लाइफ स्टाइल

कम उम्र में क्यों बन रहे हैं रसौली जानिए इनसे बचने के घरेलु नुस्खे

Tara Tandi
5 Dec 2021 6:53 AM GMT
कम उम्र में क्यों बन रहे हैं रसौली जानिए इनसे बचने के घरेलु नुस्खे
x
महिलाएं घर और ऑफिस के काम में इतना बिजी हो जाती है कि खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाती।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महिलाएं घर और ऑफिस के काम में इतना बिजी हो जाती है कि खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाती। इसके कारण वह पीठ-कमर दर्द के अलावा कई बीमारियों से घिरी रहती हैं। शोध की मानें तो सेहत को लेकर बरती लापरवाही के कारण करीब 27% भारतीय महिलाएं कैंसर से पीड़ित है, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम है। इसके बाद महिलाओं में जो समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है वो है गर्भाशय में रसौली। आइए आज हम आपको बताते हैं इससे जुड़ी कुछ अहम जानकारी...

क्यों होती महिलाओं में फाइब्रॉइड की समस्या?
यूटराइन फाइब्रॉइड गर्भाशय का गैर कैंसर ट्यूमर है, जिसे आम भाषा में रसौली भी कहा जाता है। इस बीमारी के कारण गर्भाशय की मांसपेशियों में छोटी-छोटी गांठें बन जाती है जो मटर के दाने से लेकर फुटबॉल के आकार जितनी हो सकती है। इसके कारण महिलाओं को बांझपन, अनिमित पीरियड्स, हैवी ब्लीडिंग, लाइटर पीरियड्स जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती है। हालांकि समय पर इलाज होने से गंभीर परिणाम से बचा जा सकता है लेकिन ज्यादातर महिलाओं को इसकी जानकारी नहीं होती।
फाइब्रॉइड के कारण
40% महिलाओं को यह समस्या गलत खानपान के कारण होती है। इसके अलावा बढ़ती उम्र, हार्मोनल बदलाव, अधिक वजन भी इस बीमारी का कारण बन सकता है।
फाइब्रॉइड के लक्षण
-पेट दर्द और रक्तस्राव में वृद्धि
-संभोग के दौरान दर्द होना
-नाभि के नीचे पेट या पीठ के निचले हिस्से में दर्द
-बार-बार यूरिन आना
-प्राइवेट पार्ट से खून आना
-पेट में सूजन
-एनीमिया
-कब्ज रहना
फाइब्रॉएड से कैसे बचें?
सबसे पहले तो इस बीमारी से बचने के लिए अपना लाइफस्टाइल और खानपान सुधारें। नियमित योग व एक्सरसाइज करें। इसके अलावा डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं नियमित लें। दवाओं के साथ आप कुछ घरेलू उपाय भी अजमा सकते हैं।
आंवला
1 चम्मच आंवला पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लें। कुछ महीने नियमित करने से आपको रिजल्ट मिलेगा।
लहसुन
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर लहसुन भी फाइब्रॉएड को खत्म करने में मददगार है। इसके लिए सुबह खाली पेट शहद या कच्चा 2-3 कली लहसुन खाएं। आप इसे 1 गिलास दूध में उबालकर भी पी सकते हैं।
एप्‍पल साइडर सिरका
एप्पल साइडर सिरका शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और फाइब्रॉएड के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसके लिए 1 गिलास पानी में 1 चम्मच सिरका मिलाकर रोजाना पीएं।
हल्दी
एंटीबायोटिक हल्दी पेट को डिटॉक्स और फाइब्रॉएड ग्रोथ को कैंसर बनने से रोकती है। भोजन में हल्दी का इस्तेमाल करें। साथ ही रोज 1 गिलास हल्दी वाला दूध पीएं।
ग्रीन टी
शोध के अनुसार, ग्रीन टी में मौजूद एपीगेलोकैटेचिन गैलेट तत्व, फाइब्रॉएड के विकास को रोकता है। नियमित रूप से 1-2 कप ग्रीन-टी पीने से कई बीमारियों का खतरा कम होता है।
Next Story