लाइफ स्टाइल

क्यों सेहत के लिए फ़ायदेमंद है डार्क चॉकलेट?

Kajal Dubey
4 May 2023 12:00 PM GMT
क्यों सेहत के लिए फ़ायदेमंद है डार्क चॉकलेट?
x
जब हमें मीठा खाने की इच्छा होती है तो हम चॉकलेट खा लेते हैं. पर चॉकलेट खाने के साथ एक गिल्टी भी होती है, क्योंकि हमने बचपन से ही चॉकलेट खाने के नुक़सान के बारे में पढ़ा-सुना है. पर अगर आप बिना चॉकलेट के रह ही नहीं पाते हैं तो आपको डार्क चॉकलेट से दोस्ती कर लेनी चाहिए. भले ही यह टेस्ट में थोड़ी कड़वी हो, पर इसके सेहत से जुड़े अनेकों फ़ायदे हैं. इस चॉकलेट को आप बिना किसी गिल्टी के खा सकते हैं. इसे खाने की एक और वजह यह भी है कि इससे भरपूर पोषण मिलता है. डार्क चॉकलेट में फ़्लैवोनॉइड्स, कोको, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है.
दिमाग़ सक्रिय होता है
डार्क चॉकलेट में मौजूद कोको से दिमाग़ में रक्त का प्रवाह बढ़ता है. जिसके चलते डार्क चॉकलेट से दिमाग़ ज़्यादा सक्रिय और क्रियाशील बनाता है.
त्वचा की सेहत सुधरती है
डार्क चॉकलेट में कॉपर, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स और विटामिन्स होते है. ख़ासकर कैल्शियम क्षतिग्रस्त त्वचा को रिपेयर करने में मददगार है. डॉर्क चॉकलेट खाने से त्वचा बेहतर बनती है.
डायबिटीज़ का ख़तरा कम होता है
डार्क चॉकलेट की संतुलित मात्रा से शरीर का मेटाबॉलिज़्म सुधरता है. ग्लूकोज़ का चयापचय बेहतर होता है. इसके अलावा डार्क चॉकलेट में फ़्लैवोनॉइड होते हैं, जो तनाव कम करने में बेहद कारगर हैं. इंसुलिन का प्रोडक्शन अच्छी तरह होने में मदद मिलती है. इन सबके मिले-जुले प्रभाव के चलते डार्क चॉकलेट खाने से डायबिटीज़ का ख़तरा कम होता है.
प्रेग्नेंट मांओं के लिए है फ़ायदेमंद
कई शोधों में यह बात सामने आई है कि डार्क चॉकलेट खाने से भ्रूण की सेहत में सुधार होता है. ख़ासकर अगर मां हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से जूझ रही हो. हालांकि यह नहीं स्पष्ट है कि डार्क चॉकलेट की कौन-सी चीज़ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है, पर यह माना जाता है कि इसमें मौजूद फ़्लैवोनॉल यह काम करते हैं.
ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स से भरपूर
डार्क चॉकलेट्स ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है. यह हम जानते ही हैं कि शरीर को नुक़सान पहुंचानेवाले फ्री रैडिकल्स को ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स कितन प्रभावी ढंग से नष्ट करते हैं. ये ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स कैंसर को फैलानेवाले फ्री रैडिकल्स को भी नष्ट करते हैं.
डार्क चॉकलेट खाएं, पर…
बेशक संतुलित और संयमित मात्रा में डार्क चॉकलेट खाना सेहत के लिहाज़ से अच्छा है, पर आपको यह बात याद रखनी चाहिए कि यह भी अंतत: है तो चॉकलेट ही. इसका मतलब यह हुआ कि इसमें में शक्कर होती है और सैचुरेटेड फ़ैट भी. शक्कर और सैचुरेटेड फ़ैट की अधिक मात्रा शरीर को काफ़ी नुक़सान पहुंचा सकती है. तो डार्क चॉकलेट कितनी भी फ़ायदेमंद क्यों न हो, ज़रूरत से ज़्यादा न खाएं.
