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धनतेरस पर क्यों करते हैं झाड़ू की खरीदारी? जानिए इसकी वजह

Triveni
10 Nov 2020 8:13 AM GMT
धनतेरस पर क्यों करते हैं झाड़ू की खरीदारी? जानिए  इसकी वजह
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हिन्दी पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हर वर्ष धनतेरस या धनत्रयोदशी मनाई जाती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिन्दी पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हर वर्ष धनतेरस या धनत्रयोदशी मनाई जाती है। इस वर्ष धनतेरस 13 नवंबर दिन शुक्रवार को है। धनतेरस के दिन मुख्यत: हम लोग सोना, चांदी और पीतल के बर्तन आदि खरीदते हैं। हालांकि धनतेरस के दिन लोगों को आपने झाड़ू भी खरीदते देखा होगा। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने का धार्मिक महत्व होता है। इसका संबंध धनतेरस से क्या है? आइए जानते हैं इसके बारे में

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, उसमें माता लक्ष्मी का वास होता है। झाड़ू को नकारात्मक शक्तियों को दूर करने वाला और सकारात्मकता का संचार करने वाला माना जाता है। झाड़ू को बुराइयों को नाश करने वाला भी कहा जाता है। यह घर में सुख समृद्धि का कारक भी माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदकर घर लाने से आर्थिक तंगी दूर होती है। कर्ज की स्थिति से मुक्ति मिलती है। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदकर लाया जाता है और उसे लिटाकर रखते हैं। खड़ा झाड़ू रखना अपशकुन माना जाता है। झाड़ू को हमेशा ही छिपाकर रखते हैं तथा कोशिश करते हैं कि वह पैर से न लगे। पैर से लगने पर इसे माता लक्ष्मी का अनादर माना जाता है

झाड़ू से जुड़ी और भी कुछ बाते हैं। झाड़ू हमारे मकान के अंदर की गंदगी साफ करने के काम आती है। इससे घर के अंदर साफ सफाई रहती है। परिवार के लोग स्वस्थ रहते हैं। घर के अंदर सकारात्मकता का वास होता है।

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