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Omicron खतरनाक बिमारी डेल्टा से भी चार गुना ज्यादा तेजी से फैलता जाने क्या कहती स्टडी

Teja
14 Dec 2021 7:59 AM GMT
Omicron खतरनाक बिमारी डेल्टा से भी चार गुना ज्यादा तेजी से फैलता जाने क्या कहती स्टडी
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Omicron खतरनाक बिमारी डेल्टा से भी चार गुना ज्यादा तेजी से फैलता जाने क्या कहती स्टडी

क्या ओमिक्रॉन अन्य वैरिएंट्स से ज्यादा तेजी से फैलता है? क्या ये ज्यादा खतरनाक हो सकता है? क्या इससे बचाव के उपाय अबतक नहीं हैं?


जनता से रिश्ता वेबडेस्क | क्या ओमिक्रॉन अन्य वैरिएंट्स से ज्यादा तेजी से फैलता है? क्या ये ज्यादा खतरनाक हो सकता है? क्या इससे बचाव के उपाय अबतक नहीं हैं? आजकल हर कोई ओमिक्रॉन को लेकर आशंकित है. ओमिक्रॉन के बारे में अब तक की स्टडी इस बात के संकेत देती हैं कि ओमिक्रॉन किसी भी अन्य वैरिएंट-यहां तक कि डेल्टा की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है. स्टडी में ये बात सामने आई थी कि कोरोना का अब तक डेल्टा ही सबसे अधिक तेजी से फैलने वाला वैरिएंट था. साउथ अफ्रीका में मिले ओमिक्रॉन के मामलों और दुनिया के कुछ अन्य देशों के केस भी ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने का संकेत दे रहे हैं.Also Read - Omicron In India: भारत में भी तेजी से फैल रहा है ओमिक्रॉन, जानिए किस राज्य में अबतक मिले कितने मरीज
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न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ओमिक्रॉन के संक्रमण के खतरे को लेकर ब्रिटेन के रिसर्चर्स ने ओमिक्रॉन से संक्रमित हो चुके 121 परिवारों पर रिसर्च की और पाया कि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन से परिवार में 3.2 गुना अधिक संक्रमण फैलने का खतरा है. इसके साथ ही शुरुआती रिपोर्ट्स से ऐसा नहीं लगता है कि अगर किसी को पहले से कोविड हो चुका है तो उसे ओमिक्रॉन नहीं होगा. यानी ओमिक्रॉन से रीइंफेक्शन का खतरा बरकरार है. Also Read - Omicron in China: चीन में भी ओमिक्रोन की दस्तक, पहला केस मिला, लाखों लोगों की यात्रा पर रोक
विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन भी पहले ही कह चुकी हैं कि दुनिया को मुश्किल में डाल चुके डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन से रीइंफेक्शन का खतरा तीन गुना से ज्यादा है.
ओमिक्रॉन को रोकने में वैक्सीन कितनी कारगर…
ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के असर को लेकर ज्यादातर स्टडी के अभी शुरुआती नतीजे ही आए हैं और इसके मुताबिक, मौजूदा कोरोना वैक्सीन ओमिक्रॉन को रोक पाने में कम कारगर रही हैं. ब्रिटिश रिसर्चर्स के मुताबिक, मौजूदा वैक्सीन के दो डोज भी ओमिक्रॉन के खिलाफ काफी कम सुरक्षा प्रदान करते हैं. हालांकि बूस्टर डोज लगवाने वालों में ज्यादा एटीबॉडीज पैदा हुईं, जिसने ओमिक्रॉन के खतरे को वैक्सीन की तुलना में ज्यादा कम किया.
बूस्टर डोज की हो रही वकालत
विश्व स्वास्थ्य संगठन, WHO ने भी 12 दिसंबर को कहा कि ओमिक्रॉन डेल्टा स्ट्रेन की तुलना में अधिक तेजी से फैलने में सक्षम है और साथ ही यह वैक्सीन के असर को कम कर देता है.वैक्सीन के ओमिक्रॉन के खिलाफ कम असरदार रहने की आशंका के बीच दुनिया भर में इससे निपटने के लिए बूस्टर डोज लगवाए जाने की वकालत हो रही है. अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया के 30 से अधिक देशों में पहले से ही बूस्टर डोज दिए जा रहे हैं.ओमिक्रॉन भले ही वैक्सीन के असर को कम कर सकता है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीनेटेड लोगों में इस वैरिएंट की वजह से गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा कम रहेगा.
ओमिक्रॉन का इलाज क्या है?
ओमिक्रॉन के इलाज के लिए दवाओं की रिसर्च जारी है, लेकिन ब्रिटिश कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK) ने हाल ही में कहा है कि उसकी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ड्रग सोट्रोविमाब (sotrovimab) ओमिक्रॉन स्पाइक प्रोटीन के सभी 37 म्यूटेशन के खिलाफ कारगर रही है. वहीं, मर्क, फाइजर और अन्य कंपनियां कोविड के खिलाफ एंटीवायरल दवाइयां विकसित कर रही हैं, हालांकि उन्होंने अभी तक ओमिक्रोन के खिलाफ इन दवाइयों का टेस्ट नहीं किया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इनमें से कोई ओमिक्रॉन के खिलाफ भी असरदार हो सकती है.

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