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आपने कई बार सुना होगा कि तांबे के बर्तन का पानी सेहत को फायदे पहुंचाता है। तांबे के बर्तन का पानी हेल्दी होता है, जिसके बारे में हमें हमारे पूर्वजों से पता चलता है। इस पानी को उषापान कहा जाता है और सुबह उठते ही पीने की सलाह दी जाती है। आइए जानें इसके बारे में...
तांबे के पानी की कितनी मात्रा पी जा सकती है?
आप दिन में दो से तीन गिलास तांबे के पानी का सेवन कर सकते है, ताकि आपको इसके भरपूर फायदे मिल सकें।
तांबे के पानी के क्या फायदे हैं?
तांबे का पानी शरीर को होने वाले कई तरह फायदों के लिए जाना जाता है। पाचन को बेहतर बनाने से लेकर हड्डियों को मज़बूती देने, थाइरॉइड ग्लैंड के बेहतर फंक्शन और त्वता की सेहत को बढ़ावा देने का काम करता है। यह आर्थराइटिस के दर्द को दूर करने के लिए भी जाना जाता है। यह पानी वज़न घटाने और दिल की सेहत को सुधारने में भी मदद करता है। यह मल त्याग के प्रोसेस को आसान बनाता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह पानी पित्त, कफ और वात, तीनों दोषों को संतुलित बनाने का काम करता है।
किसे नहीं पीना चाहिए तांबे का पानी?
आयुर्वेद के हिसाब से, जो लोग कब्ज़, जलन या रक्त बहने के किसी डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं, उन्हें इस पानी को नहीं पीना चाहिए। इससे स्थिति और खराब हो सकती है।
तांबे का पानी कैसे बनाएं?
असली तांबे का जग या बोतल लें और उसे पूरा भर दें और ढक दें। अब इस पानी को रात भर के लिए फ्रिज में रख दें या किसी ऐसी जगह जो ठंडी हो और जहां रौशनी न आती हो। अगर आप रातभर के लिए नहीं रखना चाहते, तो दिन में 8-9 घंटे के लिए छोड़ दें। इस पानी को पीने का सही तरीका है सुबह खाली पेट पीना। आप इसे दिन के पहले भोजन के बाद भी पी सकते हैं।