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अनुलोम-विलोम एक ब्रीदिंग एक्सरसाइज है। फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए ये बेहद फायदेमंद प्राणायाम होता है। इसके साथ ही ये साइनस और ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम दूर करने में भी कारगर होता है। लेकिन बहुत सारे लोग इसे करने का सही तरीका नहीं जानते और गलत तरीके से करते रहते हैं जिसकी वजह से उन्हें ये सारे फायदे नहीं मिलते। तो सबसे पहले तो इन गलतियों के बारे में जानेंगे और साथ ही अनुलोम-विलोम का सही तरीका।
बहुत ज्यादा सेट्स नहीं करने हैं
ज्यादा सेट्स करेंगे तो ज्यादा फायदा मिलेगा, ये बेशक सही है लेकिन तब जब आप इसे सही तरीके से करेंगे और अगर आप सही तरीके से करते हैं तो 3 से 5 सेट्स से ज्यादा न करें। धीरे-धीरे से सांस भरें, होल्ड करे और फिर छोड़े। अपनी क्षमता के अनुसार ही करें।
तेजी से और असामान्य तरीके से सांस न लें
इस प्राणायाम को करते वक्त तेजी से और असामान्य तरीके से सांस न लें। आराम-आराम से अपनी क्षमता के मुताबिक सांस लें। दूसरा मुंह से सांस लेने की गलती न करें। सांस भरने के लिए फेफड़ों पर जोर न डालें नाक से ही आराम से सांस खींचें।
सांस छोड़ने का अंतराल छोटा होना
कई लोग अनुलोम-विलोम करते समय सांस को तेजी से भरते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करता है। सांस लेने और बाहर निकालने की प्रक्रिया को महसूस भी करना है।
पीठ सीधी न रखना
ये गलती तो ज्यादातर लोग करते हैं क्योंकि उनका सारा ध्यान एक्सरसाइज पर होता है न कि पोश्चर पर। लेकिन बाद में पीठ दर्द से बचना है तो अनुलोम-विलोम करते समय अपने पीठ को सीधा रखें। बीच-बीच में पोश्चर को सुधारते रहें।
ओवरएक्टिव माइंड
अनुलोम-विलोम करते समय दिमाग को शांत रखें। सांस खींचते या छोड़ने का एहसास आपको महसूस होना चाहिए। ऐसी जगह बैठें जहां शांत माहौल हो। शोर के बीच, आपको ध्यान लगाने में दिक्कत हो सकती है और ब्रीदिंग पैटर्न खराब हो सकता है।
अनुलोम विलोम करने का सही तरीका
- अनुलोम विलोम करने के लिए सबसे पहले शरीर को सीधा करते हुए ध्यानपूर्वक मुद्रा में बैठ जाएं।
- इसके बाद बाएं हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाकर दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नाक को बंद करें।
- उस दौरान बाईं नाक से सांस अंदर भरें। फिर बाईं नाक को बंद करें और दाईं नाक से सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं।
इन टिप्स को आजमाएं
- अनुलोम विलोम को ऐसी जगह बैठकर करें, जहां ताजी हवा हो।
- प्राणायाम करते समय शरीर और दिमाग को बिल्कुल रिलैक्स रखें।
- सांसों पर फोकस करें, इससे आसन प्रभावी बनता है।
- हाथ की उंगलियों का सही इस्तेमाल करें। अंगूठे और तर्जनी उंगली को जोड़कर रखें।
Apurva Srivastav
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