- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- महिलाएं घर पर ऐसे कर...
x
महिलाएं घर पर ऐसे कर सकती ब्रेस्ट कैंसर की जांच
ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए किया जाने वाला मेमोग्राम थोड़ा महंगा होता है, लिहाजा महिलाएं और युवतियां विशेषज्ञों के बताए तरीकों से घर पर रहकर ही अपने स्तनों की जांच कर सकती हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व की तरह अब भारत में भी ब्रेस्ट कैंसर को लेकर एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. देश में 30 साल के आसपास की महिलाओं में भी इस बीमारी के मामले अब बढ़ने लगे हैं. वहीं 50 साल से ऊपर की महिलाएं पहले से ही इस बीमारी की जद में हैं. ऐसे में अब युवतियों और जवान महिलाओं का ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आना चिंताजनक है. जीवनशैली, तनाव, भागदौड़ और खुद के शरीर के प्रति महिलाओं की लापरवाही के चलते ब्रेस्ट कैंसर ग्रामीण महिलाओं में कम जबकि शहरी महिलाओं में सबसे ज्यादा सामने आ रहा है. लिहाजा विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बचाव के लिए महिलाओं को खुद ही जागरुक होना होगा.
दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल की सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रमेश सरीन कहती हैं कि भारत जैसे शहर में जहां स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च काफी कम होने के साथ ही महिलाओं का स्वास्थ्य सबसे पीछे आता है, वहीं ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों को लेकर भी खुलकर बात नहीं होती. यही वजहें हैं कि महिलाएं इस बीमारी के लक्षणों पर ध्यान नहीं देतीं और बीमारी होने पर भी इसे जाहिर करने में आनाकानी करती हैं, लिहाजा रोग बढ़ जाता है और जानलेवा हो जाता है. अगर महिलाएं अपने शरीर पर थोड़ा सा ध्यान दें और जागरुक हो जाएं तो इस बीमारी को पहचानना काफी आसान है. जल्दी डायग्नोसिस इस बीमारी को जल्द से जल्द खत्म करने में सबसे अधिक कारगर है.
डॉ. सरीन कहती हैं कि ब्रेस्ट कैंसर चूंकि अब बढ़ रहा है और इसका इलाज भी महंगा होता है तो महिलाओं को चाहिए कि वे इस बीमारी को शुरुआत में ही पकड़ लें, ताकि उन्हें इसका सस्ता और बेहतर इलाज मिल सके. चूंकि ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए किया जाने वाला मेमोग्राम थोड़ा महंगा होता है, लिहाजा वे विशेषज्ञों के बताए तरीकों से घर पर रहकर ही अपने स्तनों की जांच कर सकती हैं. वे खुद ही महीने में एक बार स्तनों की जांच से ब्रेस्ट कैंसर या अन्य किसी बीमारी का पता आसानी से लगा सकती हैं. इसे ब्रेस्ट सेल्फ एक्जामिनेशन कहते हैं.
घर पर ऐसे करें स्तन कैंसर की जांच
. डॉ. सरीन कहती हैं कि महिला सबसे पहले आईने के सामने खड़ी हो जाए. वह अपने ऊपर के सभी कपड़े उतार दे. इसके बाद अपने दोनों हाथों को अपने पीछे ले जाए और हिप्स पर रखे. अब गौर से शीशे में अपने स्तनों को देखे. इस दौरान स्तनों के आकार में परिवर्तन, किसी एक निपल में बदलाव, ब्रेस्ट की त्वचा में खिंचाव या किसी एक स्तन की त्वचा का बदलता हुआ रंग अगर दिखाई देता है तो इसे लेकर डॉक्टर से बात की जा सकती है.
.आईने के सामने ही खड़े होकर महिला अपने दोनों हाथों को सिर से ऊपर ले जाएं. इस दौरान उसकी दोनों ब्रेस्ट ऊपर की ओर खिंचेंगी और आईने में अच्छे से दिखाई देंगी. इस दौरान अपनी ब्रेस्ट और बगल को गौर से देखें. अगर दोनों स्तनों का आकार थोड़ा सा छोटा और बड़ा है लेकिन कोई गांठ या अन्य परेशानी नहीं है तो यह सामान्य है लेकिन अगर बगल यानि अंडरआर्म में कोई गांठ या मस्सा है, बार-बार निपल या ब्रेस्ट के आकार में बदलाव हो रहा है, सूजन के साथ दबाने पर दर्द हो, त्वचा का रंग लाल हो, निपल में से खून आ रहा हो, निप्पल सिकुड़ रही हो या त्चचा में जलन या डिंपलिंग होने लगे तो चिकित्सक से परामर्श लें. ब्रेस्ट में दर्द होना कैंसर नहीं होता. कई बार बिना दर्द के ही कैंसर काफी गंभीर स्थिति तक पहुंच जाता है.
.डॉ. सरीन कहती हैं कि स्तन को छूकर भी कैंसर का पता लगा सकते हैं. इसके लिए महिला बेड पर दाहिनी तरफ को नीचे रखकर लेट जाए और एक छोटा तकिया दाहिने कंधे के नीचे रखे. अब दाहिने हाथ को ही सिर के ऊपर से दूसरी ओर ले जाए, जैसे दाहिने हाथ से बायां कान छूना हो ऐसे. अब बांये हाथ की तीन अंगुलियों के पोरों से धीरे-धीरे दाहिनी ब्रेस्ट को दवाएं. सबसे पहले स्तन की निपल को दबाएं फिर स्तन के निपल के आसपास के हिस्से को दबाकर देखें. अब पूरे स्तन को थोड़े दवाब के साथ छूकर और दबाकर देखें. इस दौरान ब्रेस्ट में अगर कोई गिल्टी या गांठ होती है तो उसका पता चल जाएगा. यही तरीका दूसरी ब्रेस्ट के साथ अपनाकर देखें.
. डॉ. सरीन कहती हैं कि इस प्रकार जांच करने के दौरान अगर महिला को अपने स्तनों में कुछ भी असामान्य लगता है, जैसे किसी स्तन की त्वचा मोटी हो रही है या उसका कलर दूसरे से अलग हो रहा है, ब्रेस्ट के किसी भी तरफ अगर कोई लंप या गांठ दिखाई देती है, अगर निपल में कोई बदलाव दिखाई देता है, वह छोटी या ज्यादा बड़ी हो रही है या अंदर की तरफ धंस रही है, या उसमें से कोई भी डिस्चार्ज हो रहा है, खासतौर पर खून आ रहा हो, अल्सर की शिकायत हो या निपल पर एग्जिमा की शिकायत हो तो ये सभी ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं, जिन्हें देखा जा सकता है.
. डॉ. कहती हैं कि ब्रेस्ट की कैंसर की गांठों में शुरुआत में दर्द नहीं होता है. आप इन्हें देख सकते हैं और महसूस कर सकते हैं. इसी से कैंसर का अनुमान लगाया जा सकता है. वहीं अगर किसी महिला के अंडरआर्म या बगल में गांठ हो तो वह भी स्तन या ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है. इसके लिए तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है. महिलाओं को चाहिए कि वे अपने स्तनों की इस प्रकार जांच खुद ही करती रहें.
. डॉ. सरीन कहती हैं कि बिना किसी शर्म या संकोच के महिलाओं और लड़कियों को हर महीने अपने स्तनों की जांच करनी चाहिए. यह बीमारी से बचाव और इलाज के लिए बेहद जरूरी है.
Next Story