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क्या आप जानते हैं कि यूरिन का कलर और स्मेल सेहत के बारे में बता सकती है.
क्या आप जानते हैं कि यूरिन का कलर और स्मेल सेहत के बारे में बता सकती है. दिनभर में कोई कितनी बार यूरिन जाता है, ये सभी चीजें हेल्थ की ओर इशारा करती हैं. आज हम आपको बताएंगे यूरिन के रंग में बदलाव आने या गंध किन कारणों से आती है.
जानें यूरिन के बारे में
यूरिन बॉडी लिक्विड वेस्ट है जो पानी, नमक, इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे पोटेशियम, फास्फोरस, यूरिया और यूरिक एसिड कैमिकल्स से बनता है. इसे किडनी तब बनाती है जब ब्लड से विषाक्त पदार्थ और अन्य खराब चीजें फिल्टर होती हैं.
जब बदल जाए यूरिन का कलर
यूरिन का बहुत ज्यादा डार्क येलो या ब्राउन कलर इस बात का संकेत हो सकता है कि डिहाइड्रेशन हो गया है और तुंरत अधिक मात्रा में लिक्विड लेना शुरू कर देना चाहिए. कई बार यूरिन का येलो कलर लीवर की समस्याओं की ओर इशारा करता है. इसलिए अगर 2-3 तीन बार डार्क येलो या ब्राउन कलर का यूरिन आता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
शतावरी हर्ब्स
शतावरी एक हर्ब या यूं कहें कि मसाला है जिसके सेवन से यूरिन में स्मैल आने लगती है. शतावरी में सल्फरस यौगिक अधिक मात्रा में पाया जाता है जो कि एसिडिक होता है. इसके खाने के नुकसान नहीं है लेकिन ये यूरिन में गंध का कारण बनता है.
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई)
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर यूरिन से तेज गंध आना, यूरिन करने की तीव्र इच्छा, बार-बार यूरिन करने की आवश्यकता और यूरिन करते समय जलन होना यूटीआई के सबसे सामान्य लक्षण हैं.
डायबिटीज
हाई ब्लड शुगर लेवल होने से यूरिन में स्मैल आती है और कलर चेंज हो जाता है.
इसके अलावा ब्लैडर फिस्टुला, लीवर की बीमारी, फेनिलकेटोनुरिया और मेपल सिरप यूरिन डिजीज होने पर भी यूरिन से गंध आ सकती है और कलर बदल सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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