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World Cancer Day: जानिए क्या मेनोपॉज़ से हो सकता है स्तन कैंसर का खतरा?
Neha Dani
4 Feb 2021 8:56 AM GMT
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फाइल फोटो
मेनोपॉज़ अक्सर कई तरह के शारीरिक परिवर्तन भी लाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक: World Cancer Day: मेनोपॉज़ अक्सर कई तरह के शारीरिक परिवर्तनों भी लाता है। यह कैंसर के जोखिम और कैंसर की रोकथाम के बारे में अनिश्चितता भी ला सकता है। हालांकि, मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि मेनोपॉज़ की वजह से कैंसर नहीं होता है, लेकिन आपकी उम्र जैसे बढ़ती है, वैसे ही कैंसर होने का जोखिम भी बड़ा होता जाता है। इसलिए जो महिलाएं मेनोपॉज़ से गुज़र रही हैं, वे कैंसर से पीड़ित भी हो सकती हैं क्योंकि उनकी उम्र ज़्यादा है।
मेनोपॉज़ एक महिला में कैंसर के जोखिम को कैसे प्रभावित करता है?
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. रमेश सरीन का कहना है, "कई बार महिलाओं में मेनोपॉज़ को स्तन कैंसर के जोखिम से जोड़ा जाता है, हालांकि इसे साबित करने के लिए कोई पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
मेनोपॉज़ अक्सर शारीरिक के साथ-साथ भावनात्मक परिवर्तन लाता है, जिससे कैंसर के साथ और अन्य बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। 55 साल की उम्र के बाद मेनोपॉज़ शुरू होने से एक महिला में स्तन कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर होने का ख़तरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि वह अधिक एस्ट्रोजन के संपर्क में आ जाती हैं। हालांकि, नियमित स्क्रीनिंग और एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने से मेनोपॉज़ के बाद कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
मेनोपॉज़ के बाद ऐसे करें कैंसर के जोखिम को कम
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. प्रवीण गर्ग ने कहा, " महिलाओं में स्तन कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, हालांकि मेनोपॉज़ तक पहुंचने वाली महिलाओं को इसका अधिक ख़तरा हो सकता है। मेनोपॉज़ के बाद वज़न बढ़ जाना, खराब लाइफस्टाइल अपनाना कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। मेनोपॉज़ के लक्षणों को स्वस्थ तरीके से मैनेज करने और कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए ये करें:
सिर पर पिंक स्कॉर्फ बांधे हुए महिला
सर्जिकल ऑलकोलॉजी के सीनियर कंसलटेंट dr. Shuhaib Zaidi, का कहना है," जिन महिलाएं में मेनोपॉज़ देर से आता है, उनमें ओवेरियन कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि वे अधिक समय तक ओव्यूलेट कर रही थीं। मेनोपॉज़ कैंसर की वजह नहीं होता। उम्र के साथ कैंसर के होने का ख़तरा बढ़ जाता है, इसलिए उम्रदराज़ महिलाएं, जो मेनोपॉज़ से गुज़र रही होती हैं, अपने आप कैंसर के जोखिम वाली श्रेणी में आ जाती हैं। जो महिलाएं देर से मेनोपॉज़ तक पहुंचती हैं, उनमें ओवेरियन कैंसर का ख़तरा और भी बढ़ जाता है, संभवतः इसलिए क्योंकि वे आधिक समय तक ओव्यूलेशन से गुज़री होती हैं। जिन महिलाओं में 55 की उम्र के बाद मेनोपॉज़ आता है, उनमें स्तन या फिर एंडोमेट्रियल कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है।"
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