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क्यों इस बुखार को कहते हैं 'टोमेटो फीवर', ये हैं लक्षण और बचाव के उपाय

Kajal Dubey
23 Aug 2022 1:32 PM GMT
क्यों इस बुखार को कहते हैं टोमेटो फीवर, ये हैं लक्षण और बचाव के उपाय
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दरअसल, पिछले दिनों केरल में 80 से ज्यादा लोगों में टोमेटो फीवर (Tomato Fever) के वायरस नजर आए हैं। यह बहुत ही रेयर वायरस है जिसमें हाथों में लाल रंग के फफोले हो जाते हैं। इसे टोमैटो फ्लू भी कहते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |Tomato Fever:कोरोना और मंकीपॉक्स का कहर अभी थमा भी नहीं है कि टोमैटो फीवर या टोमैटो फ्लू (Tomato Flu in Hindi) नाम के एक नए वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ाकर रख दी है। दरअसल, पिछले दिनों केरल में 80 से ज्यादा लोगों में टोमेटो फीवर (Tomato Fever) के वायरस नजर आए हैं। यह बहुत ही रेयर वायरस है जिसमें हाथों में लाल रंग के फफोले हो जाते हैं। इसे टोमैटो फ्लू भी कहते हैं। इस वायरस से ज्यादातर छोटी उम्र के बच्चे ही ग्रसित होते हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है टोमैटो फीवर और क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय।

क्या है टोमैटो फीवर(What is Tomato Flu?)-

टोमैटो फीवर एक वायरल इंफेक्शन है, जो 5 साल से कम उम्र के बच्चे को प्रभावित कर रहा है। इस वायरल इंफेक्शन का नाम टोमैटो फ्लू इसलिए रखा गया है क्योंकि टोमैटो फ्लू से संक्रमित होने पर बच्चों के शरीर पर टमाटर की तरह से लाल रंग के दानें हो जाते हैं और इसकी वजह से उन्हें स्किन पर जलन और खुजली होती है। इसके अलावा इस बीमारी से संक्रमित होने पर रोगी बच्चे को तेज बुखार भी आता है। टोमैटो फ्लू से संक्रमित होने वाले बच्चों को डिहाइड्रेशन की समस्या के साथ-साथ शरीर और जोड़ों में दर्द भी गंभीर रूप से होता है।
टोमैटो फ्लू के लक्षण (Tomato Flu Symptoms)-
इसके मुख्य लक्षणों में डिहाइड्रेशन, स्किन रैशेज, त्वचा में इर्रिटेशन या खुजली शामिल हैं। लेकिन इस वायरस से पीड़ित बच्चे में ये लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
-शरीर पर टमाटर जैसे चकत्ते और दानें।
-तेज बुखार।
-शरीर और जोड़ों में दर्द।
-जोड़ों में सूजन।
-पेट में ऐंठन और दर्द।
-जी मिचलाना, उल्टी और दस्त।
-खांसी, छींक और नाक बहना।
-हाथ के रंग में बदलाव।
-मुंह सूखना।
-डिहाइड्रेशन।
-अत्यधिक थकान।
(Tomato Flu Prevention Tips)-

-यह एक प्रकार का दुर्लभ फ्लू है इसलिए इससे संक्रमित बच्चों का इलाज भी फ्लू की तरह से किया जा रहा है।
-ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
-संक्रमित बच्चे को उबला हुआ साफ पानी पिलाएं, ताकि वह हाइड्रेटेड रह सके।
-फफोले या रैशेज पर खुजली करने से बच्चे को रोकें।
-घर और बच्चे के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।
-गर्म पानी से नहाएं।
-संक्रमित बच्चे से दूरी बनाकर रखें।
-हेल्दी डाइट का सेवन करें।
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