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वैम्पायर फ़ेशियल के बारे में आपने सुना ही होगा. नाम से इसके ट्रीटमेंट का तरीक़ा पता चल जाता है. जी हां, इस ट्रीटमेंट के लिए ख़ून का इस्तेमाल किया जाता है. आजकल यह ट्रीटमेंट काफ़ी चलन में है और सितारे क्या आम लड़कियां भी इसे करवा रही हैं. हम यहां आपको इस ट्रीटमेंट की बुनियादी बातें बता रहे हैं.
वैम्पायर फ़ेशियल
वैम्पायर फ़ेशियल को फ़ेस पीआरपी भी कहते हैं. पीआरपी यानी प्लेटलेट रिच प्लाज़्मा. इसमें ख़ून में से सीरम वाला हिस्सा, जिसमें प्लेटलेट्स होते हैं, उसे निकालकर आपकी त्वचा में इंजेक्ट किया जाता है. प्लेटलेट्स, ग्रोथ के स्टोर हाउस हैं. यह कोशिकाओं के प्रोडक्शन की गति को बढ़ाते हैं और कोलेजन सिंथेसिस की प्रक्रिया को तेज़ करते हैं. जिससे आपकी त्वचा तरोताज़ा और कसी हुई नज़र आती है. निकाले गए पीआरपी को कई तरीक़ों से त्वचा पर लगाया जाता है. सबसे आम तरीक़ा है छोटी इंसुलिन सिरिंजेस या मेसोगन और डर्मारोलर का इस्तेमाल करना.
फ़ायदे और नुक़सान
यह त्वचा में नई जान फूंकने का काम करती है और त्वचा को मुलायम और तरोताज़ा लुक देती है. खुले रोमछिद्रों को बंद करने, दाग़-धब्बों को कम करने और बारीक़ रेखाओं को दूर करने व त्वचा के पिग्मेंटेशन को ठीक करने में यह ट्रीटमेंट मददगार है.
इससे वैसे तो कोई नुक़सान नहीं होता है, क्योंकि यह व्यक्ति के अपने ख़ून से किया गया ट्रीटमेंट है. बस, इस प्रक्रिया में साफ़-सफ़ाई सबसे अहम् है, ताकि किसी भी प्रकार का इंफ़ेक्शन न हो. इसके अलावा किम कर्दाशियां जैसे मॉडल्स जो यह ट्रीटमेंट करवा चुकी हैं, इसे थोड़ा दर्दनाक बताती हैं.
क़ीमत
इसकी क़ीमत रु 10,000 के तक़रीबन होती है. और यह आमतौर पर हर तरह की त्वचा के लिए उपयुक्त ट्रीटमेंट है.
इनपुट्सः डॉ दतिंद्रजीत सिंह, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट द डर्मैट, लेज़र, हेयर ट्रांसप्लांट ऐंड एस्थेटिक मेडिकल सर्विसेस, वीएलसीसी
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