लाइफ स्टाइल

खाने की वीडियोज देखकर आखिर क्यों लगती है हमें भूख?

SANTOSI TANDI
1 Sep 2023 6:12 AM GMT
खाने की वीडियोज देखकर आखिर क्यों लगती है हमें भूख?
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क्यों लगती है हमें भूख?
मैं पिछले दिनों एक कोरियन वैरायटी शो देख रही थी। उसमें कुछ के-पॉप आइडल्स और एक्टर्स खाना बना रहे थे। उन्हें खाना बनाते और खाते देख मुझे भी भूख लगने लगी। मुझे कोरियन कॉर्न डॉग खाने का इतना मन किया कि मैंने तुरंत उसे ऑर्डर किया। मुझे पता है करने वाली सिर्फ मैं नहीं हूं।
अधिकांश लोगों के साथ ऐसा होता है कि यदि वो कोई फूड वीडियो देख लें, तो उन्हें भी भूख लगने लगती है। इतना ही नहीं, आपने देखा होगा कि अगर आपके आसपास कोई स्वीट्स, चॉकलेट्स या डेजर्ट की बात कर दे, तो हमारा वो भी खाने का मन करने लगता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? चलिए इस आर्टिकल में जानें कि आखिर क्यों खाने की वीडियोज देखकर हमें भूख लगने लगती है।
क्यों होती है फूड क्रेविंग्स?
फूड क्रेविंग्स का सबसे पहला कारण तो यही है, जो हम अक्सर सुनते आए हैं। जब हम लंबे समय तक कुछ नहीं खाते हैं, तो हमें भूख लगने लगती है। इसके चक्कर में हम अक्सर ओवर-इटिंग करते नजर आते हैं। वहीं, खाना हमारे लिए कम्फर्ट का काम करता है। बहुत सारे लोग जब बोर होते हैं, तो वे चिप्स, चॉकलेट, बिस्किट आदि मंच करने लगते हैं। स्ट्रेस में भी खाना ही हमें कम्फर्ट कर पाता है और हम जरूरत से ज्यादा खाने लगते हैं, जिसे स्ट्रेस इटिंग कहते हैं। अनियमित खाने का पैटर्न भी हमारी क्रेविंग को बढ़ाता है और हम सॉल्टी, फ्राइड और मीठे की ओर भागते हैं।
क्यों लगती है फूड वीडियोज देखते हुए भूख?
आपने यह तो सुना ही होगा, 'हम खाना पहले अपनी आंखों से खाते हैं।' इसका मतलब है कि जब खाना हमारे आगे आता है, तो वो कैसा दिख रहा है यह भी हमारी भूख को बढ़ाने या घटाने का काम करता है। ऐसे फूड आइटम्स जो आसानी से एक्सेसिबल होते हैं और सुंदर दिखते हैं, उन्हें कंज्यूम करने का मन करता है। हमारा दिमाग इस तरह से इवॉल्व हुआ है कि अच्छा खाना देखते ही उसे सिग्नल मिलता है और जागरूक हो जाता है।
इसके अलावा, स्क्रीन टाइम बढ़ने से हमारी भूख बढ़ने लगती है और हम ओवर इटिंग करने लगते हैं। आप चाहे कुछ भी देख रहे हों, लेकिन इससे फिजूल की भूख और क्रेविंग्स बढ़ती है (शुगर क्रेविंग्स कैसे कंट्रोल करें)। आपने देखा होगा कि हेल्दी मील की वीडियोज देखते हुए आपको मोटिवेशन मिलता है। आप सोचते हैं कि कल से वैसा ही कुछ ट्राई करेंगे, लेकिन जंक फूड देखकर आपकी क्रेविंग्स एकदम ट्रिगर हो जाती हैं और इमोशनल इटिंग करने लगते हैं।
खाना देखकर कैसे मिलता है ब्रेन को सिग्नल?
जब भी हम फूड वीडियो और फोटो को देखते हैं, तो हम उसमें खो जाते हैं। इस तरह से हमारे मस्तिष्क को महसूस होता है कि हम उस खाने को का रहे हैं। यह एक्साइटमेंट ट्रिगर होने लगती है। हालांकि, फूड वीडियो और फोटोज देखकर आप हमेशा ओवर इट करें, ऐसा नहीं होता।
हमारी आंखों के सामने ज्यादा भोजन आते ही, उसकी एक्साइटमेंट का कारण बनती हैं और जब खाना आसानी से एक्सेसिबल होता है, तो हमारा कंट्रोल कम होता जाता है। इस तरह हमारा ब्रेन सिग्नल पहुंचाता है और हमारी भूख बढ़ जाती है।
कैसे कंट्रोल करें वीडियो से होने वाली फूड क्रेविंग्स?
हर हफ्ते अपने सोशल मीडिया को बेहतर बनाने की कोशिश करें। सोशल मीडिया क्लींज आपके लिए बहुत जरूरी है। ऐसे अकाउंट्स को फॉलो करने से बचें, जो आपको लगता है कि पॉजिटिव इंफ्लुएंस नहीं हैं। अपनी इंस्पिरेशन और मोटिवेशन के लिए हेल्दी फूड अकाउंट्स को फॉलो करें।
जब भी आपको फूड वीडियो देखते वक्त कुछ खाने का मन करे, तो पहले सोचें कि क्या आपको वाकई वो क्रेविंग्स हो रही हैं। अपने आसपास हेल्दी फूड ऑप्शन रखें। भूना हुआ मखाना (देसी घी में मखाना रोस्ट करने के फायदे), फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स को अपने पास रखें। जब भी भूख लगे, तो जंक फूड को खाने की बजाय ये चीजें मंच करें।
वहीं, यह भी देखें कि आपकी भूख फिजिकल है या मेंटली। यदि आप स्ट्रिक्ट डाइट पर हैं और ऐसा कुछ खाने से बचना चाहते हैं, तो पहले एक गिलास पानी पिएं और देखें कि क्या आपकी क्रेविंग्स दूर हो गई हैं। यदि फिर भी आपका ऐसी चीजें खाने का मन करे, तो उसे सीमित मात्रा में खाएं।
अब आप बताइए वीडियो देखते हुए आपको जो भूख लगती है, वो क्या है? सोचिए और इमोशनल और ओवर-इटिंग करने से बचें। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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