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​सुबह के समय क्यों आते हैं सबसे ज्‍यादा हार्ट अटैक

Ritisha Jaiswal
29 Sep 2021 3:08 PM GMT
​सुबह के समय क्यों आते हैं सबसे ज्‍यादा हार्ट अटैक
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भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण लोग तेजी दिल की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण लोग तेजी दिल की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। वहीं कई लोगों को इसके लक्षणों का जल्दी पता नहीं चल पाता है। ऐसे में हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है। बीते कुछ दिनों में बिग बॉस विजेता और बालिका वधु में काम कर चुके एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का निधन भी हार्ट अटैक के कारण ही हुआ था। एकदम फीट एंड फाइन होने के बावजूद भी वे मौत की चपेट में आ गए। वहीं ज्यादातर लोगों को रात या सुबह के समय नींद के दौरान हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस दौरान हार्ट अटैक आने के क्या कारण है? चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

सुबह के समय हार्ट अटैक आने का खतरा अधिक
रिसर्च के मुताबिक सुबह के 6 बजे हार्ट अटैक आने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा सुबह 6 बजे से दोपहर तक दिल का दौरा पड़ने से व्यक्ति को ज्यादा नुकसान पहुंचता है। हम ऐसा कह सकते हैं कि इस दौरान मरीज की जान जाने का खतरा अधिक रहता है। बता दें, जब शरीर में कोरोनरी धमनी में रूकावटें आने लगी। दिल में पूरी तरह से खून व ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसके कारण दिल की मांसपेशियों का एक हिस्सा काम करना बंद हो जाता है। ऐसे में हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है।
इसलिए ​सुबह हार्ट अटैक आना होता है खतरनाक
एक्सपर्ट के मुताबिक सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर तक की अवधि में डेड मसल सेल 20 प्रतिशत तक अधिक होते हैं। हम कह सकते हैं कि इस दौरान दिल तेजी से काम करता है। इसके कारण खून की धमनिका संकुचित होने लगती है। इस समय रक्त के थक्कों को बनने की क्षमता कम होती है। इसके अलावा हर व्यक्ति का बॉडी क्लॉक होता है, जो शरीर में कार्डियोवास्कुलर वर्जीक्यूलर प्रक्रियाओं पर असर डालता है। यह व्यक्ति के नींद से जागने पर अधिक प्रभावी हो जाता है।
सर्कैडियन रिदम (बॉडी क्लॉक) और स्वास्थ्य में कनेक्शन
एक अध्ययन के अनुसार, सर्कैडियन प्रणाली शरीर में थकान, कमजोरी, दिनभर जागने, हमारी भावनाओं आदि शरीर की सभी कोशिकाओं द्वारा नियंत्रित होती है।
​सुबह के समय क्यों आते हैं सबसे ज्‍यादा हार्ट अटैक
सुबह के समय हार्ट अटैक या स्ट्रोक आने का कारण सर्कैडियन रिदम होता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, भले ही कोई इंसान सही वातावरण में रहे, अच्छी डाइट लें। मगर फिर ऐसे पैरामीटर होते हैं जो 24 घंटे के बीच घूम सकते हैं। सर्कैडियन सिस्टम बहुत से साइकोलॉजिकल पैरामीटर को रैगुलेट करने में सक्षम होती है। यह व्यक्ति को इस सुबह के समय अधिक संवेदनशील बना सकती है। इसके कारण इस दौरान शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ने से हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है। उदाहरण के तौर पर सुबह के समय दिल कमजोर होता है। ऐसे में इस अवधि में खून के थक्कों को बनने से रोकनी की क्षमता कम या ना के बराबर होती है। इसलिए इस समय ज्यादा हार्ट अटैक आने का खतरा अधिक रहता है। एक रिसर्च में भी पाया कि सुबह करीह 6:30 बजे सर्कैडियन सिस्टम PAI-1 सेल्स को अधिक मात्रा में रिलीज करता है, ये खून के थक्कों को तोड़ने में मदद करता है। ऐसे में PAI -1 सेल्स रक्त में अधिक होने की स्थिति में हार्ट अटैक का खतरा कहीं गुणा बढ़ जाता है
​हार्ट अटैक के खतरे को कैसे कम करें
. भरपूर नींद लें
. तनाव लेने से बचें
. शराब, धूम्रपान, कैफीन युक्त पदार्थों आदि का सेवन ना करे
. ताजे फल, सब्जियां, दूध, सूखे मेवे, ओट्स, दालें खाएं
. योगा व एक्सरसाइज करें
. मोटापा कंट्रोल करें






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