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नई दुल्हन दूल्हे के घर में प्रवेश से पहले मुख्य द्वार पर क्यों लगाती है हल्दी की छाप

SANTOSI TANDI
9 Jun 2023 7:26 AM GMT
नई दुल्हन दूल्हे के घर में प्रवेश से पहले मुख्य द्वार पर क्यों लगाती है हल्दी की छाप
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नई दुल्हन दूल्हे के घर में प्रवेश
हिन्दू धर्म में सभी रीति-रिवाजों का धार्मिक कारण होता है। शादी एक सबसे बड़ी रस्म है और इसका महत्व बहुत ज्यादा है। ज्योतिष में उसके कई कारण हैं जिनमें से एक है कि शादी दो परिवारों का मेल है और इससे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है जो आपके जीवन को बदलने में बहुत बड़ा योगदान देता है।
किसी की भी कुंडली में सातवां भाव शादी का होता है जो नवें भाव से ग्यारहवां और ग्यारहवें भाव से नवें भाव में होता है। ग्यारहवां भाव आय का होता है और नवां भाव आपके भाग्य का होता है। इसका तात्पर्य है कि शादी के बाद घर में जीवनसाथी के प्रवेश को अत्यंत शुभ माना जाता है।
जब नई नवेली दुल्हन घर में प्रवेश करती है तब उसे माता लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। हिन्दू शादी की रस्मों में से यह है दुल्हन का दूल्हे के घर में प्रवेश करना। इस समय नई दुल्हन दूल्हे के घर में मुख्य द्वार हाथों से हल्दी की छाप लगाती है। आइए नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से जानें इस प्रथा के कारणों और हल्दी की छाप के महत्व के बारे में।
नई दुल्हन क्यों लगाती है दूल्हे के घर में हल्दी की छाप
ऐसा माना जाता है कि हल्दी आयुर्वेद के हिसाब से तो महत्वपूर्ण है ही और ज्योतिष में ये बृहस्पति ग्रह की कारक मानी जाती है। शादी के बाद गुरु बृहस्पति का आशीष लेना जरूरी माना जाता है। इससे हमें ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है और हमारे ऊपर सदैव ईश्वर का हाथ बना रहता है। यह एक ऐसा ग्रह है जो सुख समृद्धि ला सकता है और हमारे वैवाहिक जीवन को भी खुशहाल बना सकता है।
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नई दुल्हन माता लक्ष्मी का रूप होती है
चूंकि ज्योतिष में नई दुल्हन को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है और हल्दी भगवान विष्णु की अत्यंत प्रिय सामग्री है। इसलिए जब दुल्हन हल्दी से अपने हाथों की छाप लगाती है तब घर के सभी लोगों में माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) की कृपा दृष्टि भी बनी रहती है। इसके साथ ही ऐसा माना जाता है कि हल्दी के माध्यम से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा और हमेशा समृद्धि बनी रहेगी। इस अवधारणा का पालन करते हुए मुख्य द्वार में हल्दी की छाप लगाना सबसे शुभ रस्मों में से एक माना जाता है।
मुख्य द्वार पर हल्दी की छाप लगाने का महत्व
मुख्य द्वार पर जब नई दुल्हन हल्दी की छाप लगाती है तो वह यह कामना करती है कि उसका नए घर में प्रवेश शुभ हो। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी को शुभता का प्रतीक माना जाता है।
इसी वजह से शादी के पहले भी हल्दी की रस्म निभाई जाती है जिसमें दूल्हे और दुल्हन के हाथ हल्दी से पीले किए जाते हैं और उनके भावी जीवन के सुखमय होने की कामना की जाती है। हल्दी की छाप मुख्य द्वार में लगाने से परिवार के सभी लोगों को बृहस्पति देव का आशीष मिलता है, जिससे रोग-दोष दूर होते हैं।
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हल्दी की छाप दुल्हन के नए घर का सदस्य होने का प्रतीक
नई दुल्हन जब पहली बार ससुराल में प्रवेश करती है तब हाथों से हल्दी की छाप लगाकर इस बात का सन्देश देती है कि अब ये यह घर उसका भी है और इस घर की खुशहाली उसकी जिम्मेदारी है।
हल्दी जैसी पवित्र सामग्री से छाप लगाना यह दिखाता है कि दुल्हन ससुराल के सभी लोगों का हर एक परिस्थिति में साथ देगी और दूल्हे के साथ सामंजस्य स्थापित करेगी। हल्दी दोनों के रिश्ते को पवित्र बनाने का संकेत मानी जाती है। वहीं कुछ जगहों पर दुल्हन के साथ दूल्हे के हाथों की छाप लगाने का भी रिवाज है जो दूल्हे और दुल्हन के मजबूत रिश्ते का प्रतीक है।
दूल्हे के घर में नई दुल्हन का प्रवेश हल्दी की छाप के साथ अन्य रस्मों के साथ किया जाता है और उन सभी रस्मों का वैवाहिक जीवन में अपना अपग महत्व है।
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