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युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं कार्डियक अरेस्ट के मामले

Rani Sahu
3 Sep 2022 4:54 PM GMT
युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं कार्डियक अरेस्ट के मामले
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फिल्म अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला हो या फिर बॉलीवुड के मशहूर सिंगर केके, ये दोंनो हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) का शिकार हुए। ख़ास बात यह है कि ये सभी युवा थे, जो अब तक यह समझते रहे हैं कि कम उम्र में हार्ट अटैक (heart attack) नहीं आ सकता है। यह रोग केवल उम्रदराज और मोटे लोगों को ही होता है। डॉक्टरों की मानें तो अगर कोई व्यक्ति चेंन स्मोकर है, आरामदेह लाइफ स्टाइल जीता है, कम सोता है और दुबला-पतला भी है तो उसको भी कार्डियक अरेस्ट आ सकता है। ज्यादातर 30 प्रतिशत मामलों में हार्ट अटैक से पीड़ित लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही मर जाते हैं। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को भले ही कुछ समय पहले तक बड़ी उम्र की बीमारी माना जाता रहा हो लेकिन आजकल युवाओं के बीच इसके बढ़ते मामलों की वजह से यह एक चिंता का विषय बन गया है। बिना किसी लक्षण या संकेत के सामने आए, अचानक ही कार्डियक मौत होने को अनेपक्षित अप्राकृतिक मौत माना जाता है। जिसमें रोगी में लक्षण दिखाई देने के करीब एक घंटे के भीतर ही उसकी मौत हो जाती है। इस प्रकार होने वाली मौतों का सीधा संबंध हृदय (कार्डियक) होता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम पहले से इनसे संबंधित कारकों को समझें जिनकी वजह से अचानक कार्डियक मौतें होती हैं।
80 फीसदी कार्डियक मौतों का कारण कोरोनरी आर्टरी रोग-
अचानक होने वाली करीब 80 फीसदी कार्डियाक मौतों का कारण कोरोनरी आर्टरी रोग (सीएडी) है और यह सबसे आम कारण है। उम्र के साथ सीएडी के बढ़ने के मामले सामने आते हैं। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में यह समस्या ज्‍यादा होती है, यही वजह है कि वे अचानक होने वाली कार्डियक मौतों के शिकार भी ज्‍यादा बनते हैं। ऐसे भी कई मामले देखे गए हैं जब अत्‍यधिक व्‍यायाम के तुरंत बाद व्‍यक्ति की अचानक मौत हो गई। अत्‍यधिक व्‍यायाम की वजह से अधिक उम्र के वयस्कों में मायोकार्डियल इस्‍चेमिया हो सकता है जो हार्ट अटैक और उसकी वजह से अचानक मौत का कारण बनता है। हालांकि इस प्रकार की मौत युवाओं को भी घेर सकती है जो कि आमतौर पर हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (हृदय की मांसपेशियों के काफी मोटी हो जाना) तथा हृदय के असामान्‍य इलैक्ट्रिकल सिस्‍टम (इंपल्‍स जेनरेशन और प्रोपेगेशन) की वजह से होता है।
सडेन कार्डियक अरेस्ट
सडेन कार्डियक अरेस्ट एक इमरजेंसी मेडिकल स्थिति है, जिसमें व्यक्ति का हृदय अचानक फंक्शन करना बंद कर देता है, जिसके चलते उसे कार्डियक अरेस्ट हो जाता है। ये खतरनाक हो सकता है क्योंकि कई बार लक्षण दिखने के 1 घंटे के भीतर ही व्यक्ति की मौत हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि हम पहले से इनसे संबंधित कारकों को समझें जिनकी वजह से अचानक कार्डियाक मौतें होती हैं।
किन लोगों को सडेन कार्डियक अरेस्ट का खतरा-
सडेन कार्डियक अरेस्ट का खतरा 30-35 साल की उम्र के बाद किसी को भी हो सकता है। आमतौर पर जिन लोगों की हार्ट पंपिंग कैपेसिटी (हृदय की खून को पंप करने की क्षमता) 40% से कम होती है, उन्हें इसका खतरा बहुत ज्यादा होता है। युवाओं में इन दिनों इसके मामले काफी बढ़े हैं और इसका एक कारण तनाव है।
कार्डियोमायोपैथी और जेनेटिक चैनलोपैथी रोग -
कार्डियोमायोपैथी और जेनेटिक चैनलोपैथी रोगों की वजह से भी अचानक कार्डियाक मौतें होती हैं। नॉन-इस्‍चेमिक कारणों के चलते अचानक होने वाली कार्डियाक मौतों का सबसे आम कारण कार्डियोमायोपैथी है जो मोटापे, शराब के अत्‍यधिक सेवन और फ्राइब्रॉसिस की वजह से होता है। कुछ मरीजों की हृदय की मांसपेशियों में रोग पनप सकता है जिसकी वजह से कमजोरी और इजेक्‍शन फ्रैक्‍शन में कमी आती है। जब इजेक्‍शन फ्रैक्‍शन ( EF) घटकर 35% से भी कम रह जाता है तो अचानक घातक एरिथमिया (VT/VF)होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। 35 साल से कम उम्र के ऐसे मरीज़ों में, जिनके हृदय की संरचना पूरी तरह सामान्‍य होती है, अचानक कार्डियाक मौत का कारण घातक एरिथमिया होता है। बच्‍चों में इसका प्रमुख कारण जन्‍मजात असामान्‍यता होता है। 14 से 24 वर्ष की आयुवर्ग के मरीज़ों में, अचानक कार्डियाक मौत का कारण हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM), एरथायमोजेनिक राइट वैंट्रिक्‍युलर कार्डियोमायोपैथी (ARVC), जन्‍मजात हृदय संबंधी असामान्‍यताएं, आनुवांशिक चैनलोपैथी, मायोकार्डिटिस आदि होता है।
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