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- रोटी और चपाती में क्या...
रोटी भारतीय भोजन का अहम हिस्सा है, सुबह के नाश्ते में हो या दोपहर के भोजन में लोगों के घर में रोटी जरूर बनाई जाती है। शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब घरों में रोटी नहीं बनती होगी। उत्तर और मध्य भारत में रोटी भोजन का अहम हिस्सा है। भारत में कई राज्य ऐसे भी हैं, जहां चावल ज्यादा खाया जाता है, लेकिन वहां भी रोटी जरूर बनाई जाती है। रोटी से न सिर्फ हमारा पेट भरता है, बल्कि यह हमारे सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। गेहूं के आटे से तैयार रोटी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और कई जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं।
ये तो रही रोटी की बात जिसे ज्यादातर लोग चपाती भी कहते हैं। बहुत से लोगों का यह मानना है कि रोटी को ही अंग्रेजी में चपाती कहा जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि रोटी और चपाती दोनों एक दूसरे से अलग हैं, रोटी को अंग्रेजी में चपाती नहीं कहा जाता है। दिखने में भले ही रोटी और चपाती एक समान दिखते हो, लेकिन इसे बनाने का तरीका और दोनों के नाम के पीछे खास इतिहास छिपा हुआ है। ऐसे में चलिए बिना देर किए जान लेते हैं, रोटी और चपाती के बीच क्या अंतर है।
क्या है रोटी और चपाती में अंतर? बता दें कि रोटी शब्द संस्कृत के रोटिका शब्द से लिया गया है। रोटिका का अर्थ है अनाज को पीसकर तवे पर सेंकी गई गोल चपटी टिकिया। हालांकि बहुत से लोगों में यह भ्रम है कि रोटी एक फारसी शब्द है। तो चलिए जानते हैं, दोनों के बीच का अंतर... चपाती बनाने के लिए आटा को गिला गूंथा जाता है। चपाती बनाने के लिए कभी भी चकला या बेलन का उपयोग नहीं किया जाता है, बल्कि दोनों हाथों में नरम लोई लेकर चपाती बनाया जाता है। दोनों हाथों को पीट-पीटकर चपाती को अच्छे से रोटी की तरह पतला किया जाता है और गोल आकार में बनाने के बाद तवे पर सेंक कर गरमा-गरम परोसा जाता है।
वहीं इसके विपरीत रोटी का आटा सख्त गूंथा जाता है। सख्त आटा गूंथने के बाद, चकला, बेलन और पलेथन की मदद से बेलकर तवे पर सेंका जाता है। चपाती के मुकाबले रोटी पतली होती है, जो आसानी से तवे और आग में फूल जाती है। कौन है ज्यादा फायदेमंद? बनाने के तरीके को छोड़ दिया जाए तो रोटी और चपाती में खास और कोई अंतर नहीं है। दोनों ही गेहूं के आटे से बनाई जाती है, इसलिए रोटी और चपाती दोनों ही समान रूप से सेहत के लिए फायदेमंद है।
चपाती के आटा को गूंथने के लिए ज्यादा पानी का उपयोग किया जाता है, इसलिए इसमें ज्यादा पानी की मात्रा होती है, जो कि शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करती है। चूंकि यह रोटी से अधिक मोटा होता है, इसलिए इसे गैस के आंच में पकाया जाता है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। वहीं रोटी को तवे पर ही सेक कर तवे में ही फूलाया जाता है, इसलिए यह सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाता।
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Sanjna Verma
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