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विश्व अंडा दिवस का क्या है इतिहास, जानिए अंडे को क्यों मानते हैं शाकाहार?
अक्टूबर महीने के दूसरे शुक्रवार को हर साल विश्व अंडा दिवस (World Egg Day) मनाया जाता है। स्वास्थ्य के लिए अंडे के सेवन को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। अंडे को लेकर शाकाहार और मांसाहार के बीच भ्रम की स्थिति भी है। लेकिन इसका सेवन करने वाले आमतौर पर इसकी गिनती शाकाहार में करते हैं। आइए जानते हैं कि विश्व अंडा दिवस का क्या इतिहास रहा है और इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है?
वर्ल्ड एग डे इस बार 14 अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है। विश्व अंडा दिवस का उद्देश्य अंडों के महत्व और स्वास्थ्य पर उसके लाभकारी प्रभावों को लेकर जागरुकता फैलाना है।
अंडा शाकाहार या मांसाहार अंडे लेकर इस विषय पर बहस होती है कि अंडा शाकाहारी होता है या फिर मांसाहारी (Egg vegetarian or non-vegetarian)। अक्सर लोगों में अंडे को लेकर भ्रम की स्थिति होती है। इसका कारण अंडे के विषय में उनका जागरूक ना होना होता है। हालांकि ये सच है कुछ अंडे शाकाहारी होते हैं। लोगों को ये अजीब लग सकता है लेकिन इसके पीछे जो तथ्य है वो इस बात को सच साबित करता है। सच ये है कि ज्यादातर अंडे शाकाहारी होते हैं। लेकिन कुछ मांसाहारी भी होते हैं।
मुर्गी 6 महीने की होने के बाद एक या डेढ़ दिन में अंडे देती है। अंडे देने के लिए मुर्गी को मुर्गे के संपर्क में आना आवश्यक नहीं होता। वो अंडे जो मुर्गी बिना मुर्गे के संपर्क में आए देती है, उन्हें अनफर्टिलाइज्ड एग (Unfertilized Egg) कहा जाता है। इनमें से चूजे नहीं निकलते और इन्हें शाकाहारी माना जाता है। लेकिन मुर्गी जो अंडे मुर्गे के संपर्क में आने के बाद देती है (Fertilized Egg), उन्हें मांसाहार कहा जा सकता है।
अंडे में तीन हिस्से होते हैं। पहला ऊपर की कवर होती है, जिसे छिलका कहा जाता है। जबकि दूसरा हिस्सा सफेद जर्दी वाला और तीसरा पीला हिस्सा होता है। इसे योक कहते हैं। सफेद वाले हिस्से में केवल प्रोटीन होता है जबकि योक में प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और फैट होता है। लेकिन फर्जिलाइज्ड एग इससे अलग होता है, जिसे मुर्गी मुर्गे के संपर्क में आने के बाद देती है। इस एग में प्रोटीन, कोलेस्ट्रोल, फैट तो होता ही है, इसके अलाव इसमें गैमीट सेल्स भी होते हैं। इसी कारण से फर्टिलाइज्ड एग को मांसाहार कहा जाता है।