लाइफ स्टाइल

तनाव लेने में महिलाएं पुरुषों से हैं एक कदम आगे

Ritisha Jaiswal
16 July 2022 7:43 AM GMT
तनाव लेने में महिलाएं पुरुषों से हैं एक कदम आगे
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तनाव लेने में महिलाएं पुरुषों से एक कदम आगे हैं। वे छोटी-छोटी बातों पर भी इतना तनाव ले लेती हैं

तनाव लेने में महिलाएं पुरुषों से एक कदम आगे हैं। वे छोटी-छोटी बातों पर भी इतना तनाव ले लेती हैं कि उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता। बच्चों का पास-पड़ौस में झगड़ा हो गया था, पतिदेव नाराज होकर बगैर खाना खाए आफिस चले गए या किसी रिश्तेदार को भेंट/उपहार देने में विवाद पैदा हो गया है आदि ऐसे सैंकड़ों बातें हैं जब महिलाएं अपने बुद्धि विवेक से ज्यादा काम नहीं लेतीें। वे बहुत कुछ दिल से और भावना से सोचती हैं।

अभी कुछ समय पूर्व स्वीडन की 800 महिलाओं पर शोध किया गया। इसके लिए कुछ ऐसी महिलाओं को चुना गया जिनका या तो तलाक हो गया था या फिर वे विधवा हो गई थीं। ऐसी महिलाओं में एक दशक के बाद ही अल्जाइमर्स के लक्षण दिखाई देने लगे। बी.एम.जे की एक रिपोर्ट के अनुसार जो महिलाएं तनावग्रस्त बनी रहती हैं, उनमें भूलने की शिकायत हो जाती है। हार्मोन से जुड़े इस तनाव के कारण उनके दिमाग पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। शारीरिक तौर पर भी काफी कुछ बदलाव दिखाई देते हैं। आमतौर पर रक्तचाप, सिरदर्द, मधुमेह आदि आम बात हो जाती है।
डा. लीना जानसन के अनुसार किसी घटना, दुर्घटना के पश्चात महिलाओं में बहुत सारे परिवर्तन दृष्टिगत होते हैं। ऐसी महिलाओं का मन बार-बार विचलित हो उठता है। ये किसी काम को उत्साह से करती हैं और फिर उसे तुरंत छोड़ देती हैं। कभी-कभी जब तनाव बढ़ जाता है तो महिलाओं के अंदर डिप्रैशन और निराशाजनक विचार आने लगते हैं। ऐसी ही एक एक अध्ययन में 425 महिलाओं में से 153 में भूलने की बीमारी हो गई।
चिकित्सकों का मानना है कि महिलाएं किसी भी प्रकार का तनाव न लें। अपनी जिंदगी को सकारात्मक विचारों से जोड़े। निराशाजनक विचारों का परित्याग कर वर्तमान जिंदगी में संतुष्ट और खुश बनी रहें। ऐसी महिलाओं को अपने अतीत से संपर्क न रखकर वर्तमान को खुशहाल बनाने का प्रयत्न करना चाहिए। अपने परिवार के बारे में अपने बच्चों के बारे में उन्हें तरह-तरह की योजनाएं बनाना चाहिए ताकि उनका परिवार सुखपूर्वक खुशहाल जिंदगी जी सके।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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