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महिला ऑस्टियोपोरोसिस स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सबसे गंभीर खतरा

Teja
29 Dec 2021 12:53 PM GMT
महिला ऑस्टियोपोरोसिस स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सबसे गंभीर खतरा
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NCBI की साइट पर 2015 में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर सिर्फ भारतीय महिलाओं के नजरिए से ऑस्टियोपोरोसिस की पड़ताल करने की कोशिश करता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | NCBI की साइट पर 2015 में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर सिर्फ भारतीय महिलाओं के नजरिए से ऑस्टियोपोरोसिस की पड़ताल करने की कोशिश करता है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की रिपोर्ट कहती है कि भारत में हर आठ में से एक पुरुष और हर तीन में से एक महिला ऑस्टियोपोरोसिस की शिकार है.

भारत में कुल 29 फीसदी महिलाएं अपने जीवन के किसी ने किसी चरण में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्‍या का सामना करती हैं. ह्दय रोग के बाद WHO इसे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए दूसरा सबसे गंभीर खतरा मानता है.
भारत में महिलाएं खासतौर पर इस समस्‍या से जूझ रही हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह कुपोषण है. ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. हड्डियों की सघनता कम हो जाती है और जरा सा धक्‍का लगने या मामूली चोट लगने पर भी उनके टूटने की संभावना ज्‍यादा होती है.
मेनॉपॉज के बाद महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना 23 फीसदी बढ़ जाती है क्‍योंकि उन्‍हें सपोर्ट करने वाला हॉर्मोनल सिस्‍टम अब सक्रिय नहीं होता.
ऑस्टियोपोरोसिस मुख्‍यत: चार प्रकार होता है. प्राइमरी, सेकेंडरी, ओस्‍टोजेनेसिस इंम्‍परफेक्‍टा और एडियोपैथिक जुवेनाइल ऑस्टियोपोरोसिस. प्राइमरी ऑस्टियोपोरोसिस इसका सबसे ज्‍यादा होने वाला प्रकार है, जिसका संबंध आमतौर पर कुपोषण और उम्र से होता है. उम्र बढ़ने, मासिक धर्म बंद होने और कुपोषण का शिकार होने के कारण महिलाएं पुरुषों के मुकाबले सात गुना ज्‍यादा इसकी शिकार होती हैं.
सेकेंडरी ऑस्टियोपोरोसिस की वजह कई अन्‍य बीमारियां हो सकती हैं, जैसेकि हायपर थायरॉइड, हाइपो थॉयरॉइड और ल्‍यूकेमिया. लंबे समय तक कुछ खास तरह की दवाओं का सेवन करने के कारण भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और सेकेंडरी ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति पैदा हो सकती है. ऑस्टियोपोरोसिस के हर केस में कुपोषण एक प्राइमरी कारक की भूमिका निभाता है क्‍योंकि यदि आपका खानपान सही और सं‍तुलित है, आपके शरीर को सारे जरूरी तत्‍व मिल रहे हैं तो हड्डियों के कमजोर होने की संभावना अपने आप ही कम हो जाती है.
ओस्‍टोजेनेसिस इंम्‍परफेक्‍टा ऑस्टियोपोरोसिस का वह रूप है, जिसका संबंध कुपोषण या किसी बीमारी से नहीं है. यह जन्‍म से हीे होता है. कुछ जेनेटिक वजहों से कई बच्‍चे इस बीमारी के साथ ही पैदा होते हैं. उनकी हड्डियां जन्‍म से ही कमजोर होती हैं. इस बीमारी का पूरी तरह इलाज भी संभव नहीं है. इसे सिर्फ मैनेज की किया जा सकता है.
एडियोपैथिक जुवेनाइल ऑस्टियोपोरोसिस बच्‍चों को होने वाला ऑस्टियोपोरोसिस का एक प्रकार है. जरूरी नहीं कि ये जन्‍म से ही हो, लेकिन 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्‍चे अकसर इसके शिकार होते हैं. ऐसे बच्‍चों की हड्डियों का विकास बाधित रहता है. वो टूटने पर आसानी से जुड़ती भी नहीं हैं. उनमें सघनता कम होती है और मामूली सी चोट, खरोंच या धक्‍के से भी वो बुरी तरह टूट सकती हैं.


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