लाइफ स्टाइल

बच्चे को कब से देना चाहिए ठोस आहार, बच्चे से मिलने लगते है ऐसे संकेत, जानिए

Manish Sahu
15 July 2023 6:52 PM GMT
बच्चे को कब से देना चाहिए ठोस आहार,  बच्चे से मिलने लगते है ऐसे संकेत, जानिए
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लाइफस्टाइल: नवजात बच्चे को 6 महीने तक सिर्फ और सिर्फ दूध दिया जाता है। वहीं 6 महीने पूरे होने के बाद बच्चे को अन्य खाने-पीने की चीजें दी जाती हैं। लेकिन कुछ लोग कंफ्यूज होते हैं कि बच्चे को ठोस आहार देना कब से शुरू करना चाहिए। नवजात बच्चे को शुरूआत के 6 महीने में सिर्फ मां का दूध पिलाया जाता है। इसके बाद बच्चे को अन्य चीजों का सेवन कराया जाता है। क्योंकि इस अवधि में बच्चे में न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक बदलाव भी आते हैं। बच्चे का चेहरा बदलने के साथ ही उसका शरीर मजबूत होने लगता है। बच्चा अपनो को पहचानने लगता है। बता दें कि इस दौरान बच्चे के खानपान से लेकर उसके हाइजीन तक का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी होता है।
वहीं कई लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि बच्चे को ठोस आहार कब से देना चाहिए। कुछ लोग 6 महीने पूरे होते ही बच्चे को ठोस आहार देना शुरू कर देते हैं। तो वहीं बच्चा भी अपने मुताबिक चीजों को खाने लगता है। अगर आप भी इस बात को लेकर कन्फ्यूज हैं कि बच्चे को ठोस आहार कब से दिया जाना चाहिए तो यह आर्टिकल आपके लिए है।
जब बिना सहारे के बैठने लगे बच्चा
अगर आपका बच्चा भी बिना किसी सहारे के बैठने लगा है तो यह एक संकेत है कि अब आपका बच्चा ठोस आहार का सेवन करने के लिए तैयार हो गया है। जिस दौरान बच्चे बिना किसी सहारे के बैठना शुरू कर देते हैं तो उनका शरीर अंदर और बाहर दोनों तरीकों से विकसित होने लगता है। इस अवधि में बच्चे का पाचन तंत्र भी काम करने लगता है। इसलिए जब बच्चा सहारे के बिना बैठने लगे तो आप उसे ठोस आहार खिला सकते हैं।
खुद खाने की आदत होना
नवजात बच्चे को शुरूआत के 6 महीने सिर्फ मां का दूध ही पिलाना होता है। इस दौरान बच्चे खुद से दूध की बोतल भी नहीं पकड़ पाते हैं। वहीं 6 माह बाद बच्चे खुद से चीजों को पकड़ने का प्रयास करते हैं। ऐसे में बच्चा किसी भी चीज को सीधे मुंह की ओर लेकर जाता है। वह खाना खाने की कोशिश करता है। ऐसे में यह संकेत है कि आपका बच्चा ठोस आहार लेने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
खाने की इच्छा जताना
जब बच्चा अपने सामने किसी बड़े को खाना खाते हुए देखता है कि तो वह भी खाने का प्रयास करता है। ऐसे में आपको समझ जाना चाहिए कि बच्चे का शरीर अब ठोस आहार के लिए तैयार हो गया है। बच्चे में खाने की इच्छा जागना, इसका सीधा मतलब है कि बच्चे का शरीर ठोस खाने को पचाने के लिए तैयार हो रहा है।
मुंह से खाना बाहर न निकालना
बच्चे को दूध के अलावा और कुछ भी खिलाना-पिलाना बेहद मुश्किल काम होता है। क्योंकि शुरूआत में जब बच्चे को कुछ खिलाया जाता है तो वह खाने को मुंह से बाहद निकाल देते हैं। लेकिन अगर आप बच्चे को कुछ खिला रहे हैं और वह खाने को मुंह से नहीं निकाल रहा है। तो यह संकेत है कि अब आप बच्चे को ठोस आहार खिला सकते हैं।
मजबूत दांत
बच्चे के दांत मजबूत होने का भी यह संकेत होता है कि अब आप बच्चे को ठोस पदार्थ देना शुरू कर सकते हैं। जब बच्चा खाने को चबाना और उसका आनंद लेना शुरू कर दें। क्योंकि जब बच्चे के दांत मजबूत हो जाते हैं तो आप उसे ठोस पदार्थ दे सकते हैं।
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