चावल एक माड़युक्त (स्ट्रार्च) अनाज है, जो अपनी उपलब्धता और किसी भी स्वाद या मसाले के अनुकूल ढल जाने की क्षमता के कारण दुनिया की आधी से अधिक आबादी का मुख्य आहार है. पकने के बाद चावल बेहद नरम होकर अन्य खाद्य पदार्थों के साथ अच्छी तरह से मिल जाता है. लेकिन हाल के दिनों में अधिकतर लोगों ने चावल को अपनी डायट से बाहर निकाल दिया है, ताकि वज़न कम किया जा सके. साथ ही उन्हें लगता है कि चावल का कोई फ़ायदा नहीं होता, लेकिन अगर कोई चावल को पूरी तरह से अपनी डायट से बाहर निकाल देता है तो वह इसके कई फ़ायदों चूक जाता है. सभी खाद्य पदार्थों का सेवन हमें सही अनुपात और सही समय पर करना चाहिए. चावल के मामले में भी ऐसा ही है, अगर आप एक निश्चित अनुपात में इसका सेवन करते हैं तो इसे खाने से कोई समस्या नहीं होती है.
डायटिशियन, हॉलिस्टिक न्यूट्रीशनिस्ट और डायट पोडियम की फाउंडर शिखा महाजन हमें चावल के विभिन्न फ़ायदों और क्यों आपको उसे अपनी डायट नहीं हटाना चाहिए, इस बारे में बता रही हैं.
ऊर्जा का अच्छा स्रोत है
कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है. जब वे हमारे सिस्टम में प्रवेश करते हैं तो शरीर स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने का काम करते हैं. चावल के स्वास्थ्यवर्धक कार्ब्स, केवल ऊर्जा में परिवर्तित होने से कहीं ज़्यादा अधिक उपयोगी होते हैं. यह मस्तिष्क के कार्य संचालन में सबसे अधिक सहयोगी होता है, क्योंकि मस्तिष्क इसी प्रकार की ऊर्जा को अवशोषित व उपयोग करता है. चावल में मौजूद खनिज, विटामिन्स और अन्य पोषकतत्व शरीर के अंगों की मेटबॉलिक एक्टिविटी को गति देने में सहायक होते हैं. इस क्रिया की वजह से ही हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है.
ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है
चावल में सोडियम की मात्रा ना के बराबर होती है और इसलिए यह हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन से पीड़ित व्यक्तियों के लिए अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है. जैसे-जैसे ब्लड प्रेशर बढ़ता है सोडियम नसों और धमनियों को कसने लगता है, जिससे हृदय प्रणाली पर अधिक तनाव और दबाव पड़ता है. अतिरिक्त सोडियम की वजह से एथेरोस्कलेरोसिस, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे हृदय संबंधित समस्याएं होती हैं, इसलिए इससे बचे रहने का विचार बहुत अच्छा है. ब्राउन और वाइट राइस हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए फ़ायदेमंद होती है.
ग्लूटेन फ्री
यदि आपको ग्लूटेन से एलर्जी है, तो बिना किसी समस्या के चावल को आसानी से अपने आहार में शामिल कर सकते हैं. आपकी पेट में कोई सूजन नहीं होगी, क्योंकि यह ग्लूटेन मुक्त है. शरीर में सूजन को कम करने के तरीक़ों की तलाश हमेशा चुनौती पूर्ण होती है, लेकिन चावल से हम यह कर सकते हैं. यही कारण है चावल को हमें अपने डायट में शामिल करना चाहिए.
एनीमिया से लड़ने में मददगार
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाना का सेवन करने की सलाह दी जाती है. वाइट और ब्राउन राइस, दोनों में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो एनीमिया के मरीजों के लिए मददगार होता है.
