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लाइफ स्टाइल
जब नवाजुद्दीन सिद्दीकी को 5 हजार रुपये के लिए गिरवी रखने पड़े थे अपनी मां के गहने
SANTOSI TANDI
12 Jun 2023 12:32 PM GMT

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अपनी मां के गहने
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की गिनती बॉलीवुड के मंझे हुए कलाकारों में की जाती है। नवाज ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है। किस तरह से मेहनत और हौंसले के दम पर कामयाबी हासिल की जा सकती है, नवाजुद्दीन इस बात का जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने मुश्किल हालात भी देखें और सफलता का स्वाद भी चखा है। यही वजह है नवाज अपने संघर्ष के बारे में बात करने से कभी नहीं कतराते हैं। किस तरह संघर्ष के दिनों में उनकी मां उन्हें हिम्मत दिया करती थीं और कैसे लगभग 15 सालों के संघर्ष के बाद नवाजुद्दीन ने आज आला मुकाम हासिल किया है, इस सब का जिक्र नवाज अपने कई इंटरव्यूज के दौरान कर चुके हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान नवाज ने यह भी बताया था कि एक वक्त पर 5000 रुपये के लिए उन्हें अपनी मां के गहने गिरवी रखने पड़े थे। इसके पीछे क्या वजह थी और क्या नवाज फिर इन गहनों को छुड़वा पाए, आइए आपको बताते हैं पूरी कहानी।
क्यों नवाज ने गिरवी रखे थे मां के गहने?
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की गिनती इंडस्ट्री के सफल एक्टर्स में की जाती है। एक इंटरव्यू के दौरान अपने संघर्ष के दिनों का एक किस्सा बताया था। उन्होंने बताया था कि एक बार बस स्टैंड पर उन्होंने वॉचमैन की भर्ती का एक पोस्ट देखा था। उन्होंने झट से पोस्टर पर लिखी सभी जरूर डिटेल्स नोट कीं। इसके बाद उन्होंने पोस्टर में दिए गए नम्बर पर फोन किया तो उन्हें पता चला कि सिक्योरिटी गार्ड की जॉब के लिए उन्हें 5 हजार रुपये डिपॉजिट करने होंगे। वह घर का खर्चा चलाने के लिए यह नौकरी करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपनी मां के गहने गिरवी रखकर 5000 रुपये का इंतजाम किया और यह नौकरी पक्की की। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक नवाज इस नौकरी को करते थे और फिर 5 बजे के बाद रिहर्सल किया करते थे। नवाज ने छोटे-मोटे रोल्स से शुरुआत की थी और आज फिल्मों(विरोध के बाद फिल्मों की कमाई) में वह एक से बढ़कर एक किरदार निभा रहे हैं।
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इस तरह छुड़वाई थी ज्वेलरी
नवाजुद्दीन ने मेहनत में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्हे सफलता अचानक से नहीं मिली बल्कि इसके लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की। जब उन्होंने दिल्ली में पहली बार 25 हजार रुपये कमाए तो उन्होंने इससे अपनी मां की गिरवी रखी हुई ज्वेलरी छुड़वाई। नवाज ने कई बार इस बात का भी जिक्र किया है कि उनकी मां ने कभी उनकी हिम्मत नहीं टूटने दी। जब उन्होंने खुद भी अपने आप पर भरोसा करना छोड़ दिया था तब भी उनकी मां ने उन पर भरोसा बनाए रखा और आखिर में उस भरोसे की जीत हुई।
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