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लाइफ स्टाइल
World Pneumonia Day 2021: निमोनिया के ये लक्षण जानलेवा हो सकते हैं, इन्हें न करें नजर अंदाज
Bhumika Sahu
12 Nov 2021 3:57 AM GMT
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निमोनिया वायरस से होने वाला एक संक्रमण है, जिसके लक्षण हल्के और गंभीर दोनों तरह के हो सकते हैं. गंभीर होने की स्थिति में निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है. इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 12 नवंबर को वर्ल्ड निमोनिया डे (World Pneumonia Day) मनाया जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है जो वायरस के कारण होता है. निमोनिया के दौरान वायुकोष में तरल जमा हो जाता है, जिसकी वजह से खांसी और कफ के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ, बुखार, ठंड लगना आदि समस्याएं होने लगती हैं. कई बार व्यक्ति इन लक्षणों को सामान्य फ्लू समझकर नजरअंदाज कर देता हैं.
लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि निमोनिया को समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो ये गंभीर रूप ले सकता है. इसके कारण व्यक्ति की जान भी खतरे में पड़ सकती है. लोगों को इस बीमारी को लेकर जागरूक करने के लिए हर साल वर्ल्ड निमोनिया डे (World Pneumonia Day) मनाया जाता है. आज विश्व निमोनिया दिवस 2021 (World Pneumonia Day 2021) के मौके पर जानिए इस बीमारी से जुड़ी खास बातें.
निमोनिया की वजह
निमोनिया की मुख्य वजह बैक्टीरिया या वायरस है. ये बैक्टीरिया नाक और मुंह के जरिए वायुमार्ग से फेफड़ों में जाते हैं. यदि इम्यून सिस्टम मजबूत हो तो शरीर इन बैक्टीरिया को निष्प्रभावी कर देता है, लेकिन इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर ये बैक्टीरिया हावी हो जाता है और एक ही समय में एक या दोनों फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है. कई बार निमोनिया का बैक्टीरिया शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है. ऐसे में अस्पताल में भर्ती करने की नौबत भी आ सकती है. इसलिए इसके लक्षणों को सामान्य समझकर टालने की गलती न करें.
ये होते हैं लक्षण
– तेज बुखार
– छाती में दर्द
– मितली या उल्टी
– दस्त
– सांस लेने में कठिनाई
– थकान और कमजोरी
– कफ के साथ खांसी आदि
किनको होता है खतरा
निमोनिया की समस्या वैसे तो बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. लेकिन सबसे ज्यादा इसका खतरा 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को, 2 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है. इसके अलावा जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो, जिन्हें सांस या दिल की बीमारी हो, जिनके किसी अंग का ट्रांसप्लांट हुआ हो, कीमोथैरेपी चल रही हो, एड्स की समस्या हो, उन्हें निमोनिया होने की आशंका सामान्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा होती है.
कब करें डॉक्टर से संपर्क
सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही हो, सीने में दर्द हो, बुखार 102 या इससे ज्यादा हो, लगातार खांसी आ रही हो, कफ और बलगम आ रहा हो, बलगम गाढ़ा हरा या पीले रंग का हो, तो देर किए बगैर विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए. शुरुआती स्थिति में इसे दवाओं के जरिए ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर ये गंभीर हो गया तो हालात चिंताजनक हो सकते हैं.
बचाव के लिए क्या करें
– हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं. कुछ खाने या पीने से पहले भी हाथों को साफ करें.
– खांसते और छींकते समय मुंह पर रुमाल रखें.
– इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं. हेल्दी फूड खाएं और नियमित रूप से योग, प्राणायाम और एक्सरसाइज करें.
– निमोनिया और फ्लू से बचाव के लिए कुछ वैक्सीन उपलब्ध हैं, इन्हें लगवाकर इस जोखिम से बच सकते हैं.
– स्मोकिंग न करें, ये आपके फेफड़ों को बीमार बनाता है. स्मोकिंग करने वालों के लिए निमोनिया की स्थिति खतरनाक हो सकती है.
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