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चावल के इस उपाय से दूर होगी पैसों की किल्लत, पूरे होंगे सभी अरमान

Shiddhant Shriwas
5 Oct 2021 7:59 AM GMT
चावल के इस उपाय से दूर होगी पैसों की किल्लत, पूरे होंगे सभी अरमान
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जीवन में कई बार ऐसा समय आता है, जब हमें लगता है कि हमारी किस्मत हमसे रूठ सी गई है. यदि आपको भी इन दिनों कुछ ऐसा ही लग रहा है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीवन की इस आपाधापी में कई बार हमें मेहनत करने पर भी हमें पूरा फल नहीं मिलता है और जीवन में किसी न किसी चीज की कमी बनी रहती है. जीवन के सभी सुखों को पाने के लिए सौभाग्य की बहुत जरूरत होती है, जिसे पाने के लिए आपको एक बार चावल का उपाय जरूर करना चाहिए. आपके जीवन में समस्या चाहे निजी हो या फिर ग्रह से जुड़ी, चावल या फिर कहें अक्षत के चमत्कारी उपाय से न सिर्फ पलक झपकते दूर होगी बल्कि आपकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होंगी. आइए जानते हैं चावल से जुड़े कुछ सरल एवं चमत्कारी उपाय.

अक्षत से दूर होगी पैसों की किल्लत, पूरे होंगे सभी अरमान
मान्यता है कि अक्षत यानि अखंडित चावल का पूजा में प्रयोग करने और उसे रोली के तिलक के साथ माथे पर लगाने पर तांबे के लोटे में रोली के साथ थोड़ा सा अक्षत मिलाकर सूर्यदेव को अघ्र्य देने से किस्मत चमक जाती है और आर्थिक दिक्कत दूर होती है.
चावल से पाएं धन की देवी मां लक्ष्‍मी का आशीर्वाद
पूर्णिमा के दिन प्रात:काल उठकर स्नान.ध्यान करने के बाद एक साफ लाल रेशमी कपड़े में अक्षत यानि चावल के 21 अखंडित दाने रखकर बांध लें और इसके बाद माता लक्ष्मी का पूजन करें और पूजा के पश्चात माता लक्ष्मी का प्रसाद मानकर इसे अपने धन रखने वाले स्थान या फिर पर्स में संभाल कर रख लें. इस उपाय को करने पर आपके पास पैसों की कभी किल्लत नहीं होगी. आपके घर में धन का भंडार हमेशा भरा रहेगा.
शिव को चावल चढ़ाने से चमकेगी किस्मत
यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और आपको लगता है कि मेहनत करने के बाद भी आपकी गरीबी दूर नहीं हो रही है तो आपको सोमवार के दिन अक्षत यानि अखंडित या बगैर टूटे चावल से जुड़ा यह उपाय अवश्य करना चाहिए. सोमवार के दिन आधा किलो अक्षत लेकर किसी शिव मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर भगवान शिव के नाम का जप करते हुए एक मुट्ठी अक्षत चढ़ाएं. इसके बाद बचे हुए अक्षत या फिर कहें चावल को किसी निर्धन व्यक्ति को दान कर दें. इस उपाय को लगातार पांच सोमवार तक करें. आप पाएंगे कि आपकी धन से जुड़ी समस्याएं धीरे.धीरे स्वत: समाप्त होती जा रही हैं.


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