लाइफ स्टाइल

बच्‍चों को क्यों जरूरी है स्टोरी सुनाना, जानें 5 जबरदस्‍त फायदे

Manish Sahu
20 July 2023 4:55 PM GMT
बच्‍चों को क्यों जरूरी है स्टोरी सुनाना, जानें 5 जबरदस्‍त फायदे
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लाइफस्टाइल: कहावत है कि दादी-नानी की कहानियां बच्‍चों के जीवन को बदल देती हैं. उन्‍हें प्रैक्टिकल बनाती हैं और दुनिया देखने का नजरिया भी उनका बदल जाता है. अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्‍चे बेहतर इंसान बनें तो उन्‍हें कहानियां सुनाना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं इसके फायदे.
कहानियां बच्‍चों की दुनिया को उड़ान देती हैं. कहानियों के बदौलत वे सोचते हैं, महसूस करते हैं और समस्‍याओं को समाधान सीखते हैं. कहानियां उन्‍हें डर से आगे बढ़ने और जीतने का हौसला देती हैं. कहानियां उन्‍हें अपनी एक प्‍यारी सी दुनिया बनाने की रचनात्‍मकता देती है. यही वजह है कि कहानियों का संबंध बच्‍चों के संपूर्ण विकास से जुड़ा माना जाता है. Image: Canva
राइजिंगचिल्‍ड्रेन के मुताबिक, जब आप बच्‍चों के लिए किताबें पढ़ते हैं या कहानियां सुनाते हैं तो उनकी भाषा रिच होती है. वे बेहतर तरीके से अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त करना सीखने लगते हैं. उनका वाक्‍य विन्‍यास, शब्‍दों का चयन आदि बढ़ता है. इस तरह स्‍टोरी टेलिंग की मदद से उनका कॉम्‍यूनिकेशन स्किल बढ़ता है, इसलिए रोज एक किताब उनके लिए जरूर पढ़ें.
कहानियां बच्‍चों को कल्‍पनाशील बनाती हैं. कहानियों से बच्‍चे क्रिएटिव बनते हैं. कहानियों में खोकर वे उन कैरेक्‍टर को इमैजिन करते हैं, उस माहौल को विजुअलाइज करते हैं. वे उन सिचुएशन में खुद को महसूस करते हैं और इस तरह वे प्रॉब्‍लम सॉल्‍व करना भी सीखते हैं.
कहानियां सुनने से बच्‍चों का संज्ञानात्‍मक विकास भी होता है. इससे उनमें ध्‍यान, याददाश्‍त, तर्क जैसे गुण बढ़ते हैं. कहानी के पैटर्न और उसके रिदम को फॉलो करना उन्‍हें धैर्यवान बनने में मदद करता है. उनके अंदर सोचने के कौशल को भी बढ़ावा मिलता है. उनमें कल्‍चर और मोरल वैल्‍यू बढ़ता है.
कहानी और बच्‍चों में भावनात्‍मक विकास से भी गहरा संबंध है. कहानियां बच्‍चों के सामने नैतिकता का पाठ पढ़ाती हैं और हमें ये चीजें सिखाने के लिए लेक्‍चर देने की जरूरत नहीं पड़ती. इन कहानियों से उनमें जटिल भावनाओं को समझने की भी समझ पैदा होती है. वे दयालू, ईमानदार और दूसरों पर सहानुभूति करने वाले बनते हैं.
जब बच्‍चे कहानी सुनते हैं और उस कहानी पर चर्चा करते हैं तो इससे उनमें सुनने, याद रखने और कैरेक्‍टर पर फोकस करने में भी मदद मिलती है. यही नहीं, वे खाली वक्‍त में कहानी खुद से पढ़ने की कोशिश करते हैं. इससे स्‍क्रीन टाइम से भी छुटकारा मिलता है.
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