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हर वक्त स्मार्टफोन से चिपके रहने की मुख्य वजह क्या है, जानिए कैसे इससे पाएं छुटकारा

Tara Tandi
10 Oct 2021 2:56 AM GMT
हर वक्त स्मार्टफोन से चिपके रहने की मुख्य वजह क्या है,  जानिए कैसे इससे पाएं छुटकारा
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आधुनिक समय में लोग दिनभर लैपटॉप अथवा डेस्कटॉप पर काम करते हैं

आधुनिक समय में लोग दिनभर लैपटॉप अथवा डेस्कटॉप पर काम करते हैं। इसके बाद बचे समय में मोबाइल यूज करते हैं। खासकर रात के समय में लोग घंटों मोबाइल को स्क्रॉल करते रहते हैं। इससे न केवल आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, बल्कि कई बीमारियां जन्म लेती हैं। कुछ लोग काम के चलते मोबाइल पर घंटों लगे रहते हैं। वहीं, कुछ लोग महज सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के लिए मोबाइल से चिपके रहते हैं। अगर आप भी हर वक्त स्मार्टफोन से चिपके रहते हैं और 30 मिनट के लिए भी मोबाइल से दूर नहीं रह पाते हैं, तो यह खतरे की घंटी की है। इस आदत में जल्द सुधार करें। आइए जानते हैं कि हर वक्त स्मार्टफोन से चिपके रहने की मुख्य वजह क्या है और कैसे इससे छुटकारा पाएं-

विशेषज्ञों की मानें तो हर वक्त स्मार्टफोन से चिपके रहने की मुख्य वजह बेचैनी है। स्मार्टफोन और गैजेटस से जिंदगी आसान हो गई है। इससे लोगों के बीच की दूरी कम हो गई है। हालांकि, हर समय स्मार्टफोन से चिपके रहने की लत सेहत के लिए सही नहीं है। अगर काम नहीं है। फिर भी स्मार्टफोन से चिपके रहना बेचैनी के संकेत है। ऐसा तनाव और चिंता की वजह से होता है। इस दौरान व्यक्ति एक जगह सही से बैठ नहीं पाता है। इस दौरान व्यक्ति के हाथ और पैर चलते रहते हैं। खासकर बच्चे और टीनएजर्स में बेचैनी अधिक देखी जाती है। अगर लापरवाही बरतते हैं, तो कई अन्य बीमारियां भी दस्तक देती हैं।

इससे बचने के लिए इन टिप्स को अपनाएं

-मैडिटेशन यानी ध्यान लगाएं। इसे करने से मन और मस्तिष्क स्थिर रहता है और आप वास्तविक दुनिया में रहते हैं।

-ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। कई प्रकार के ब्रीदिंग एक्सरसाइज से दिमाग शांत रहता है। आप इसे रोजाना प्रैक्टिस कर सकते हैं। अगर आप बेचैन और चिंतित रहते हैं, तो रोजाना ब्रीदिंग एक्सरसाइज जरूर करें।

-खुद को अन्य कामों में व्यस्त रखें। इसके लिए आप किताब पढ़ सकते हैं, खाना बना सकते हैं और बाग़-बगीचे की देखभाल भी कर सकते हैं। व्यस्त रहने से दिमाग शांत रहता है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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