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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Ketogenic Diet For Weight Loss: वजन कम करने के लिए हम अलग-अलग डाइट और फिटनेस टिप्स को आजमाते हैं. स्ट्रिक्ट डाइट प्लान या तो हमें अपने मनचाहे टारगेट को हासिल करने में मदद करते हैं या फिर फेल हो जाते हैं. हमने एक बार कीटोजेनिक डाइट ट्राई करना चाहिए ताकि बढ़ता हुआ वजन और पेट के आसपास की चर्बी कम हो जाए. ग्रेटर नोएडा के GIMS अस्पताल में कार्यरत मशहूर डाइटीशियन डॉ. आयुषी यादव (Dr. Ayushi Yadav) ने ZEE NEWS को बताया कि वेट लूज करने के लिए कीटोजेनिक डाइट हमें कैसे फायदा पहुंचा सकती है.
कब हुई थी कीटोजेनिक डाइट की शुरुआत?
कीटोजेनिक डाइट में लो कार्बोहाइड्रेट, हल्का प्रोटीन और हाई वाले खाद्य पदार्थ होते हैं, जो मूल रूप से 1920 के दशक में मिर्गी और डायबिटीज के रोगियों के इलाज के लिए शुरू की गई थी. लेकिन पिछले कुछ दशकों में लोगों ने वजन कम करने के लिए कीटो डाइट को फॉलो करना शुरू कर दिया है.
क्या है कीटो डाइट का काम?
कीटो डाइट का असल मकसद ग्लूकोज को प्रतिस्थापित करना होता है, जो आमतौर पर कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत होते हैं. फैट के साथ, आपके शरीर को किटोसिस नामक मेटाबॉलिक स्टेट में डाल दिया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान आपका शरीर फैट को जलाने में ज्यादा कुशल हो जाता है, जिससे वजन कम करने में आसानी होती है.
कैसे वजन घटाता है कीटो डाइट?
जब आप कीटो डाइट पर होते हैं, तो आप हाई कार्ब्स वाले फूड नहीं खा सकते हैं, जो आमतौर पर आपको अपनी ऊर्जा कैसे मिलती है. इसके बजाय आपके आहार में मध्यम मात्रा में प्रोटीन और फैट वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना होता है. ये देखते हुए कि आपके शरीर में भोजन करने और ऊर्जा पैदा करने के लिए बहुत कम या बिल्कुल भी कार्ब्स नहीं हैं, ये आपके शरीर के फैट को ईंधन के लिए जलाता है, जिससे कीटोंस नामक पदार्थ का उत्पादन होता है, जो आपके लीवर में बनता है. तब आपका शरीर कीटोसिस की स्टेट में दाखिल होते हैं और धीरे-धीरे वजन कम होने लगता है.
कीटो डाइट में शामिल हैं ये चीजें
- बिना स्टार्च वाली सब्जियां जैसे पालक, केल और ब्रोकली
- फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स
- चिया सीड्स, अलसी के बीज
-फैटी फिश जैसे साल्मन, टूना, मैकेरल, एंकोवी
- एक्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल
- एवोकैडो ऑयल
- एवोकेडो
- जामुन
- ड्राई फ्रूट्स
- अंडे
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