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विश्व अस्थमा दिवस मई के पहले मंगलवार को मनाया जाता है. विश्व अस्थमा दिवस 2023, 2 मई यानी की आज मनाया जा रहा है. यह दिन दुनिया भर में अस्थमा की समस्या के समाधान और इसके प्रति लोगों में जागरुकता को बढ़ाने के लिए किया जाता है. अस्थमा एक पुरानी सांस से संबंधित बीमारी है, जिससे दुनिया भर के लाखों लोग प्रभावित हैं. कोरोना महामारी के बाद यह बीमारी और भी खतरनाक बन गई. अस्थमा के मरीजों को अगर कोरोना हो जाए तो यह मामलों में जानलेवा बन जाता है.
विश्व अस्थमा दिवस ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा हर साल मनाया जाता है. विश्व अस्थमा दिवस की थीम अस्थमा नियंत्रण को बढ़ावा देने और पूरे विश्व में अस्थमा बीमारी को कम करने पर केंद्रित है. अस्थमा दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है और जीवन की गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है.
विशेषज्ञों की मानें तो ''अस्थमा फेफड़ों की बीमारी है जो आमतौर पर सभी आयु वर्ग के लोगों में देखी जाती है. इस बीमारा में गले में वायुमार्ग संकरा हो जाता है और सूज जाता है. यहां तक कि अतिरिक्त बलगम के कारण अवरुद्ध हो जाता है. कई मामलों में यह बीमारी मरीज के लिए घातक हो जाती है, जिससे जान तक चली जाती है.''
वहीं, अस्थमा होने के कारणों की बात करें तो एलर्जी, धूल, फफूंदी, पालतू जानवरों के बाल, धुएं, केमिकल, वायु प्रदूषण, सांस से संबंधित संक्रमण, एक्टिव और पैसिव स्मोकिंग समेत कई इस बीमारी की वजहें हो सकती है. अगर किसी भी व्यक्ति को यह बीमारी है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज शुरू करवाना चाहिए. इसी के साथ अस्थमा के मरीजों को नियमित तौर पर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए.
बचाव की बात करें तो अस्थमा के रोगियों को खास तौर पर धूल और धूएं से बचना चाहिए. सिगरेट बिल्कुन नहीं पीनी चाहिए और अगर आपके आसपास कोई दूसरा व्यक्ति भी सिगरेट पी रहा हो तो वहां खड़े नहीं रहना चाहिए. ठंड़ी चीजों के सेवन से भी बचना चाहिए, इससे कफ बढ़ सकता है. अगर बाहर में किसी तरह का वायू प्रदुषण हो ते ज्यादा से ज्यादा घर में रहना चाहिए.
Tara Tandi
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