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बच्चों में क्यों हो रही है हार्ट अटैक की समस्या

Apurva Srivastav
17 Feb 2023 1:01 PM GMT
बच्चों में क्यों हो रही है हार्ट अटैक की समस्या
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जब शरीर में खून की कमी हो जाती है तो दिल की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं कर पाती हैं,
हृदय शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। अगर यह धड़कना बंद कर दे तो जिंदगी खत्म हो सकती है और कोविड के बाद युवाओं के साथ-साथ बच्चों में भी हार्ट अटैक की समस्या शुरू हो गई है. चौंकिए मत, यह बिल्कुल सच है। बच्चों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है। हालांकि ऐसा बहुत कम होता है.. दरअसल बच्चों में यह समस्या जन्मजात गड़बड़ी के कारण भी हो सकती है और अनुवांशिक गड़बड़ी के कारण भी हो सकती है। इसके अलावा भी बच्चों में हार्ट अटैक की समस्या होने के और भी कारण होते हैं जिनके बारे में हम विस्तार से जानेंगे।
क्यों होता है हार्ट अटैक?
जब शरीर में खून की कमी हो जाती है तो दिल की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं कर पाती हैं, जिससे हार्ट अटैक की समस्या हो जाती है।
बच्चों में क्यों हो रही है हार्ट अटैक की समस्या?
बच्चों में हार्ट अटैक की समस्या इसलिए भी देखी जा रही है क्योंकि बच्चे काफी समय तक बिना कुछ खाए-पिए गुजार देते हैं, जिससे उनके शरीर में मेटाबॉलिक रेट बिगड़ रहा होता है और हाइपोग्लाइसीमिया के कारण बच्चों में हार्ट अटैक की समस्या बढ़ जाती है। रहा है
कोरोना के कारण बच्चों का बाहरी दुनिया से मेलजोल खत्म हो गया है, जिससे उनका शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा है, बच्चे लंबे समय तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते रहते हैं। इस वजह से भी बच्चों में हार्ट अटैक की समस्या देखी जा रही है, डॉक्टरों के मुताबिक मोबाइल की लत से बच्चों का दिमाग कमजोर हो जाता है, जिससे बच्चा तनाव में रहने लगता है और ऐसे में स्थिति और भी खराब हो जाती है.
लंबे समय तक इंटरनेट के इस्तेमाल से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे मोटापा, फिटनेस पर ध्यान न देना हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
बच्चे इंटरनेट और गेमिंग के इतने आदी हो गए हैं कि उन्हें समय का पता ही नहीं चलता और समय पर सोने की आदत छूट गई है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बना रहता है। विशेषज्ञों की मानें तो दिल की सेहत के लिए 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है।
आंकड़े बताते हैं कि भारत में बच्चे गेहूं, दाल, चावल और मोटे अनाज को छोड़कर जंक फूड खा रहे हैं, हाल ही में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में 5 साल से कम उम्र के 3.30 फीसदी बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं।
एक समय था जब डायबिटीज और दिल की बीमारियों को लोगों की बढ़ती उम्र से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन अगर आपके बच्चे अस्वस्थ जीवनशैली और खान-पान से घिरे हैं तो यह आपके बच्चे को दिल का रोगी भी बना सकता है।
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