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जवान दिखने के लिए करे कौन सा योग

Apurva Srivastav
27 April 2023 1:07 PM GMT
जवान दिखने के लिए करे कौन सा योग
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योग स्वस्थ जीवन व्यतीत करने की कला तथा विज्ञान है। योग करने का मकसद आत्मज्ञान की प्राप्ति तथा सभी प्रकार की शारीरिक परेशानियों को दूर करना है। योग मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता को बढ़ाकर आत्मज्ञान की प्राप्ति करवाता है।
आपको बता दें योग करने से हमें अच्छी नींद आती है तथा हमारा शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है। योग से हमें शांति तथा आनंद प्राप्त होता है। योग से हमारा मस्तिष्क एकाग्रचित होकर काम करता है तथा हमारे मन में अच्छे विचारों का निवास होता है। योग हमारे शरीर को स्वस्थ, लचीला तथा शक्तिशाली भी बनाए रखता है।
आप जानते होगें बहुत से लोग उम्र बढ़ने के साथ संघर्ष करते हैं, जो संक्षेप में एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। लेकिन क्या होगा अगर हमने आपको बताया कि एक योग आसन प्रक्रिया आपको युवा महसूस कराने में मदद कर सकता है? योग व्युत्क्रम अभ्यास आपका समाधान हो सकता है, जैसा कि विशेषज्ञों का कहना है कि उल्टा मुड़ना बच्चों को पसंद है, यह अधिकांश वयस्कों के लिए भी मददगार हो सकता है।
वहीं उल्टे आसन, योग व्युत्क्रम या शीर्षासन शरीर पर गुरुत्वाकर्षण बल की क्रिया को उलटने के लिए जाने जाते हैं जैसे कि प्रवाह जो आमतौर पर पैरों की ओर खींचा जाता है, सिर की ओर बढ़ता है। ऐसा माना जाता है कि यह उल्टा आंदोलन अभ्यासकर्ताओं को एक ताज़ा और पुनर्जीवित भावना के साथ छोड़ देता है क्योंकि सातवें चक्र या सहस्रार चक्र, जिसे मुकुट चक्र भी कहा जाता है।
उम्र के बढ़ने के साथ ही शरीर में भी बदलाव होने लगता है। आंतरिक तौर पर शरीर कमजोर होने लगता है तो वहीं बाहर से त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। शरीर का लचीलापन कम होने से निष्क्रियता बढ़ती है। त्वचा में सिकुड़न और झुर्रियां आने लगती हैं। इस तरह की उम्र के साथ होने वाली शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए फ्लैक्सीबल और स्वस्थ रहना जरूरी है। इसके लिए नियमित योगाभ्यास, हेल्दी डाइट बेहतर उपाय है। नियमित योग से शरीर सक्रिय रहता है। खोया हुआ लचीलापन वापस आने के साथ उम्र के साथ होने वाली बीमारियों से भी बचाव होता है। इसके अलावा त्वचा भी स्वस्थ रहती है। आप किसी कार्य को करने में कमजोर नहीं होते, न ही दिखने में आपकी उम्र अधिक लगती है। स्वस्थ शरीर और त्वचा के लिए चार योगासन हैं, जिन्हें 30 की उम्र के पार वाले लोगों को रोजाना करना चाहिए। जानिए बढ़ती उम्र में शरीर में लचीलापन और जवान दिखने के लिए योगासन के बारे में।
पर्श्वोत्तनासन
यह आसन रीढ़ की हड्डियों, कमर, हथेली और शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाने में मदद करता है। पैरों को बढ़ाता है और रोगप्रतिरोग क्षमता को बढ़ाता है। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस खींचते हुए हल्का सा कूदें। एक पैर को तीन से चार फीट की दूरी पर रखें। दोनों हाथों को हिप्स रखें और दाएं पैर को आगे बढ़ाएं। अब दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए सांस खींचें और जमीन पर हाथों को रखें। अपना माथा दाएं पैर के घुटने से टच कराएं।
मालासन
इस योगासन को करने का फायदा ये हैं कि यह जांघ और पेट की चर्बी को कम करता है। इसे करने से शरीर सक्रिय होता है। जोड़ों में लचीलापन आता है। पेट, कंधे, गर्दन और पीठ की मांसपेशियों का ढीलापन कम होता है। गर्दन के आसपास जकड़न दूर होती है। मालासन करने के लिए मल त्याग की अवस्था में बैठ जाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाते हुए दोनों हाथों की कोहनियों को घुटनों से लगा दें। इस दौरान धीरे-धीरे सांस अंदर खींचें और बाहर छोड़ें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद आराम से खड़े हो जाएं।
अधोमुखश्वानासन
अधोमुखश्वानासन का अभ्यास पाचन को सुधारता है, रक्त संचार को बढ़ाता है, ऊर्जा प्रदान करना है। हाथ पैरों को टोन करने के साथ ही एंग्जाइटी को भी कंट्रोल करने का काम करता है। इस आसन को करने के लिए हथेलियों को घुटनों से शुरू करते हुए कंधों के नीचे तक ले जाएं और घुटनों को हिप्स के नीचे करें। फिर हिप्स को ऊपर उठाकर अपने घुटनों को सीधा करें। इस तरह आपको उल्टा वी का आकार बनाना है। अपने पैरों को संयोजित करते हुए एड़ी को फर्श से छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड रहने के बाद इसे फिर से दोहराएं
उत्तानासन
इस आसन को करने से दिमाग शांत रहता है। लीवर की कार्यक्षमता बढ़ती है और किडनी भी बेहतर तरीके से काम करती है। मांसपेशियां मजबूत और लचीली होती हैं। साथ ही इम्यूनिटी बढ़ती है। उत्तानासन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। लंबी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं और फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे की ओर ले जाएं। इस दौरान पैरों के अंगूठे को छूने की कोशिश करें और पुनः: उसी अवस्था में आ जाएं।
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