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वर्चुअल मेकअप क्या है? ब्रांडेड कॉस्मेटिक की नई टेक्नोलॉजी के बारे में पूरी जानकारी

Rounak Dey
25 Aug 2022 8:35 AM GMT
वर्चुअल मेकअप क्या है? ब्रांडेड कॉस्मेटिक की नई टेक्नोलॉजी के बारे में पूरी जानकारी
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हर वर्चुअल मेकअप एप्लिकेशन का यूज कोई भी कर सकता है - उनकी स्किन टोन या चेहरे के फिचर की परवाह किए बिना भी।

ऑनलाइन और इन-स्टोर रियल टाइम एक्सपिरियंस बनाने के लिए मेकअप को डिजिटल रूप से फेस ट्रैकिंग और 3 डी मॉडलिंग का यूज करते हैं। ये ऐप ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होते हैं, जो किसी इमेज या वीडियो पर चेहरे जैसे आंखों, गालों और यहां तक कि आपकी नाक के आकार का पता लगाता है।


इसकी सबसे अच्छी बात ये होती है कि आप बिना मेकअप प्रोडक्ट को खरीदे इसके द्वारा अपने चेहरे पर अप्लाई कर सकते हैं, जब आपको सेलेक्ट किया हुआ मेकअप प्रोटक्ट फेस पर सही लगे तब आप उसे खरीद सकें, इससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है। अगर आपने कोई फाउंडेशन शॉप पर जाकर खरीद लिया लेकिन वो चेहरे पर सेट नहीं हो रहा है तो उस महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट को वापस नहीं कर सकते क्योंकि पैक खुल चुका होता है। इसी तरह से लिपस्टिक का कौन सा शेड आप पर बेहतर लगेगा, ये भी आप इसके माध्यम से सेलेक्ट कर सकते हैं और अपने लिप्स पर अप्लाई कर सकती हैं।


वर्चुअल ट्राई-ऑन टेक्नोलॉजी फेस ट्रैकर एल्गोरिथम का यूज करती है
वर्चुअल मेकअप ऐप्स को हर ब्रांड के आईशैडो, लिपस्टिक, मस्कारा, ब्लश, फाउंडेशन, और दूसरे मेकअप प्रोडक्ट के लिए कस्टमाइज किया जाता है। यूजर्स अलग-अलग मेकअप प्रोडक्ट्स को सेकंडों में लगा सकते हैं और अपने ऊपर सबसे अच्छा दिखने वाले को चुन सकते हैं। वास्तव में बिना मेकअप को अपने ऊपर लगाए।

वर्चुअल ट्राई-ऑन टेक्नोलॉजी एक एडवास्ड फेस ट्रैकर एल्गोरिथम का यूज करती है। जैसे कैसी लिपस्टिक और उसका कलर कौन सा आप पर जंचेगा ये आप बिना अप्लाई किये ही इसके माध्यम से पता लगा सकती हैं।

इसकी प्राइवेसी पॉलिसी क्या है ?
जब वर्चुअल ट्राई-ऑन टेक्नोलॉजी यूज करने की बात आती है तो यूजर प्राइवेसी रीजन की वजह से फेस एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के बारे में अधिक चिंतित होता हैं। अब रेगुलेटरी बॉडी इस परेशानी को कम करने के लिए नए नियमों को लागू करने वाली हैं। इसलिए, ये महत्वपूर्ण है कि इस उद्देश्य के लिए बनाया गया कोई भी एप्लिकेशन दूसरे प्राइवेसी प्रेक्टिस के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, ताकि यूजर सुरक्षित तरीके से प्रोडक्ट को यूज कर सके।

आम तौर पर, चेहरे की पहचान टेक्नोलॉजी को डार्क कलर के लोगों के चेहरों की पहचान करने में परेशानी होती है क्योंकि इनकी ट्रेनिंग सेट में ज्यादातर इमेज में वाइट फेस शामिल होते हैं। जिसकी वजह से सही एल्गोरिथम डिज़ाइन ये सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि हर वर्चुअल मेकअप एप्लिकेशन का यूज कोई भी कर सकता है - उनकी स्किन टोन या चेहरे के फिचर की परवाह किए बिना भी।


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