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आंखों के नीचे गड्ढे होने के कारण
आनुवंशिकता के कारण भी आंखों के नीचे गड्ढे हो सकते हैं। जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बचपन में आंखों के नीचे गड्ढे के लक्षण दिखाई देते हैं और उम्र के बढ़ने के साथ धीरे धीरे गायब हो जाते हैं।
कई बार शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण, शरीर को जरुरी विटामिन और मिनरल्स नहीं मिल पाते हैं। जिसका प्रभाव हमारे शरीर से लेकर चेहरे तक पढ़ने लगता है, जिस कारण चेहरा पतला होने लगता है और आंखों के नीचे गड्ढे व कालापन झलकने लगता है।
बढ़ती उम्र चेहरे के पतले होने का कारण बनती है क्योंकि बढ़ती उम्र में कोलेजन का स्तर कम हो जाता है और त्वचा की कोमलता खो जाती है। जिस कारण त्वचा के पतले होने के कारण आंखों के नीचे गड्ढे नजर आने लगते हैं।
जो लोग दिनभर कंप्यूटर पर काम करते हैं या मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करते हैं। उनके आंखों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, जो आंखों की रोशनी को प्रभावित करने के साथ आंखों के नीचे गड्ढे और कालेपन का कारण बनता है।
मानसिक तनाव व चिंता के कारण आंखों के नीचे गड्ढे व डार्क सर्कल आना एक प्रमुख कारण है। 60 फीसद लोगों के आंखों के नीचे गड्ढे होने का कारण तनाव व चिंता है। इसलिए तनाव व चिंता को अपने ऊपर इतना भी हावी न होने दें कि वह आपको नुकसान पहुंचाने लगें।
नींद की कमी के कारण आंखों के नीचे गड्ढे आना सब से बड़ा कारण है। कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो देर रात तक जागकर काम करते है या मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। जिस कारण वे लोग पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाते हैं। नींद पूरी न होने के कारण शरीर के हार्मोन्स पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसका सीधा असर चेहरे पर पड़ता है और आंखों के नीचे गड्ढे नजर आने लगते हैं।
कई बार कुछ विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन भी आंखों के नीचे गड्ढे होने का कारण बन सकता है। यह दवाओं के साइडइफेक्ट के कारण हो सकता है।
जो लोग धूम्रपान व शराब का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं। उनके अंदरूनी शरीर से लेकर चेहरे तक बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। ज्यादा धूम्रपान व शराब का अधिक मात्रा में सेवन करने वाले लोगों के चेहरे 20 साल की उम्र में ही 40 साल के लगने लगते है। धीरे धीरे इन लोगों के चेहरे पर झुर्रियां, आंखों के नीचे गड्ढे और कालापन नजर आने लगता है। जिस कारण चेहरा ख़राब दिखने लगता है।
सूर्य से आने वाली हानिकारक यूवी किरणें, आंखों के नीचे की त्वचा को आसानी से काला कर देती हैं। क्योंकि आंखों के नीचे की त्वचा पतली व नाजुक होती है। इसलिए सूरज की हानिकारक किरणों का सब से ज्यादा असर आंखों के नीचे की त्वचा पर पड़ता है। जो आंखों के नीचे कालेपन व गड्ढे का कारण बन सकता है।
कई बार ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने के कारण भी आंखों के नीचे गड्ढे नजर आने लगते हैं। जैसे किसी भी साबुन, लोशन व क्रीम आदि का इस्तेमाल करना, जो हमारी त्वचा को सूट न करते हो। जिस कारण आंखों के नीचे डार्क सर्कल व गड्ढे नजर आने लगते हैं।
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं के हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव लगा रहता हैं। गर्भवती महिलाओं के हार्मोन्स में बदलाव का असर, शारीरिक रूप से दिखाई देने के साथ त्वचा पर भी दिखाई देने लगता हैं। जिस कारण त्वचा पर दाग-धब्बे और आंखों के नीचे गड्ढे नजर आने लगते है।
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