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वर्ल्ड एड्स वैक्सीन दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई

Tara Tandi
18 May 2021 8:50 AM GMT
वर्ल्ड एड्स वैक्सीन दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई
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हर साल 18 मई का दिन दुनियाभर में वर्ल्ड एड्स वैक्सीन दिवस के रूप में मनाया जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर साल 18 मई का दिन दुनियाभर में वर्ल्ड एड्स वैक्सीन दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसका मकसद लोगों में वैक्सीन के प्रति जागरूक बढ़ाना और एड्स के प्रति शिक्षित करना होता है। इसके साथ ही यह दिन उन डॉक्टर्स, वैज्ञानिकों को भी समर्पित है जो इसकी रोकथाम के लिए निरंतर प्रयासरत हैं फिर चाहे वो शोध हो या टीके का निर्माण। इस दिन को एड्स वैक्सीन अवेयरनेस डे के नाम से भी जाना जाता है।

कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत
वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे को मनाने का विचार राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के 18 मई, 1997 को मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में एक भाषण से आया था। जिसमें क्लिंटन ने कहा था कि, "सिर्फ HIV टीका ही एड्स के खतरे को कम कर सकती है।"
World AIDS Vaccine Day 2021 की थीम
विश्व एड्स वैक्सीन दिवस 2021 की थीम 'वैश्विक एकजुटता, साझा जिम्मेदारी' है।
विश्व एड्स वैक्सीन का महत्व
वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे के दिन उन सभी लोगों का स्वागत और सम्मान किया जाता है जो वर्षों से एड्स की रोकथाम, इसके नियंत्रण के लिए टीके से जुड़े शोध और उसे बनाने में जुटे हुए हैं। जो वाकई एक बहुत बड़ा योगदान है समाज के उत्थान में। क्योंकि एड्स खतरनाक बीमारियों में शामिल है। 1981 में, संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली बार एड्स की सूचना मिली थी और तब से यह एक महामारी बन गया।
आखिर एड्स है क्या?
एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम है। एड्स से पीड़ित व्यक्ति में वायरस व्हाइट ब्लड सेल्स जिन्हें संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाओं के तौर पर जाना जाता है, उन्हें डैमेज करके बॉडी की इम्युनिटी को पूरी तरह से खत्म कर देता है। जिससे मरीज की स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होती जाती है, सही समय पर इलाज न मिलने की दशा में व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। इसलिए इस दिन वैक्सीन के महत्व और जरूरत के प्रति लोगों को बताया जाता है।


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