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क्‍यों कम होता है टेस्‍टोस्‍टेरॉन का लेवल? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

Tulsi Rao
24 Jun 2022 4:12 AM GMT
क्‍यों कम होता है टेस्‍टोस्‍टेरॉन का लेवल? जानिए एक्सपर्ट्स की राय
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Testosterone Replacement Therapy Side Effects: शादी के बाद हर पुरुष चाहता है कि पत्नी से उसका रिश्ता बेहतर हो, लेकिन अगर मर्द को शारीरिक कमजोरी हो जाए तो मैरिज लाइफ दुखों से भर जाती है. मेल फर्टिलिटी का कमजोर होना एक बड़ी समस्या है जिसके कारण पिता बनने में परेशानी पेश आती है. कई बार लो टेस्‍टोस्‍टेरॉन इसके पीछे की बड़ी वजह होती है जिसका उपचार करना जरूरी है.

टेस्‍टोस्‍टेरॉन की कमी से होती है परेशानी
टेस्‍टोस्‍टेरॉन (Testosterone) एक ऐसा मेल हार्मोन है जो जिसका लेवल अगर बॉडी में कम होने लगे तो शारीरिक विकास में कई प्रकार से दिक्कतें आथी है. इसके लिए अहम है कि आप सही वक्त पर इलाज कराएं, लेकिन इससे पहले उपचार के खतरे को भी जान लेना जरूरी है वरना नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
क्‍यों कम होता है टेस्‍टोस्‍टेरॉन का लेवल?
लो टेस्‍टोस्‍टेरॉन (Low Testosterone) के लेवल कम होने के पीछे सबसे बड़ी वजह हमारी डेली लाइफस्टाइल है, इसके गड़बड़ होने से सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है. आमतौर पर 40 की उम्र पार करने के बाद ऐसी परेशानी आती है. चूंकि पुरुषों परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ होता है, ऐसे में टेंशन और स्ट्रेस बढ़ना लाजमी है. इसकी वजह से टेस्‍टोस्‍टेरॉन हार्मोन में कमी आने लगती है.
जब शरीर में टेस्‍टोस्‍टेरॉन हार्मोन (Testosterone Hormone) की कमी होने लगे तो प्रजनन क्षमता तो कम होती है, इससे ब्लड सर्कुलेशन, एकाग्रता, मूड और याददाश्त पर असर पड़ने लगता है. साथ ही पुरुष ज्यादा चिड़चिड़े और गुस्सैल हो जाते हैं.
टेस्‍टोस्‍टेरॉन रिप्‍लेसमेंट है खतरनाक
डॉक्टर्स के मुताबिक टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कम होने के बाद जो लोग इसका इलाज कराने की कोशिश करते हैं उनके लिए ये कदम आसान नहीं होता. अगर टेस्‍टोस्‍टेरॉन रिप्‍लेसमेंट कराया जाए जो इसकी वजह से हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
अमेरिकन यूरोलॉजिकल एसोसिएशन (American Urological Association) की मानें तो उम्र बढ़ने के साथ लो टेस्‍टोस्‍टेरॉन (Low Testosterone) की समस्या होना आम बात है, लेकिन बेहतर है कि आप टेस्‍टोस्‍टेरॉन रिप्‍लेसमेंट थेरेपी (Testosterone Replacement Therapy) से बचें इसके लिए हेल्दी डाइट खाना शुरू करें, क्योंकि नेचुरल और आयुर्वेदक तरीके अपनाना ही बेहतर विकल्प है.


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