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कोविड से जल्द रिकवरी के लिए किस डाइट को करना चाहिए फॉलो, जाने एक्सपर्ट की राय

Tulsi Rao
13 July 2021 3:07 AM GMT
कोविड से जल्द रिकवरी के लिए किस डाइट को करना चाहिए फॉलो, जाने एक्सपर्ट की राय
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अकसर ऐसा देखा जाता है कि उपचार कराने और जांच रिपोर्ट की नेगेटिव आने के बावज़ूद कोरोना संक्रमित लोगों को बाद में कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करती हैं क्यों होता है ऐसा जानने के पढ़ें यह लेख।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अधिकतर लोग कोरोना संक्रमण को केवल श्वसन-तंत्र से जुड़ी समस्या समझते हैं, पर वास्तव में ऐसा नहीं है। यह वायरस नाक, आंख या मुंह के ज़रिए सबसे पहले व्यक्ति के गले और फिर फेफड़ों में प्रवेश करता है, जिसकी वजह से स्वाद और गंध महसूस न होना और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नज़र आते हैं। कुछ लोगों को इससे ज्य़ादा परेशानी नहीं होती और 14 दिनों के बाद उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ जाती है, लेकिन जो मरीज़ गंभीर संक्रमण की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं, जिनकी उम्र पचास वर्ष से अधिक हो या जिन्हें पहले से भी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं रही हों, उनके पूरे शरीर पर यह वायरस बहुत तेज़ी से हमला करता है। ऐसी स्थिति में हॉस्पिटल से घर लौटने के बाद भी व्यक्ति को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

पोस्ट कोविड सिंड्रोम
हॉस्पिटल से घर लौटने के बाद भी कुछ लोगों को लगभग दो-तीन महीने तक कमज़ोरी, मामूली श्रम करने के बाद भी अधिक थकान, भोजन में अरुचि, हाथ-पैरों में दर्द जैसी समस्याएं परेशान करती हैं। कभी-कभी उन्हें हलका बुखार भी आ आता है। कुछ लोगों को नींद की कमी और तेज़ सिरदर्द जैसी दिक्कतें भी होती हैं। ऐसी समस्याओं को पोस्ट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है और आजकल संक्रमण बाद अधिकतर लोगों में ऐसे लक्षण नज़र आते हैं, जिन्हें वे अकसर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए। अन्यथा, यह समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है।
क्या है वज़ह
जब यह वायरस फेफड़ों के अलावा रक्तप्रवाह के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों जैसे, हार्ट, लिवर, आंत और किडनी तक पहुंचने लगता है तो वहां पर मकड़ी की जालेनुमा संरचना बना कर प्रभावित अंग की कार्य प्रणाली में रुकावट पैदा करता है। इससे ब्लड वेसेल्स में क्लॉटिंग शुरू हो जाती है,नतीजतन शरीर में सही ढंग से ऑक्सीजनयुक्त रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता। इसीलिए संक्रमण के बाद कुछ लोगों को थकान और कमज़ोरी महसूस होती है। इसी तरह जब हृदय की धमनियों में खून का जमाव शुरू हो जाता है तो हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। जब यह वायरस ब्रेन तक पहुंचकर वहां ब्लड क्लॉटिंग शुरू कर देता है तो इससे ब्रेन स्ट्रोक भी हो सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- संक्रमण दूर होने के तुरंत बाद अचानक अधिक शारीरिक श्रम करने से बचें।
- रोज़ाना ऑक्सीजन लेवल चेक करें।
- डायबिटीज़ न हो तब भी नियमित रूप से शुगर लेवल चेक करें क्योंकि दवाओं के साइड इफेक्ट से शुगर लेवल बढ़ सकता है।
- कोविड से स्वस्थ होने के बाद भी डॉक्टर के निर्देशानुसार सभी दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें।
कैसी हो डाइट
- भोजन में प्रोटीन युक्त चीज़ों जैसे दाल, स्प्राउट्स, पनीर, चिकेन और अंडा को प्रमुखता से शामिल करें।
- नारियल पानी, ताज़े फलों का जूस और सूप आदि का अधिक मात्रा में सेवन करें। ज्य़ादा पानी पीना भी ज़रूरी है।
- कोविड के बाद दवाओं की साइड इफेक्ट से कुछ लोगों को भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है, फिर भी ज्य़ादा देर तक खाली पेट न रहें और थोड़ा-थोड़ा करके खाने की कोशिश करें।
- फ्रिज का पानी, आइसक्रीम, एल्कोहॉल, और सिगरेट से दूर रहें।
- नींबू, संतरा, मौसमी और कीवी जैसे विटमिन सी युक्त फल रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। ऐसे फल ज़रूर खाएं, इससे शरीर को शीघ्र स्वस्थ होने में मदद मिलती है।


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