकता है।

मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन

वातावरणीय कारक जैसे जन्म के समय आघात, विषाणु संक्रमण आदि।

कुछ प्रकार की दवाइयां भी इस समस्या को जन्म दे सकती हैं।

क्या करना चाहिए?

डॉ आशीष कहते हैं कि यदि आपको अपने आसपास किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में असामान्यता दिखे, तो उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। कुछ प्रकार की दवाइयों से इसको ठीक किया जा सकता है, हालांकि सबसे जरूरी है कि लोगों में इस समस्या के लक्षणों की पहचान की जाए।


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