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आखिर क्यों मनाया जाता है सद्भावना दिवस? पूर्व पीएम राजीव गांधी से क्या है संबंध
सद्भावना दिवस : आज पूर्व पीएम राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर देशभर में सद्भावना दिवस मनाया जा रहा है. आइये जानें इस खास दिन का इतहिस, महत्व और सबकुछ...
मैं जाति, धर्म या भाषा की परवाह किए बगैर एकता और सद्भाव के लिए काम करूंगा! आज इसी दृढ़ संकल्प के साथ अपने दिन की शुरुआत करें, क्योंकि आज का दिन बहुत ज्यादा खास है. आज की तारीख यानि 20 अगस्त, भारत के छठे प्रधान मंत्री राजीव गांधी की जन्म-तिथि है, जिसे पूरे देशभर में सद्भावना दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस खास दिन का मकसद सभी धर्मों के बीच शांति, राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को प्रोत्साहित करना है. ये खास दिन प्रतिज्ञा का दिन है... प्रतिज्ञा अपने आसपास शांति और सद्भाव स्थापित करने की, प्रतिज्ञा जाति, क्षेत्र, धर्म या भाषा से ऊपर उठकर इंसान बनने की और प्रतिज्ञा हिंसा से दूर हमारे संवैधानिक तरीकों से सभी मतभेदों को हल करने की. ऐसे में आइये इस खास मौके पर इस खास दिन के इतिहास, महत्व और अनसुनी बातों पर गौर करें...
तारीख 21 मई 1991, जगह तमिलनाडु का श्रीपेरंबदूर शहर... भारी हुजूम के बीच एक जोरदार आत्मघाती बम धमाका होता है. हादसे में कई लोग बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं. मगर कुछ देर बाद टीवी पर एक खबर प्रसारित होती है, जो पूरे देश को दहला कर रख देती है. खबर थी हमारे देश के छठे प्रधान मंत्री राजीव गांधी की इस आत्मघाती बम हमले में मौत हो जाती है. भारी भीड़ के बीच एक आतंकी ने उनकी हत्या कर दी...उन्हीं की याद में एक साल बाद, साल 1992 में पहली बार ये खास दिन Sadbhavana Diwas मनाया गया था. जो असल में एक जरिया था, राजीव गांधी के आधुनिक दृष्टिकोण, देश की प्रगति में उनके योगदान, भारत में उच्च शिक्षा के आधुनिकीकरण और हर वर्क के विकास और विस्तार की उनकी सोच को दर्शाने का. आज एक बार फिर हमें ये मौका मिला है कि, हम भी इस खास अवसर पर अपने देश की विकास में, राष्ट्रीय एकता में और सबसे जरूरी सद्भावना बरकरार रखने में अपना योगदान दें..