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Life Style लाइफ स्टाइल : आजकल के वर्क कल्चर में एक बहुत अजीब चीज जो देखने को मिल रही है वो है फेवरेटिज्म। मतलब ऊंचे पदों पर बैठे लोग अपने फेवरेट्स एम्प्लाई का खुलकर सपोर्ट कर रहे हैं। उन्हें इस चीज से कोई मतलब नहीं कि वो व्यक्ति टारगेट्स पूरे कर रहा है या नहीं, टाइम से ऑफिस आता है या नहीं, बाकी टीममेट्स के साथ उसका कैसा बिहेवियर है जैसी और भी दूसरी चीजें। ऐसे व्यक्ति बिना किसी टैलेंट के भी आगे बढ़ते रहते हैं।
वहीं दूसरी ओर इस फेवरेटिज्म के चक्कर में वो एम्प्लाइज पीसते रहते हैं, जो अपने काम से काम रखते हैं, टाइम पर ऑफिस आते-जाते हैं, अपने डेली टारगेट्स पूरा करते हैं, अपने स्किल्स को बढ़ाने की कोशिश करते हैं और वर्क-लाइफ बैलेंस रखते हैं।
ऐसे एम्प्लाई की सबसे बड़ी गलती यह है कि ऑफिस के अंदर उनका पूरा फोकस अपने काम पर होता है और ऑफिस के बाद अपनी पर्सनल लाइफ पर। ये एटीट्यूड आपके लिए तो अच्छा है, लेकिन इससे कई लोगों को परेशानी हो सकती है। जिसके चलते वो ऑफिस में कई तरीकों से भेदभाव का शिकार होते रहते हैं।
भेदभाव दर्शाती हैं ये सारी चीजें All these things show discrimination
आपके काम में बेवजह की गलतियां निकालना।
आपकी बातों को सुनकर अनसुना करना।
आपको माइक्रोमैनेज करने की कोशिश करना।
छोटी सी गलती होने पर सवाल-जवाबों के कटघरे में खड़ा कर देना।
बेवजह से टारगेट्स से आपको लाद देना
टारगेट्स पूरा करने के बाद भी प्रमोशन न मिलना।
भेदभाव भरे माहौल में ऐसे करें सर्वाइव
रिकॉर्डस रखना शुरू कर दें
काम के दौरान अगर आपका मैनेजर या बॉस बेवजह की बातों पर रोक-टोक करता है, आपको किसी न किसी बहाने से परेशान करने की कोशिश करता है, तो उससे लड़ने-झगड़ने के बजाय इन चीजों के रिकॉर्ड्स रखना शुरू कर दें। जरूरत पड़ने पर इन तथ्यों के बेस पर अपनी बात रखें।
मैनेजमेंट से बात करें
ऑफिस में होने वाले इस भेदभाव के बारे में अगर आप अपने बॉस या मैनेजर से खुलकर बात कर पाने की सिचुएशन में नहीं है, तो डायरेक्ट मैनेजमेंट से बात करें। उन्हें बताएं की टीम में कैसा माहौल बनाया जा रहा है। कई बार मैनेजमेंट इन सब बातों से वाकिफ नहीं रहता, लेकिन जब आप अपनी प्रॉब्लम्स को उनके सामने रखेंगे, तो हो सके आपकी बातों की सुनवाई हो।
प्लान-बी तैयार रखें
फेवरेटिज्म और उसके चलते होने वाले भेदभाव भरे महौल में कई बार सर्वाइव करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन ऐसे में तुरंत नौकरी छोड़ने का डिसीजन कई बार पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा साबित होता है। बेहतर होगा आप अपना कोई प्लान बी तैयार करें, फिर तय करें कि नौकरी करनी है या नहीं।
अगर आप हैं कंट्रोलिंग बॉस या मैनेजर, तो जान लें ये बातें
इस तरह की लीडरशिप से आप किसी एक के तो फेवरेट्स बन सकते हैं, लेकिन जान लें अपने टीम मेंबर्स के लिए आप बिल्कुल भी अच्छा एक्जामपल सेट नहीं कर रहे। वो आपकी बिल्कुल भी रिस्पेक्ट नहीं करते।
ऐसे बॉस के साथ एम्प्लाई ज्यादा वक्त तक नहीं जुड़े रहना चाहते हैं, वो हर वक्त जॉब सर्च करते रहते हैं।
ऐसे माहौल से कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ता है।
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