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World Heart Day 2021: हार्ट अटैक के मामले सुबह के समय और ठंड के मौसम में बढ़ जाते हैं, जानिए

Bhumika Sahu
29 Sep 2021 6:07 AM GMT
World Heart Day 2021: हार्ट अटैक के मामले सुबह के समय और ठंड के मौसम में बढ़ जाते हैं, जानिए
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हार्ट अटैक के अधिकतर मामले सुबह के समय या ठंड के मौसम में आते हैं. ऐसा क्यों होता है, यहां जानें इसके बारे में. साथ ही हार्ट अटैक की वजह और बचाव के तरीके भी जानें, ताकि इसके जोखिम से खुद को बचा सकें.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज विश्व हृदय दिवस 2021 (World Heart Day 2021) मनाया जा रहा है. वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation) की तरफ से इस दिन की शुरुआत इसलिए की गई थी, ताकि लोगों को दिल की सेहत को लेकर जागरुक किया जा सके और उन्हें हार्ट से जुड़ी बीमारियों के जोखिम से बचाया जा सके.

दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत हार्ट से जुड़ी समस्याओं की वजह से होती है. युवाओं में भी अब हार्ट से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. हाल ही बिग बॉस 13 के विनर सिद्धार्थ शुक्ला का निधन भी हार्ट अटैक की वजह से हुआ था. आमतौर पर आपने नोटिस किया होगा कि हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा मामले सुबह के समय या ठंड के मौसम में आते हैं. यहां जानिए ऐसा क्यों होता है और हार्ट अटैक की वजह क्या है ?
हार्ट अटैक की कॉमन वजह
हार्ट अटैक की सबसे बड़ी वजह हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, डायबिटीज और हाई फैट डाइट को माना जाता है. लेकिन इसके अलावा कुछ ऐसी सामान्य वजह भी होती हैं, जिनके बारे में लोगों को पता नहीं होता जैसे- माइग्रेन, नींद की कमी, स्ट्रेस, कॉफी का अधिक सेवन, ठंड का मौसम और सुबह का समय आदि .
सुबह के समय इस​लिए बढ़ते हैं हार्ट अटैक के मामले
दरअसल सुबह के समय दिन की तुलना में डेड मसल सेल 20 प्रतिशत ज्यादा होते हैं. ऐसे में दिल को अपना काम करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. वहीं रक्त ध​मनियां संकुचित होती हैं और ये ब्लड क्लॉट्स को खत्म करने की क्षमता नहीं रखती हैं. इसकी वजह से सुबह के समय हार्ट अटैक के मामले ज्यादा होते हैं. इसके अलावा सुबह के समय हमारा दिमाग शरीर को हार्मोन से भर देता है, जिसकी वजह से हमारी नींद खुलती है. ऐसे में हार्ट पर अतिरिक्त तनाव की स्थिति पैदा होती है. वहीं रातभर की लंबी नींद के बाद सुबह के समय डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है. इन स्थितियों के बीच हार्ट पर दबाव बढ़ता है और उसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में कई बार हार्ट अटैक ​की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
ठंड में हार्ट अटैक के मामले बढ़ने की वजह
ठंड में हार्ट अटैक के मामले बढ़ने की वजह है कि ठंड के मौसम में नसें ज्यादा सिकुड़ती हैं और सख्त बन जाती हैं. इन्हें गर्माहट देने और एक्टिव करने के लिए नसों में ब्लड का फ्लो बढ़ता है. ऐसे में अक्सर बीपी भी बढ़ जाता है. हाई बीपी अक्सर हार्ट अटैक की वजह बन जाता है. इसलिए जिन्हें हार्ट संबन्धी बीमारियां हैं और जिन्हें हार्ट अटैक आ चुका है, उन्हें ठंड के मौसम में काफी सतर्क रहने की जरूरत होती है.
कैसे करें बचाव
– नींद पूरी लें और नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूर करें.
– सिगरेट, शराब और कॉफी का सेवन न करें.
– सर्दी के मौसम में जल्दी न उठें और न ही सुबह सैर के लिए निकलें.
– तनाव से निपटने के लिए मेडिटेशन जरूर करें.
– सुबह के समय उठकर दो गिलास गुनगुना पानी बैठकर पीएं.
– अधिक चिकनाईयुक्त भोजन और प्रोसेस्ड ​फूड के सेवन से परहेज करें.
– नमक का सेवन कम करें.
– मन को विचलित करने वाली न्यूज आदि न देखें.


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