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व्यावसायिक वाहन के लिए क्यों है फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी, ऐसे करें अप्लाई

SANTOSI TANDI
16 Sep 2023 1:22 PM GMT
व्यावसायिक वाहन के लिए क्यों है फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी, ऐसे करें अप्लाई
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सर्टिफिकेट जरूरी, ऐसे करें अप्लाई
दरअसल हाल ही में आई एक अधिसूचना के मुताबिक, वैकल्पिक वाहन कबाड़ नीति के तहत आठ साल पुराने व्यावसायिक वाहनों को सड़क पर चलने के लिए 1 अक्टूबर, 2024 से फिटनेस प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा। फिटनेस में फेल होने पर ऐसे व्यावसायिक वाहन का रजिस्ट्रेशन और रिनिवल नहीं किया जाएगा, जिससे ऐसे वाहनों का सड़क पर चलना प्रतिबंधित हो जाएगा।
आपको बता दें, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि इस मामले पर 12 सितंबर को नोटीफिकेशन जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि आठ साल तक पुराने व्यावसायिक वाहन को दो साल में एक बार फिटनेस सर्टिफिकेट 'ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर' से लेना अनिवार्य होगा। वहीं आठ साल से अधिक पुराने व्यावसायिक वाहनों को हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराना जरूरी होगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन और रिनिवल किया जा सकता है।
फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लेने अथवा इसमें फेल होने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन और रिनिवल नहीं किया जाएगा। सरकार की वैकल्पिक वाहन कबाड़ नीति में 15 साल पुराने व्यावसायिक व 20 साल पुराने निजी वाहन वाहनों को सड़क से हटाने के लिए ये नियम लागू किया गया है। इस नियम को अनिवार्य बनाने का मकसद है कि वाहन मालिक नए वाहन खरीदें और पर्यावरण शुद्ध बना रहेगा।
व्यावसायिक वाहन के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि वाहन सड़क पर चलने के लिए फिट है। फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए वाहन का टेस्ट ली जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वाहन इन मानकों को पूरा करता है। जैसे,
वाहन की तकनीकी स्थिति अच्छी है और यह सड़क पर चलने के लिए सुरक्षित है।
वाहन का उत्सर्जन मानकों के अनुरूप है।
वाहन के सभी आवश्यक उपकरण और सजावट मौजूद हैं।
फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना, व्यावसायिक वाहन सड़क पर चलने के लिए अवैध है। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है और पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो सकता है।
व्यावसायिक वाहन के लिए क्यों फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी है?
फिटनेस सर्टिफिकेट सुनिश्चित करता है कि वाहन सुरक्षित है और सड़क पर चलने के लिए सूटेबल है। इससे दुर्घटनाओं को कम करने में मदद मिलती है।
फिटनेस सर्टिफिकेट सुनिश्चित करता है कि वाहन के एमिशन स्टैंडर्ड के हिसाब से है। इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है।
भारत में, व्यावसायिक वाहन चलाने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट होना जरूरी है। बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के व्यावसायिक वाहन चलाना अवैध है।
भारत में, व्यावसायिक वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का काम राज्य परिवहन विभाग द्वारा किया जाता है।
फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए कैसे करें अप्लाई?
भारत में, व्यावसायिक वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने के दो तरीके हैं:
ऑनलाइन आवेदन
अपने राज्य के परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
"फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करें" लिंक पर क्लिक करें।
आवश्यक जानकारी भरें और आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
अपने वाहन की फोटो अपलोड करें।
आवेदन सबमिट करें।
ऑफलाइन आवेदन
वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र
वाहन का बीमा प्रमाण पत्र
वाहन मालिक का पहचान प्रमाण पत्र
वाहन मालिक का पता प्रमाण पत्र
इन दस्तावेजों के साथ, आपको अपनी वाहन को निकटतम फिटनेस केंद्र ले जाना होगा। फिटनेस केंद्र में, एक तकनीकी अधिकारी आपके वाहन का टेस्ट करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वह सभी मानकों को पूरा करता है। अगर वाहन टेस्ट में पास हो जाता है, तो फिटनेस केंद्र आपको एक फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करेगा। इस प्रक्रिया में आपके एप्लीकेशन को रिव्यू की जाएगी और अगर एलिजिबल पाए जाते हैं, तो आपको एक फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
फिटनेस सर्टिफिकेट की लागत राज्य सरकार के अनुसार अलग-अलग होती है। आमतौर पर, फिटनेस सर्टिफिकेट की लागत ₹1,000 से ₹2,000 के बीच होती है। फिटनेस सर्टिफिकेट की वैधता राज्य सरकार तय करता है।
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