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यह सच है कि बच्चे हमारे जीवन में ख़ुशियां लानेवाले फ़रिश्ते होते हैं, पर यह भी उतना ही सच है कि पैरेंट बनना आपको ख़ुशी देने के साथ-साथ थकान की सौगात भी देता है. पैरेंट बनने के बाद आपकी ज़िंदगी पहले की तरह तो क़तई नहीं हो सकती. जहां आप अपने बच्चे पर प्यार लुटाना चाहते हैं, वहीं बच्चे की ज़िम्मेदारियां आपको कभी-कभी खीझ से भी भर सकती हैं. ज़िम्मेदारियां आख़िर कोई कम तो होती नहीं. उनके लिए सही कपड़े चुनने से लेकर, सही स्किन केयर प्रॉडक्ट्स चुनना भी आपका काम है. कोरोना के बाद तो आप उनकी मालिश करने या उनकी देखभाल के लिए मेड भी तो नहीं रख पा रहे हैं. जो नए-नवेले पैरेंट्स अपने पैरेंट्स के साथ रह रहे हैं या जॉइंट फ़ैमिली का हिस्सा हैं, उन्हें कोरोना काल में कोई ख़ास परेशान तो नहीं होगी, पर एकल परिवार वाले पैरेंट्स और उनमें भी वो जो पहली बार पैरेंट बने हैं, इस प्यारी-सी ज़िम्मेदारी को कैसे संभाल रहे हैं, वे ख़ुद ही जानते होंगे. बेशक इस दौरान आप हर दिन कुछ न कुछ नया सीखते हैं और अपनी पैरेंटिंग स्किन को बेहतर करते जाते हैं. आप पहले कितने भी अधीर किस्म के रहे हों, पर माता-पिता बनने के बाद धैर्यवान ज़रूर बन जाते हैं.
जॉनसन ऐंड जॉनसन कंज़्यूमर हेल्थ इंडिया की जनरल मेडिकल अफ़ेयर्स मैनेजर डॉ प्रीति ठाकोर बता रही हैं कैसे न्यूक्लियर (एकल) फ़ैमिली सेटअप वाले पैरेंट्स, बिना किसी बाहरी मदद के अपने नवजात बच्चे की देखभाल कर सकते हैं. उन्होंने हमें बेबी केयर यानी बेबी मसाज, स्नान, हेयर केयर और स्किन केयर से जुड़े आर्ट और साइंस की जानकारी दी, ताकि इस मुश्क़िल समय में पैरेंटिंग थोड़ी आसान बन सके.
कैसे करें मसाज?
नवजात बच्चे बहुत ज़्यादा हिलते-डुलते रहते हैं, ऐसे में मसाज करना एक बहुत बड़ा टास्क पूरा करने के समान होता है. बच्चों की मसाज के लिए सबसे पहले कोई सौम्य बेबी मसाज ऑयल चुनें. मसाज ऑयल ऐसा हो, जो हल्का हो और तेज़ी से त्वचा द्वारा अवशोषित हो जाए. मसाज के बाद त्वचा पर बचा न रहे. मसाज करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है, हल्के हाथों से मालिश करना. शरीर के किसी एक हिस्से पर ज़्यादा समय तक न रगड़ना. बच्चों की सौम्यता से की जानेवाली नियमित मसाज न केवल उन्हें सेहतमंद बनाने में बहुत उपयोगी है, बल्कि बेबी और पैरेंट्स का रिश्ता भी स्ट्रॉन्ग होता है.
बच्चों को स्नान कराते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
सबसे पहले तो आप कोई सौम्य बेबी बेदिंग सोप चुनें, क्योंकि बच्चों की त्वचा बेहद नाज़ुक होती है. आपको चाहिए कि आप बच्चे को स्नान कराते समय एक हाथ से सपोर्ट दें. ऐसे बेबी वॉश की सलाह दी जाती है, जो कम चिकना हो और आसानी और तेज़ी से साफ़ हो जाता हो. वन हैंड ईज़ी टू पम्प पैक्स बच्चों को स्नान कराते समय बहुत काम आते हैं. इससे पहली बात प्रॉडक्ट ज़्यादा नहीं निकलता, दूसरी बात आपका एक हाथ फ्री रहता है, जिससे आप बच्चे को संभाल सकते हैं. इससे बच्चे की सफ़ाई में आसानी होती है, वे फिसलते नहीं. अगर आप बच्चे को अकेले स्नान न करा पा रहे हों, तो पार्टनर के साथ मिलकर यह काम करें, कम से कम बच्चे के थोड़ा स्टेबल हो जाने तक.
बालों की देखभाल का सही तरीक़ा क्या हो?
जिस तरह हम अपने बालों की सफ़ाई का ख़ास ख़्याल रखते हैं, उसी तरह बच्चों के बालों की देखभाल भी सही तरीक़े से की जानी चाहिए. कुछ महीनों बाद आप बच्चे को स्नान कराते समय बेबी शैम्पू और कंडीशनर का इस्तेमाल करना शुरू कर सकते हैं. इसके लिए ऐसे बेबी शैम्पू चुनें, जो धोने में आसान हो. बच्चों की आंख में न लगता हो यानी शैम्पू का बेहद सौम्य होना बहुत ज़रूरी है. शैम्पू उनके बालों की लटों को सुलझा देगा, ख़ासकर अगर आपके बच्चे के बाल कर्ली हों. टू-इन वन शैम्पू यानी जिस शैम्पू में कंडीशनर भी हो का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
कैसे पूरी करें बच्चों की त्वचा की एक्स्ट्रा केयर की मांग?
बच्चों की त्वचा बेहद नाज़ुक होती है. यह पानी को तेज़ी से अवशोषित करती है. पर यह भी उतना ही सच है कि उनकी त्वचा पानी भी उतनी ही तेज़ी से खोती है. यही कारण है कि बच्चों को स्नान कराने के बाद हल्का मॉइस्चराइज़र या बेबी लोशन ज़रूर लगाना चाहिए. नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ेशन करने से
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