मेटाबॉलिज़्म के लिए फ़ायदेमंद
चावल में नियासिन, विटामिन डी, कैल्शियम, फ़ाइबर, आयरन, थायमिन और राइबोफ़्लेविन जैसे पोषकतत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. शरीर में फंडामेंटनल फंक़्शन के लिए विटामिन की रोज़ाना आवश्यकता होती है और चावल में मौजूद ये विटामिन शरीर के मेटाबॉलिज़्म, इम्यून सिस्टम हेल्थ और अंग प्रणालियों के सामान्य कामकाज की नींव प्रदान करते हैं.
ग्रीन टी
ग्रीन टी बड़ी मात्रा में स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जानी जाती है. ख़ासतौर से डायबिटिक पेशेंट्स के लिए एक मूल्यवान चीज़ है. नियमित रूप से ग्रीन टी पीने से सेलुलर डैमेज में कमी आती है, इससे इंफ़्लेमेशन कम होता है और ब्लड शुगर नियंत्रित होता है. आप रोज़ाना 2-3 कप ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं. ग्रीन टी टॉक्सिन लेवल नियंत्रित करने में मददगार होती है, जिसे कई बीमारियों की जड़ माना जाता है. यह पाचन क्रिया को सुधारने, फ्री रेडिकल्स से होनेवाले नुक़सान की भरपाई करने, वज़न को नियंत्रित करने और इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने में भी सहायक होती है.
सिनेमन टी
दालचीनी भारतीय रसोई का अभिन्न अंग है. दालचीनी ना केवल अपने बेहतरीन सुगंध के लिए जानी जाती है, बल्कि इसके कई अद्भुत उपचारात्मक गुण भी हैं. इसका स्ट्रॉन्ग ऐंटी-डायबिटिक गुण ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायक होता है. नियमित रूप से दालचीनी चाय पीने से ब्लड शुगर लेवल में कमी आने के साथ ही यह ब्लड में शुगर के रिलीज़ प्रक्रिया को धीमी कर देती है. यह सेलुलर ग्लूकोज़ अपटेक को बढ़ावा देती है और इंसुलिन सेंसिविटी में सुधार लाती है.
रुइबोस टी
Femina
अफ्रीका में उगने वाले पौधे रेड बुश से रुइबोस चाय तैयार की जाती है. इसकी पत्तियां जब फ़र्मेंटेशन प्रॉसेस से गुज़रती हैं, तो उनका रंग लाल हो जाता है. रुइबोस चाय बनने के बाद भी ख़ूबसूरत लाल रंग की दिखती है. यह अन्य पारंपरिक ग्रीन व ब्लैक टी की तुलना अधिक फ़ायदेमंद होती है. यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने के साथ टाइप-2 डायबिटीज़ के ख़तरे को कम करती है. कैल्शियम, मैग्नीशियम, ज़िक और विटामिन सी से भरपूर यह चाय इम्यूनिटी सिस्टम को भी मज़बूत करती है.
कैमोमाइल टी
कैमोमाइल टी को ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के साथ कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्रदान करने के लिए जाना जाता है. यह अपने स्ट्रॉन्ग कसैले स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. इसमें ऐंटी-इंफ़्लेमेटरी और टैनीन, फ़्लोराइड्स, पॉलिफ़िनाइल्स और फ़्लेवोनॉइड्स जैसे कई और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करते हैं. बेहतर ब्लड शुगर नियंत्रण के लिए इस हर्बल टी का सेवन करें. सेहतमंद रहें.
हिबिस्कस टी
गुड़हल की चाय, डायबिटीज़ से परेशान मरीजों के लिए भी फ़ायदेमंद है. यह इंसुलिन बढ़ने से रोकने और ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में सहायक होती है. इसके साथ ही शरीर में ख़राब कोलेस्टेरॉल के स्तर को कम करके हृदय संबंधित रोगों से लड़ने में मदद करती है. यह हिबिस्कस टी में कैलोरी प्राकृतिक रूप से कम होने के साथ वह कैफ़ीन मुक्त होती है. गुड़हल के फूल में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फ़ॉस्फ़ोरस, पोटैशियम, सोडियम और ज़िंक सहित कई और मिनरल्स के साथ विटामिन्स और फ़ाइबर पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर, मानसिक तनाव, कोलेस्टेरॉल संतुलित करने और कैंसर, लिवर की बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं.
