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क्या आप जानते हैं कि सुबह खाली पेट भीगे चने खाने की सलाह क्यों दी जाती है? क्यों अंकुरित आहार में चने को विशेष महत्व दिया गया है? आपको जानकार हैरानी होगी कि छोटा-सा दिखने वाला चना पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी बचाव कर सकता है।
जनता से रिश्ता। क्या आप जानते हैं कि सुबह खाली पेट भीगे चने खाने की सलाह क्यों दी जाती है? क्यों अंकुरित आहार में चने को विशेष महत्व दिया गया है? आपको जानकार हैरानी होगी कि छोटा-सा दिखने वाला चना पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी बचाव कर सकता है। इस लेख में हमारे साथ जानिए शरीर की विभिन्न परेशानियों के लिए चना खाने के फायदे और इसे खाने के विभिन्न तरीके। आइए, सबसे पहले चने के विभिन्न प्रकारों के बारे में जान लेते हैं।
क्या होता है चना
चना कई औषधीय गुणों से परिपूर्ण एक खाद्य पदार्थ है, जिसका वैज्ञानिक नाम साइसर एरीटिनम है। यह एक महत्वपूर्ण दलहन (Pulse) है, जिसे दुनिया भर में उगाया जाता है। भारत में इसका उत्पादन सबसे ज्यादा किया जाता है। यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर व विटामिन-बी सहित कई अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है (1)। चने की एक खास बात यह है कि इसका सेवन कई तरह से किया जा सकता है, जिसकी चर्चा हम नीचे करेंगे। आगे जानिए चने के प्रकारों के बारे में।
चने के प्रकार –
मुख्य रूप से चने के दो प्रकार के होते हैं
देसी चना – देसी चना आकार में छोटा होता है और रंग गहरा भूरा होता है।
काबुली चना – वहीं, काबुली चना देसी चने की तुलना में आकार में बड़ा होता है। इसका रंग हल्का बादामी होता है।
चने के बारे में जानने के बाद आगे जानिए चने के फायदे।
पाचन तंत्र
पाचन स्वास्थ्य के लिए भी चने के फायदे बहुत हैं। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसलिए चना पेट संबंधी समस्याओं जैसे गैस, कब्ज, डायरिया व सख्त मल आदि को ठीक कर स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है (3)। एक रिपोर्ट के अनुसार फाइबर कब्ज जैसी स्थितियों के अलावा कोलन कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है (4)। पाचन के लिए अंकुरित चने के फायदे बहुत हैं, आप रोजाना सुबह खाली पेट अंकुरित चने खा सकते हैं।
वजन कम करने के लिए
मोटापे से परेशान लोग चने का सेवन कर सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो अत्यधिक भूख को निंयत्रित कर वजन घटाने में सहायता कर सकता है। वहीं, इसमें मौजूद फाइबर कैलोरी के सेवन को कम कर अतिरिक्त मोटापे को नियंत्रित करता है । वजन घटाने के घरेलू उपचार के रूप में आप चने को अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं।
कैंसर
एक अध्ययन के अनुसार चना ब्लड शुगर और वजन घटाने से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारी को रोकने का काम कर सकता है। शोध के अनुसार चने में ब्यूटिरेट नामक फैटी एसिड पाया जाता है, जो सेल प्रोलिफरेशन (कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि (6)) को दबाने और एपोप्टोसिस (सेल मृत्यु) को प्रेरित कर कोलोरेक्टल कैंसर (कोलन कैंसर) के जोखिम को कम कर सकता है।
इसके अलावा, चने में मौजूद लाइकोपीन, बायोइकनिन-ए और सैपोनिन्स जैसे बायोएक्टिव कमपाउंड कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं
हृदय स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रॉल
हृदय के लिए भी चना खाने के फायदे बहुत हैं। चना पोटैशियम, फाइबर और विटामिन-सी व बी6 जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है जो हृदय रोग का एक मुख्य कारण है। एक अध्ययन के अनुसार चने में मौजूद घुलनशील फाइबर और पोटैशियम हृदय रोग को रोकने में मदद कर सकते हैं।
