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सावन के महीने में क्यों खाया जाता है घेवर और फेनी, जानिए इसके पीछे का कारण

Renuka Sahu
7 July 2021 5:32 AM GMT
सावन के महीने में क्यों खाया जाता है घेवर और फेनी, जानिए इसके  पीछे का कारण
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सावन का महीना आते ही मिठाई की दुकानों पर घेवर और फेनी सजने लगते हैं. सावन के दौरान इनकी खूब डिमांड होती है. खासतौर पर तीज और रक्षाबंधन पर तो घेवर और फेनी की मांग और बढ़ जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन का महीना आते ही मिठाई की दुकानों पर घेवर और फेनी सजने लगते हैं. सावन के दौरान इनकी खूब डिमांड होती है. खासतौर पर तीज और रक्षाबंधन पर तो घेवर और फेनी की मांग और बढ़ जाती है. चूंकि सावन का महीना आने वाला है, ऐसे में इस मौके पर आज हम आपको बताएंगे कि सावन के इस महीने में घेवर और फेनी क्यो खाए जाते हैं.

मिष्ठान विक्रेताओं की मानें तो घेवर और फेनी की डिमांड राजस्थान और ब्रज क्षेत्र में होती है. इन क्षेत्रों में सावन के महीने में इनका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. इसकी वजह है कि सावन का महीना वर्षा ​ऋतु का महीना माना जाता है. इस महीने में नमी होने के ​चलते मिठाइयों में चिपचिपाहट हो जाती है. लेकिन फेनी और घेवर बरसात की नमी से खराब नहीं होते, बल्कि उनका स्वाद और ज्यादा बढ़ जाता है. वहीं सावन के महीने में हरियाली तीज और रक्षाबंधन जैसे त्योहार होते हैं. इन त्योहारों में मिठाइयों की मांग ज्यादा होती है. यही वजह है कि सावन आते ही मिठाई की दुकानों पर घेवर और फेनी नजर आने लगते हैं और ये सावन के बाद तक पूरी वर्षा ऋतु तक रहते हैं.
समय के हिसाब से बदल गया घेवर का स्वरूप
एक समय था जब घेवर मैदे में पानी डालकर घोल तैयार करके बनाया जाता था, लेकिन जैसे जैसे समय बदला, घेवर का स्वरूप भी बदल गया. आज घेवर के लिए घोल तैयार करते समय उसमें पानी की जगह दूध डाला जाता है. इसके अलावा केसरिया घेवर देसी घी और चीनी से मिलाकर तैयार किया जाता है. केसरिया घेवर कई दिनों तक खराब नहीं होता. इसके अलावा बाजार मे एक मलाई घेवर भी बिकता है जिसमें खोए का प्रयोग किया जाता है. इन घेवरों में कई तरह के मेवा आदि का प्रयोग भी होता है.
रक्षा बंधन पर ससुराल भेजी जाती है फेनी और घेवर
ब्रज क्षेत्र और राजस्थान में रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी बहन के घर जाकर राखी बंधवाते हैं. इस दौरान मिठाई साथ में लेकर जाने की प्रथा है. चूंकि बारिश के दिनों में घेवर और फेनी ज्यादा बिकती है, इसलिए लोग अक्सर तमाम वैराइटी के घेवर, फेनी और अन्य मिठाइयां लेकर जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में शादी के बाद पहले रक्षाबंधन पर बहन के घर सरगी भेजने का रिवाज है, जिसमें खासतौर पर रक्षाबंधन के मौके पर बहन के घर फेनी, घेवर और बूरा भेजा जाता है. यही वजह है कि रक्षाबंधन के दिन सुबह से ही मिठाई की दुकानों पर घेवर और फेनी को खरीदने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो जाती है.


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