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किन चीजों से बनाया गया था पॉपकॉर्न, जानें इतिहास से जुड़ें कुछ सच
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | पॉपकॉर्न दुनिया के सबसे बेस्ट स्नैक ऑप्शन में शामिल है. अधिकतर लोग सिनेमा के दौरान पॉपकॉर्न खाते हैं. क्योंकि पॉपकॉर्न के साथ फिल्म देखने का अपना ही अलग आनंद है. सिनेमा घरों में अक्सर पॉपकॉर्न महंगे मिलते है. इसकी कई वैरायटी है. बटर और क्रिस्पी पॉपकॉर्न मीठे भी होते हैं और नमकीन भी होते हैं. इसके अलावा आजकल बंद पैकेट भी पॉपकॉर्न मार्केट में उपलब्ध होते हैं.
पॉपकॉर्न का इतिहास
पॉपकॉर्न को 8,000 साल पहले टेओसिन नामक जंगली घास से बनाया गया था. मैक्सिको में मकई की खेती एक घरेलू फसल है. जो बाद में कमर्सिअलिज़ेड कर दी गई. और पॉपकॉर्न बनाए गए. बहुत सारे इतिहासकारों का मानना है कि न्यूट्रिशन के चलते मक्के के पॉपकॉर्न बनाए गए है. और लोगों के बीच उपलब्ध किया गया. इसके इतिहास के बारे आर्कियोलॉजिस्ट ने 2012 में पेरू में पॉपकॉर्न के सबूत पाए गए.
1800 में सदी में पॉपकोर्न
कुछ समय बाद पॉपकोर्न की लोकप्रियता काफी देखी गई. और सेंट्रल अमेरिका से नोर्थन अमेरिका तक ये उपलब्ध कराए जाने लगे.
जल्द कोर्न का व्यापार शुरू हो गया. ऐसे ही 1820 की शुरूआत में पॉपकोर्न अमेरिका के कलचर का एक हिस्सा बन गए. इसके बाद कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि इस स्नैक को लोगों की तरफ से कोई निराशा मिली हो. यहां तक की पॉपकोर्न शब्द को डिक्शनरी में जोड़ दिया गया.
1800 सदी में ये हर कहीं मिलने लगा. जैसे कार्निवल, जनरल स्टोर, सर्कस यहां तक कनसेशन स्टेंड (concession stands) पर भी मिलने लगा.
पॉपकोर्न की लोकप्रियता
पॉपकोर्न के लोकप्रिय होने का एक और कारण है. सबसे पहले कमर्शियल पॉपकॉर्न मशीन शिकागो में चार्ल्स कार्टर ने बनाई थी. जिसमें स्टीम से पॉपकोर्न तैयार होते थे. इस मशीन को इसलिए बनाया गया था ताकि लोगों के बीच पॉपकोर्न आसानी से उपलब्ध हो सकें. जहां जगह- जगह इसे उपलब्ध कराया जाने लगा. इसके चलते पॉपकोर्न को सबसे ज्यादा लोकप्रियता मूवी थिएटर के बाहर मिली. जहां लोग पॉपकोर्न को एंटरटेनमेंट के तौर पर एक बेस्ट स्नैक के तौर पर कन्जूम कर रहे थे. वहीं पॉपकोर्न की मशीन ने इस पसंदीदा स्नैक को आसानी से लोगों के बीच उपलब्ध करवाया.
पॉपकॉर्न की महक
पॉपकॉर्न के पॉपुलैरिटी का एक और कारण था और वो ये की इसकी महक काफी अपीलिंग थी. इसके बाद अमेरिका का स्टॉक मार्केट कैरेस्ड के दौरान यानी 1929 से 1933 में ये सबसे ज्यादा बीके जाने वाला स्नैक बन गया. इस दौर में अमेरिका वित्तीय तौर पर एक खराब दौर से गुजर रहा था. ऐसे में स्नैक आसानी से लोगों के बीच उपलब्ध हो सकता था. कुछ समय बाद थिएटर में इसकी उपलब्धता से मुनाफा भी कमाया जाने लगा. और ग्लेन डब्लू डिक्सॉन (Glen W. Dickson) अपने काफी सारे थिएटर में पॉपकोर्न की मशीन लगाईं.
डाइट कॉन्शियस लोगों के लिए हेल्थी स्नैक
1981 में टीवी के इन्वेंशन के बाद पॉपकोर्न का कन्जमशन और बढ़ गया. ये मर्केट में बंद पैकेट में मिलने लगा और लोग घरों में माइक्रोवेव ओवन का इस्तेमाल कर इसे बनाने लगे. ये डाइट कॉन्शियस लोगों के लिए हेल्थी स्नैक भी है. आज पॉपकोर्न कई फ्लेवर में मार्केट में उपलब्ध है जिसमें बटर, चीज़ और कैरामेल क्रिस्प आदि शामिल है.