लाइफ स्टाइल

नदी में सिक्का डालना हो या दरवाजे पर नींबू मिर्च लटकाना, जानें तमाम मान्यताओं का वैज्ञानिक तथ्य

Rani Sahu
19 May 2022 5:41 PM GMT
नदी में सिक्का डालना हो या दरवाजे पर नींबू मिर्च लटकाना, जानें तमाम मान्यताओं का वैज्ञानिक तथ्य
x
हमारे घर के बड़े बुजुर्ग ऐसी बहुत सी बातें कहते हैं, जिनके पीछे कोई लॉजिक समझ में नहीं आता

हमारे घर के बड़े बुजुर्ग ऐसी बहुत सी बातें कहते हैं, जिनके पीछे कोई लॉजिक समझ में नहीं आता. हैरानी की बात ये है कि तमाम लोग इन बातों को बड़ी ही कड़ाई से फॉलो भी करते हैं, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उनसे वो करने के लिए कहा गया है. लेकिन सिर्फ सुनी हुई बात को फॉलो करना अंधविश्वास है जैसे, आपने बहुत से लोगों को घर और दुकान के बाहर नींबू और मिर्च लटकाते हुए देखा होगा. कहा जाता है कि ऐसा करने से बुरी नजर से बचाव होता है. लेकिन इसके पीछे असली तथ्य कुछ और है. दरअसल नींबू में सिट्रिक एसिड (Citric Acid in Lemon) मौजूद होता है और मिर्च तीखी होती है. इसे जब दरवाजे के बाहर टांगा जाता है तो खट्टी और तीखी सुगंध कीड़े मकौड़ों और बैक्टीरिया को घर में घुसने से रोकती है. ये हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है. जब सेहत अच्छी होगी तो आप काम भी अच्छे से करेंगे और सफलता के रास्ते भी खुलेंगे.

इसी तरह ऐसे तमाम काम हैं, जिनके कारण जाने बगैर हम उन्हें करते हैं. लेकिन कोई भी प्रथा ऐसे ही नहीं बनती. उसके पीछे जरूर कोई न कोई वजह छिपी होती है. आइए आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे ही काम जिन्हें हम करते तो हैं, लेकिन उनके पीछे छिपे वैज्ञानिक तथ्यों के बारे में नहीं जानते.
नदी में सिक्के फेंकना
आपने कई बार यात्रा के दौरान देखा होगा कि जब ट्रेन या बस नदी के पुल से गुजरती है, तो तमाम लोग उसमें सिक्के फेंकते हैं. लेकिन ऐसा क्यों होता है, इसकी वजह के बारे में हम नहीं जानते. दरअसल पहले के समय में तांबे के सिक्के चला करते थे. तांबे में पानी को शुद्ध करने के गुण पाए जाते हैं. इसलिए जब भी कोई व्यक्ति नदी के पास से गुजरता था, तो पानी को शुद्ध करने के लिहाज से तां​बे का सिक्का उसमें फेंक देता था. धीरे धीरे ये एक चलन सा हो गया, जो आज भी प्रचलित है. आज तांबे के सिक्के नहीं, चलते, फिर भी नदी में सिक्के फेंकते हैं, ये सोचकर इससे उनका भाग्य चमक सकता है.
बिल्ली का रास्ता काटना
कहा जाता है कि बिल्ली अगर रास्ता काट जाए तो कुछ देर रुककर उस रास्ते से निकलना चाहिए, वरना काम में विघ्न आता है. इसलिए बिल्ली का रास्ता काटना अपशकुन माना जाता है. तमाम लोग तो बिल्ली को रास्ता काटते देखकर अपना रास्ता बदल लेते हैं. लेकिन ऐसा क्यों कहा जाता है, ये जानने की कोशिश नहीं करते. दरअसल पहले के समय में लोग व्यापार के सिलसिले में बैलगाड़ी और घोड़ों से दूर दूर तक का सफर तय करते थे. रात के समय अगर जंगलों के बीच से गुजरते हुए बिल्ली दिखती थी तो उसकी आंखें चमकती थीं, जिनसे बैल और घोड़े डर जाते थे. इसलिए लोग बिल्ली को देखकर यात्रा को कुछ देर के लिए रोक देते थे और उसके वहां से निकल जाने के बाद खुद निकलते थे. धीरे धीरे इस बात का अर्थ ही बदल गया और लोगों ने बिल्ली के रास्ता काटने को ही अपशकुन बना दिया.
डिलीवरी के बाद 40 दिन के नियम
जब किसी महिला की डिलीवरी होती है, तो उसे 40 दिनों तक कमरे से बाहर न निकलने के लिए कहा जाता है. लेकिन इसका कारण ये है कि डिलीवरी के बाद महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है और उसे विशेष देखरेख की जरूरत होती है. अगर ऐसे में उससे काम करवाया जाएगा, तो वो और परेशानी में पड़ जाएगी. उसके आराम के लिए कड़े नियम बना दिए गए थे. जिन्हें आज भी फॉलो किया जाता है. 40 दिनों में महिला का शरीर पूरी तरह रिकवर हो जाता है.
श्मशान से लौटने के बाद स्नान
श्मशान से लौटने के बाद सभी लोग स्नान करते हैं. इसकी भी वैज्ञानिक वजह है. दरअसल मृत शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया पनपते हैं. श्मशान में ऐसे तमाम मृत शरीर का दाह संस्कार होता है. ऐसे में वहां मौजूद लोग इन बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाते हैं. इसलिए श्मशान से लौटने के बाद स्नान करना जरूरी होता है.
Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story