आपने कितनी ही बार कुकिंग वीडियोज़ देखे होंगे, जिसमें चॉकलेट चिप्स कुकीज़ बनाई जाती है और उसे देखकर आपका मन डोल जाता है? चॉकलेट छोड़ना-ख़ासकर उन लोगों के लिए, जो इसके आदी हैं-बहुत ही कठिन डगर है. यह तब और भी मुश्क़िल हो जाता है, जब आप एक हेल्दी लाइफ़ स्टाइल के लिए डायट फ़ॉलो करती हैं. पर उन सभी चॉकलेट प्रेमियों को चॉकलेट की ओवरइटिंग से बचना चाहिए, जिनका वेट बहुत जल्दी बढ़ता है. डायटीशियन शिखा महाजन, होलेस्टिक न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट पोडियम की संस्थापक, हमें चॉकलेट को डायट में शामिल करने के कुछ सरल और आसान तरीक़े बता रही हैं, जिससे आपको अपनी ख़ुशी नहीं छोड़नी पड़ेगी.
थोड़ा खाकर मिठास की तलब पूरा करें
अगर आप चॉकलेट का एक छोटा-सा टुकड़ा रोज़ाना भी खाती हैं, तो भी आप अपना वज़न कम कर सकती हैं. इसमें सबसे ज़रूरी बात यह है कि आपको बहुत ही थोड़ा खाना है. यदि आप एक स्वस्थ, कैलोरी-कंट्रोल डायट फ़ॉलो करती हैं, तो आप अपनी मीठे वाली ख़ुशी को हासिल करने के लिए थोड़ा खा सकती हैं. इसके लिए आपको एक्स्ट्रा एक्सरसाइज़ नहीं करनी पड़ेगी.
गो डार्क
अगर आप वज़न कम करने की यात्रा पर हैं तो आपके खाने के लिए डार्क चॉकलेट सबसे अच्छी चॉकलेट है. कम से कम 70 प्रतिशत कोको के साथ डार्क चॉकलेट आपके मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाती है और इंसुलिन लेवल को कम करने के साथ-साथ आपको संतुष्ट महसूस करवाती है. इसके साथ ये सभी चीजें वज़न कम करने में भी आपकी मदद करती हैं. डार्क चॉकलेट्स न केवल सेहतमंद होती हैं, बल्कि उनमें बहुत अधिक कॉम्लेक्स फ़्लेवर कॉम्पोनेंट्स होते हैं, जो आपको एक स्टैंडर्ड, शुगर से भरी दूध चॉकलेट की तुलना में अधिक संतुष्ट महसूस करवाते हैं.
दूसरे फ़ूड्स के साथ मिलाएं
सुबह के नाश्ते के लिए दलिया बनाते समय आप एक चुटकी पाउडर चॉकलेट या दोपहर के समय अपने दही की कटोरी में कुछ चॉकलेट चिप्स मिला सकती हैं. यहां तक कि दोपहर 3 बजे वाली कैपेचीनो कप में पाउडर चॉकलेट का एक छोटा स्पून भी आपकी हल्की भूख को शांत करने के लिए काफ़ी होगा. काजू, बादाम, तिल और बेरीज़ जैसे अनप्रोसेस्ड इन्ग्रीडिएंट्स के साथ आप कोको मिलाकर खा सकती हैं, जिससे आपको दूसरे भी पोषण मिल सकेंगे.
कुछ चॉकलेट विकल्प आज़माएं
चॉकलेट में बहुत अधिक शक्कर और फ़ैट होता है. जब आपको चॉकलेट खाने का मन हो तो आप कम कैलोरी वाले चॉकलेट ऑप्शन की तरफ़ बढ़ें, जैसे कम फ़ैट वाले चॉकलेट मूस, कम कैलोरी वाली चॉकलेट मिठाई और हॉट चॉकलेट ड्रिंक. यह आपकी चॉकलेट क्रेविंग को कम करेंगे.
Next Story