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प्रेगनेंसी में महिलाओं को कई तरह के बदलावों का सामना करना पड़ता है,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रेगनेंसी में महिलाओं को कई तरह के बदलावों का सामना करना पड़ता है, जिसमें से एक है त्वचा के रंग में बदलाव। अक्सर देखने को मिलता है प्रेगनेंसी के दौरान शरीर के कुछ हिस्सों में कालापन आ जाता है, जिसे लेकर वो परेशान हो जाती हैं लेकिन आमतौर पर चिंता की कोई बात नहीं है।
प्रेगनेंसी में क्यों काले पड़ जाते हैं निप्पल्स?
जब एक महिला गर्भवती होती है तो हाइपरपिग्मेंटेशन या त्वचा के काले पड़ने की समस्या से गुजरना पड़ता है। वहीं, मेलेनिन, मेलानोसाइट उत्तेजना (एमएसएच) और प्रोजेस्टेरोनव एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने के कारण भी हाइपर-पिग्मेंटेशन की समस्या हो सकती है, जिससे गर्दन, कमर, निप्पल्स और शरीर के कई हिस्सों में कालापन आ जाता है।
जब एक मां का शरीर स्तनपान के लिए खुद को तैयार कर रहा होता है, तो उसके स्तन में कई बदलाव हो सकते हैं जैसे...
- स्तनों का आकार बढ़ना
- कोमलता और अधिक सेंसटिविटी
- रक्त की आपूर्ति बढ़ने से उस क्षेत्र की नसों का काला पड़ना
- कोलोस्ट्रम नामक पीले, गाढ़े पदार्थ का रिसाव
- निप्पल बड़े हो जाते हैं और बाहर भी चिपक जाते हैं
- एरोलास की सतह पर मौजूद छोटी ग्रंथियां धक्कों का निर्माण कर सकती हैं
बढ़ जाता है निपल्स का साइज
वहीं, आखिरी दिनों में ब्रेस्ट साइज के साथ निप्पल का आकार भी बढ़ता है क्योंकि वह ब्रेस्टफीडिंग के लिए तैयार हो जाते हैं। कई बार सेबेशियस ग्लैंड (sebaceous gland) बढ़ने के कारण इस समय निपल्स पर छोटे-छोटे दाने भी निकल आते हैं। ये ग्लैंड निपल्स को ड्राई नहीं होने देते।
क्या प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट मसाज करना सही?
भूलकर भी निप्पल की मसाज ना करें क्योंकि इससे वो उत्तेजित हो सकते हैं। इससे ऑक्सिटोसिन का स्राव बढ़ जाता है, जिससे हार्मोन लेबर पेन शुरू हो सकता है। इससे अबॉर्शन तक की नौबत आ सकती है। आप चाहे तो जैतून तेल लगा सकती है लेकिन मसाज ना करें।
भूलकर भी ना करें क्रीम का इस्तेमाल?
प्रेगनेंसी के दौरान काले रंग की त्वचा के लिए भी किसी क्रीम का यूज ना करें। गर्भावस्था के दौरान अरोमा का काला पड़ना काफी सामान्य है क्योंकि प्रसव के तुरंत बाद प्रभावित क्षेत्र हल्का होने लगता है और वास्तविक रंग में भी लौट सकता है।
क्या करें?
•ध्यान दें कि सूरज की रोशनी मेलेनिन के उत्पादन को ट्रिगर करती है इसलिए प्रेगनेंसी में धूप से दूर रहें।
• मेलेनिन उत्पादन को रोकने के लिए आप डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब सनस्क्रीन लोशन लगा सकती हैं।
• खुद को हाइड्रेटेड रखें और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का यूज ना करें क्योंकि इसके केमिकल्स हानिकारक हो सकते हैं।
• यह बहुत ही नाजुक एरिया है इसलिए हार्श साबुन का इस्तेमाल ना करें। इसकी वजह से निप्पल्स में ड्राईनेस भी हो सकती है।
• नहाने के बाद क्रीम या माइश्चराइजर लगाना ना भूलें।
Ritisha Jaiswal
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