इसके अलावा, चने में मौजूद फोलेट हृदय को स्वस्थ रखने का काम करता है। यह होमोसिस्टीन नामक एमिनो एसिड को बेअसर करता है, जो रक्त के थक्कों का निर्माण करते हैं ।
आंखों के लिए
आंखों के लिए भी चने के फायदे बहुत हैं। चना β-कैरोटीन नामक तत्व से समृद्ध होता है, जो आंखों के लिए लाभदायक हो सकता है। 'एज-रिलेटेड आई डिसीज स्टडी' में पाया गया है कि β-कैरोटीन एएमडी (नेत्र रोग, जिसमें आंखों की रोशनी चली जाती है) के जोखिम को कम कर सकता है। इसके अलावा, चने में विटामिन-सी भी पाया जाता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है
चने के फायदे
चने के फायदे सिर्फ पेट भरने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शरीर की कई सामान्य से लेकर गंभीर तकलीफों का इलाज कर सकता है। नीचे जानिए स्वास्थ्य के लिए चने के फायदों के बारे में।
रक्त शर्करा (ब्लड शुगर)
शरीर में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में चना अहम भूमिका निभा सकता है। एक शोध के अनुसार चना शरीर में अतिरिक्त बल्ड शुगर को दबाने का काम करता है। मधुमेह का एक कारण अत्यधिक भूख लगना भी है और चना भूख को कम करने का काम करता है। इसके पीछे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (रक्त शर्करा के स्तर पर कार्बोहाइड्रेट का प्रभाव), फाइबर व प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का होना है
हड्डी स्वास्थ्य
हड्डियों के लिए काबुली चना के फायदे बहुत हैं। यह कैल्शियम से समृद्ध होता है और कैल्शियम हड्डियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यह हड्डियों को स्वस्थ बनाने और उन्हें मजबूत रखने में सहयोग करता है। शरीर कैल्शियम का निर्माण नहीं करता है, इसलिए इसकी पूर्ति कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों से की जाती है। मजबूत हड्डियों के लिए आप रोजाना चने का सेवन कर सकते हैं।
एनीमिया के लिए
चना के औषधीय गुण एनीमिया जैसी घातक बीमारी से भी बचा सकते हैं। यह एक जानलेवा बीमारी है, जो सबसे ज्यादा महिलाओं में देखी जाती है। यह समस्या शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के विकास में बाधा के कारण होती है। इसके होने का सबसे बड़ा कारण आयरन की कमी है। चना आयरन से समृद्ध होता है , इसलिए एनीमिया से निजात दिलाने में यह आपकी मदद कर सकता है।
गर्भावस्था में सहायक
गर्भवती महिला के लिए भी काबुली चना के फायदे देखे गए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, इसमें फोलेट का मौजूद होना। यह एक आवश्यक विटामिन-बी है, जो मां और भ्रूण दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। गर्भावस्था के पहले और गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त फोलिक एसिड बच्चे के मस्तिष्क या रीढ़ से जुड़े जन्म दोषों को रोकने में मदद करता है ।
इसके अलावा, चना आयरन, प्रोटीन, जिंक व कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसलिए, यह गर्भावस्था के दौरान भ्रूण को पोषित करने का काम करता है ।
महिलाओं में हार्मोन को करता है नियंत्रित
चना एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है, जो रजोनिवृत्ति (उम्र बढ़ने के साथ प्रजनन हार्मोन में गिरावट) और रजोनिवृत्ति के बाद के नकारात्मक लक्षणों को दूर करने का एक प्राकृतिक तरीका हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि चना अपने एस्ट्रोजेनिक गुणों से रजोनिवृत्ति के लक्षणों और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) के उपचार में सहायक हो सकता है ।
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