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महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी के लिए करनी चाहिए ये एक्सरसाइज
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मां बनना हर लड़की के लिए किसी सपने से कम नहीं है। एक औरत को मां बनने के लिए शारीरिक हो या फिर मानिसिक, कई तरह के बदलाव से होकर गुजरना पड़ता है। इस दौरान एक सवाल अधिकतर महिलाएं खुद से पूछती रहती हैं कि क्या उनकी होने वाली डिलीवरी नॉर्मल होगी या फिर सिजेरियन। अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल आते रहते हैं तो आपकी परेशानी को दूर करते हुए आपको बताते हैं 5 ऐसी एक्सरसाइज जो नॉर्मल डिलीवरी करवाने में आपकी काफी मदद कर सकती हैं।
पोषण विशेषज्ञ और योग प्रशिक्षक परमिता साह कहती हैं कि नॉर्मल डिलीवरी के लिए इन एक्सरसाइज के अलावा गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान अपने स्वस्थ आहार, तनाव मुक्त जीवन शैली और खूब पानी पीने की आदत अपने डेली रूटीन में जरूर शामिल करनी चाहिए। ये सभी चीजें सामान्य प्रसव में मदद करती हैं। हालांकि वह यह भी सलाह देती हैं कि गर्भावस्था के दौरान कोई भी नया रूटीन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ये सभी एक्सरसाइज भी किसी योग या प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में ही करें।
डीप स्क्वैट्स-
डीप स्क्वैट्स एक्सरसाइज पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को आराम व लंबा करने और पेरिनेम को फैलाने में मदद करती है। इसे करने से पहले अपने फिजियो थेरेपिस्ट से इस बारे में जरूर बात करें कि आपको कितनी बार और कितने डीप स्क्वैट्स करने चाहिए।
बटरफ्लाई एक्सरसाइज
ऐसी कोई भी एक्सरसाइज जो महिला के पेल्विक क्षेत्र को खोलने का काम करती है, नॉर्मल डिलीवरी के लिए बेहतर होती है। बटरफ्लाई एक्सरसाइज ऐसी ही एक एक्सरसाइज है। जो पेल्विक को खोलने के साथ-साथ पीठ व जांघों सहित आसपास की मांसपेशियों में लचीलापन और ताकत प्रदान करती है।
कीगल एक्सरसाइज
कीगल एक्सरसाइज नॉर्मल डिलीवरी में काफी मदद करती है। एक्सरसाइज पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को सक्रिय करने के साथ उन्हें मजबूत भी बनाती है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी में आसानी हो जाती है।
पैदल चलें
प्रेगनेंसी के दौरान टहलने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। कहा जाता है कि इस समय यदि कोई महिला ज्यादा से ज्यादा पैदल चलती है तो बच्चे को गर्भाशय के निचले हिस्से में जाने में मदद मिलती है। पैदल चलना नॉर्मल डिलीवरी को आसान बनाने में काफी मददगार है।
घर के काम -
प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर घर के बड़े बुजुर्ग महिलाओं को घर के काम खुद करने की सलाह देते हैं। इन कामों में घर की साफ सफाई-झाडू-पोछा जैसे काम शामिल होते हैं। इस तरह के काम करते रहने से शरीर सुस्त नहीं पड़ता और नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार होता है। हालांकि इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप इन कामों को करते समय खुद को बहुत थका लें। आपसे जितना हो सके सिर्फ उतना ही घर का काम करें।