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इसी वजह से अचानक थकान का अनुभव होता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दोपहर को जब हम खाना खाते हैं तो खाने के बाद नींद आती है. खाने से तो हमें एनर्जी मिलती है, फिर खाजिए.एक हेल्थ टे कंपनी फूड मार्बल(FoodMarble) न्यूट्रिशनिस्ट एक्सपर्ट और वैज्ञानिक डॉ. क्लेयर शॉर्ट (Claire Shortt) का कहना है कि जब हम खाना खाते हैं, तो हमारी आंत और पूरा शरीर काम करना शुरू कर देता है. ब्लड शुगर लेवल का कम हो जाना, खाना खाने के बाद नींद आने की एक वजह हो सकता है. जब हम ज्यादा शुगर वाला खाना खाते हैं, तो इससे हमारी ब्लड शुगर बढ़ती है और फिर तेजी से घट सकती है. इसी वजह से अचानक थकान का अनुभव होता है.
हार्मोन भी लाते हैं सुस्ती
हालांकि, सिर्फ इसी वजह से नींद आए, ऐसा नहीं है. इसमें हमारे हार्मोन भी अहम भूमिका निभाते हैं. खाने के बाद, हमारे शरीर में कभी-कभी सेरोटोनिन (Serotonin) के बनने में तेजी आती है. हालांकि, इसे बोलचाल की भाषा में 'फील गुड हार्मोन' (Feel Good Hormone) कहते हैं, लेकिन इस हार्मोन के बढ़े हुए स्तर से हमें नींद आ सकती है. सेरोटोनिन हमारे मूड और स्लीप साइकल में एक अहम भूमिका निभाता है, और जब खाने के बाद इसका स्तर बढ़ता है, तो आपको नींद का अनुभव होता है. स्पोर्ट्स मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध के नतीजों में कहा गया है कि नींद, सुस्ती और उनींदापन को सेरोटोनिन से जोड़ा गया है.
कैसे खाने से आती है नींद?
डॉ शॉर्ट का कहना है कि ट्रिप्टोफैन (Tryptophan) नाम के अमीनो एसिड से भरपूर खाने से नींद आ सकती है. क्योंकि यह सेरोटोनिन के उत्पादन में शामिल होता है. ट्रिप्टोफैन कई प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों जैसे पनीर, अंडों और टोफू में पाया जाता है. चेरी जैसी चीजें भी आपके मेलाटोनिन (Melatonin) के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं और आपको नींद आ सकती है.
डॉ शॉर्ट का कहना है कि खाना खाने के बाद सुस्ती लाने वाले खाने की लिस्ट बनाना काफी कठिन होता है क्योंकि अलग-अलग भोजन के प्रति व्यक्ति अलग-अलग तरह से रिएक्ट करता है.
खाने के बाद नींद न आए इसके लिए क्या करें?
डॉ शॉर्ट का कहना है कि अभी भी इसपर शोध किए जा रहे हैं कि खाने के बाद लोगों को कभी-कभी नींद क्यों आती है, इसलिए इसपर फाइनल जवाब देना ज़रा मुश्किल है. उनका कहना है कि खाने में अगर हाई फाइबर फूड (High Fiber Food) को शामिल किया जाए, तो ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है. ऐसा करने से नींद आने की संभावना कम हो जाती है.
इसके साथ ही, नियमित भोजन करें और बहुत ज्यादा मात्रा में खाने से बचें. इससे आपका पाचन तंत्र (Digestive system) ओवरलोड नहीं होगा और आपको सुस्ती भी नहीं आएगी.
Bhumika Sahu
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